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क्या है BPSC परीक्षा में नॉर्मलाईजेशन का मतलब? बोले छात्र नेता- '6 दिसंबर को विरोध में होगा महाआंदोलन'

बीपीएससी 70वीं परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन लागू का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. छात्र नेता दिलीप ने 6 दिसंबर को महाआंदोलन का ऐलान किया है.

normalization in BPSC
BPSC परीक्षा में नॉर्मलाईजेशन का विरोध (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : 9 hours ago

Updated : 9 hours ago

पटना: आगामी 6 दिसंबर को बिहार लोक सेवा आयोग कार्यालय के बाहर आयोग की 70 वीं प्रीलिम्स परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन लागू किए जाने के विरोध में महाआंदोलन का कॉल है. चर्चित छात्र नेता और बिहार छात्र एकता मंच के अध्यक्ष दिलीप कुमार ने नॉर्मलाइजेशन के विरोध में 6 दिसंबर को सुबह 11:00 बजे आयोग कार्यालय के बाहर आंदोलन का कॉल दिया है.

'नॉर्मलाइजेशन धांधली सेटिंग का बेहतर तरीका': सोशल मीडिया में इस कॉल पर अभ्यर्थियों का काफी रिस्पांस देखने को मिल रहा है. दिलीप ने कहा है कि धांधली सेटिंग के लिए नॉर्मलाइजेशन सबसे बेहतरीन तरीका है. छात्र नेता दिलीप ने कहा कि 70वीं बीपीएससी पीटी में तीन सेट में प्रश्न पत्र पूछे जाने का एक लेटर वायरल हुआ है और यह लेटर सही पाया गया है.

बिहार छात्र एकता मंच के अध्यक्ष दिलीप कुमार (ETV Bharat)

"इसका मतलब यह है कि बीपीएससी में नॉर्मलाइजेशन इस बार से लागू हो रहा है. बीपीएससी ऐसा गुप्त रूप से करने जा रही थी लेकिन लेटर सामने आने से परीक्षा के पहले यह बात सामने आ गई. नॉर्मलाइजेशन धांधली सेटिंग का सबसे सुरक्षित तरीका है. किसी का कम मार्क्स है तो ज्यादा कर दिया जाएगा और किसी का ज्यादा है तो कम कर दिया जाएगा. इसमें किसी को कुछ पता नहीं चलेगा. शिक्षा माफियाओं, कोचिंग माफियाओं और नौकरी माफियाओं के इशारे पर यह किया जा रहा है."- दिलीप कुमार, छात्र नेता

'15 नवंबर की बैठक क्यों नहीं हुई?': छात्र नेता दिलीप ने कोचिंग संचालकों को निशाने पर लेते हुए कहा कि कुछ शिक्षकों ने कहा कि नॉर्मलाइजेशन लागू कीजिए. एक बहरूपिया कोचिंग संचालक शिक्षक 4-5 नवंबर को गुपचुप तरीके से जाकर बीपीएससी के अध्यक्ष से मिल लेता है. इसके बाद जो 15 नवंबर को अभ्यार्थियों के साथ बैठक होनी थी वह नहीं होती है.

'नॉर्मलाइजेशन स्वीकार नहीं': दिलीप ने आरोप लगाया कि अकेले में शिक्षक ने अध्यक्ष से मिलकर सेटिंग की है. आयोग चोर दरवाजे से नॉर्मलाइजेशन लागू करने के इरादे में था, लेकिन यह अब सामने आ गया है. नॉर्मलाइजेशन को अभ्यर्थी स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है.

कोचिंग माफियाओं पर छात्र नेता का आरोप: छात्र नेता दिलीप ने कहा कि क्या अब बीपीएससी कोचिंग माफिया शिक्षक माफिया और परीक्षा माफिया के कहने पर नियम और प्रक्रिया में बदलाव कर रही है. क्या माफियाओं के इशारे पर लाखों अभ्यर्थियों के भविष्य के साथ आयुक्त खिलवाड़ कर रहा है. यह बिल्कुल नहीं चलेगा. किसी स्थिति में अभ्यर्थियों को नॉर्मलाइजेशन स्वीकार्य नहीं है. सभी अभ्यर्थियों के लिए 150 प्रश्न एक समान होने चाहिए. सभी अभ्यर्थियों की यही मांग है कि वन-डे, वन शिफ्ट, वन सेट का पेपर एग्जाम संपन्न हो. नो नॉर्मलाइजेशन किया जाए.

