रांची: जेएसएससी सीजीएल परीक्षा को लेकर उठा विवाद दिन-ब-दिन गहराता जा रहा है. इसे लेकर छात्रों ने आज मशाल जुलूस निकाला और अल्बर्ट एक्का पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और झारखंड कर्मचारी चयन आयोग का पुतला फूंका. छात्रों ने कहा कि सीजीएल परीक्षा में बड़ी अनियमितता हुई है. जब तक परीक्षा को रद्द नहीं किया जाता, तब तक चरणबद्ध आंदोलन चलता रहेगा.
उनका कहना है कि परीक्षा प्रक्रिया को रोक कर एसआईटी जांच करने के बजाय लीपापोती की जा रही है. सीडी के जरिए सबूत देने के बावजूद उल्टा सवाल किया जा रहा है कि वीडियो में दिख रहे छात्र का प्रमाण दें, जबकि यह पता लगाना आयोग का काम है.
छात्रों ने कहा कि सबूत पेश करने के बावजूद नोटिस पर नोटिस दिया जा रहा है. छात्रों के मुताबिक आयोग ने 7 तारीख को फिर बुलाया है. छात्रों ने आरोप लगाया कि सीटें बेची गई हैं. सरकार अपना भविष्य सुरक्षित कर रही है. उसको बच्चों के भविष्य की चिंता नहीं है. हर परीक्षा में धांधली हो रही है.
जुलूस के दौरान चरमराई ट्रैफिक व्यवस्था
छात्रों के मशाल जुलूस और पुतला फूंकने के दौरान अल्बर्ट एक्का चौक के आसपास की ट्रैफिक व्यवस्था चरमरा गई. इसका असर रांची के तमाम प्रमुख मार्गों पर दिखा. अल्बर्ट एक्का चौक के पास छात्रों के बीच से निकलने की कोशिश कर रहे राहगीरों के साथ तू-तू मैं-मैं भी हुई. हालांकि, पुलिस की चौकसी की वजह से कोई अप्रिय घटना नहीं घटी.
इससे पहले 30 सितंबर को अभ्यर्थियों ने राज्य कर्मचारी चयन आयोग के सामने देर रात तक प्रदर्शन किया था. आयोग से मिले नोटिस के आधार पर अभ्यर्थियों का एक प्रतिनिधिमंडल भी पहुंचा. राज्यपाल के निर्देश पर जेएसएससी सचिव के नेतृत्व में गठित जांच टीम के समक्ष छात्रों ने अपनी बातें भी रखी.
इस दौरान आयोग कार्यालय में सचिव सुधीर कुमार गुप्ता, परीक्षा नियंत्रक अरविंद लाल ने अभ्यर्थियों को समझाने का भरसक प्रयास किया. छात्रों के साथ एक घंटे से अधिक समय तक बातचीत चलती रही. अभ्यर्थियों के तर्कों से आयोग संतुष्ट नहीं हुआ और परीक्षा रद्द करने की मांग को खारिज कर दिया था.
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