6 दिसंबर को महाधरना: दिलीप ने कहा कि अभ्यर्थी इसी मांग के साथ नॉर्मलाइजेशन परीक्षा से हटाने के लिए 6 दिसंबर को बीपीएससी कार्यालय पहुंचेंगे. हजारों लाखों की तादाद में अभ्यर्थी 11:00 तक पहुंचेंगे और शांतिपूर्ण तरीके से अपना विरोध जताएंगे. मीडिया के माध्यम से अपनी बातों को रखेंगे और प्रतिनिधि मंडल आयोग के अध्यक्ष के समक्ष अपनी बातों को रखेंगे.

क्या होता है नॉर्मलाइजेशन?: बीपीएससी परीक्षा के साथ नॉर्मलाइजेशन शब्द जुड़ने से हंगामा शुरू हो गया है. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर बीपीएससी की परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन का मतलब क्या है. ईटीवी भारत आसान शब्दों में आपको इसका मतलब और हंगामे का कारण बताने जा रहा है. दरअसल जब अभ्यर्थियों की संख्या बहुत अधिक है तो ऐसे में दो पाली या उससे अधिक पाली में परीक्षा ली जाती है.

आसान और मुश्किल का होगा निर्णय: इसके मुताबिक जब एक पाली में कुछ अभ्यर्थियों के कम अंक आए हैं या अटेम्प भी कम रहेगा तो उस पाली को कठिन माना जाएगा. वहीं दूसरी पाली में अगर नंबर ज्यादा आए और अटेम्ट भी ज्यादा हैं, तो ये पाली आसान मानी जाएगी. अभ्यर्थी इस व्यवस्था को अपने साथ अन्याय बता रहे हैं. नॉर्मलाइजेशन के अनुसार आसान पाली वाले के नंबर के हिसाब से मुश्किल पाली वालों के नंबर को बढ़ाया जाएगा. बीपीएससी एग्जाम में भी इसे फॉलो करने की बात हो रही है. वहीं अभ्यर्थियों का कहना है कि सामान्य ज्ञान तो जिसको जितना पता है वैसा ही जवाब देगा. इसमें नॉर्मलाइजेशन सही नहीं है.

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बिहार छात्र एकता मंच ने BPSC को दी आंदोलन की चेतावनी, इस मांग को लेकर आगे आए छात्र नेता

पटना: आगामी 6 दिसंबर को बिहार लोक सेवा आयोग कार्यालय के बाहर आयोग की 70 वीं प्रीलिम्स परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन लागू किए जाने के विरोध में महाआंदोलन का कॉल है. चर्चित छात्र नेता और बिहार छात्र एकता मंच के अध्यक्ष दिलीप कुमार ने नॉर्मलाइजेशन के विरोध में 6 दिसंबर को सुबह 11:00 बजे आयोग कार्यालय के बाहर आंदोलन का कॉल दिया है.

'नॉर्मलाइजेशन धांधली सेटिंग का बेहतर तरीका': सोशल मीडिया में इस कॉल पर अभ्यर्थियों का काफी रिस्पांस देखने को मिल रहा है. दिलीप ने कहा है कि धांधली सेटिंग के लिए नॉर्मलाइजेशन सबसे बेहतरीन तरीका है. छात्र नेता दिलीप ने कहा कि 70वीं बीपीएससी पीटी में तीन सेट में प्रश्न पत्र पूछे जाने का एक लेटर वायरल हुआ है और यह लेटर सही पाया गया है.

बिहार छात्र एकता मंच के अध्यक्ष दिलीप कुमार (ETV Bharat)

"इसका मतलब यह है कि बीपीएससी में नॉर्मलाइजेशन इस बार से लागू हो रहा है. बीपीएससी ऐसा गुप्त रूप से करने जा रही थी लेकिन लेटर सामने आने से परीक्षा के पहले यह बात सामने आ गई. नॉर्मलाइजेशन धांधली सेटिंग का सबसे सुरक्षित तरीका है. किसी का कम मार्क्स है तो ज्यादा कर दिया जाएगा और किसी का ज्यादा है तो कम कर दिया जाएगा. इसमें किसी को कुछ पता नहीं चलेगा. शिक्षा माफियाओं, कोचिंग माफियाओं और नौकरी माफियाओं के इशारे पर यह किया जा रहा है."- दिलीप कुमार, छात्र नेता

'15 नवंबर की बैठक क्यों नहीं हुई?': छात्र नेता दिलीप ने कोचिंग संचालकों को निशाने पर लेते हुए कहा कि कुछ शिक्षकों ने कहा कि नॉर्मलाइजेशन लागू कीजिए. एक बहरूपिया कोचिंग संचालक शिक्षक 4-5 नवंबर को गुपचुप तरीके से जाकर बीपीएससी के अध्यक्ष से मिल लेता है. इसके बाद जो 15 नवंबर को अभ्यार्थियों के साथ बैठक होनी थी वह नहीं होती है.

'नॉर्मलाइजेशन स्वीकार नहीं': दिलीप ने आरोप लगाया कि अकेले में शिक्षक ने अध्यक्ष से मिलकर सेटिंग की है. आयोग चोर दरवाजे से नॉर्मलाइजेशन लागू करने के इरादे में था, लेकिन यह अब सामने आ गया है. नॉर्मलाइजेशन को अभ्यर्थी स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है.

कोचिंग माफियाओं पर छात्र नेता का आरोप: छात्र नेता दिलीप ने कहा कि क्या अब बीपीएससी कोचिंग माफिया शिक्षक माफिया और परीक्षा माफिया के कहने पर नियम और प्रक्रिया में बदलाव कर रही है. क्या माफियाओं के इशारे पर लाखों अभ्यर्थियों के भविष्य के साथ आयुक्त खिलवाड़ कर रहा है. यह बिल्कुल नहीं चलेगा. किसी स्थिति में अभ्यर्थियों को नॉर्मलाइजेशन स्वीकार्य नहीं है. सभी अभ्यर्थियों के लिए 150 प्रश्न एक समान होने चाहिए. सभी अभ्यर्थियों की यही मांग है कि वन-डे, वन शिफ्ट, वन सेट का पेपर एग्जाम संपन्न हो. नो नॉर्मलाइजेशन किया जाए.

6 दिसंबर को महाधरना: दिलीप ने कहा कि अभ्यर्थी इसी मांग के साथ नॉर्मलाइजेशन परीक्षा से हटाने के लिए 6 दिसंबर को बीपीएससी कार्यालय पहुंचेंगे. हजारों लाखों की तादाद में अभ्यर्थी 11:00 तक पहुंचेंगे और शांतिपूर्ण तरीके से अपना विरोध जताएंगे. मीडिया के माध्यम से अपनी बातों को रखेंगे और प्रतिनिधि मंडल आयोग के अध्यक्ष के समक्ष अपनी बातों को रखेंगे.

क्या होता है नॉर्मलाइजेशन?: बीपीएससी परीक्षा के साथ नॉर्मलाइजेशन शब्द जुड़ने से हंगामा शुरू हो गया है. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर बीपीएससी की परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन का मतलब क्या है. ईटीवी भारत आसान शब्दों में आपको इसका मतलब और हंगामे का कारण बताने जा रहा है. दरअसल जब अभ्यर्थियों की संख्या बहुत अधिक है तो ऐसे में दो पाली या उससे अधिक पाली में परीक्षा ली जाती है.

आसान और मुश्किल का होगा निर्णय: इसके मुताबिक जब एक पाली में कुछ अभ्यर्थियों के कम अंक आए हैं या अटेम्प भी कम रहेगा तो उस पाली को कठिन माना जाएगा. वहीं दूसरी पाली में अगर नंबर ज्यादा आए और अटेम्ट भी ज्यादा हैं, तो ये पाली आसान मानी जाएगी. अभ्यर्थी इस व्यवस्था को अपने साथ अन्याय बता रहे हैं. नॉर्मलाइजेशन के अनुसार आसान पाली वाले के नंबर के हिसाब से मुश्किल पाली वालों के नंबर को बढ़ाया जाएगा. बीपीएससी एग्जाम में भी इसे फॉलो करने की बात हो रही है. वहीं अभ्यर्थियों का कहना है कि सामान्य ज्ञान तो जिसको जितना पता है वैसा ही जवाब देगा. इसमें नॉर्मलाइजेशन सही नहीं है.

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