पटना: बीपीएससी की परीक्षा को लेकर संशय बना हुआ है. सूत्रों के अनुसार आर्थिक अपराध इकाई की जांच के बाद बीपीएससी परीक्षा कैंसिल कर सकता है. शुक्रवार 15 मार्च को आयोजित हुई तीसरे चरण की शिक्षक बहाली के दोनों शिफ्ट की परीक्षा पेपर लीक के संदेह में है. क्वेश्चन पेपर के साथ कई सॉल्वर गैंग पकड़े गए हैं और यह कार्रवाई परीक्षा के दौरान ही हुई है.
तीसरे चरण के शिक्षक बहाली परीक्षा पर लटकी तलवार: 2 दिन में ईओयू अपनी जांच रिपोर्ट बिहार लोक सेवा आयोग को सौंपेगी. पेपर लीक की पुष्टि होने पर शिक्षक बहाली के तीसरे चरण की परीक्षा रद्द भी हो सकती है. छात्र नेता दिलीप ने भी पेपर लीक के तमाम साक्ष्य प्रस्तुत करते हुए पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग की है.
'पूरे मामले की हो सीबीआई जांच'- छात्र नेता: इस पूरे प्रकरण पर छात्र नेता दिलीप ने कहा कि वह इस परीक्षा को रद्द कर पारदर्शी परीक्षा कराने की मांग करने के साथ-साथ इस पूरे मामले की सीबीआई जांच करने की मांग करते हैं. उन्होंने कहा कि उनको अभ्यर्थियों ने काफी साक्ष्य उपलब्ध कराए हैं कि 1:24 पर जो क्वेश्चन पेपर उपलब्ध हुआ है. वहीं 2:30 बजे के परीक्षा में सेम टू सेम पूछा गया है.
"प्रत्येक कैंडिडेट से 12 लाख रुपए में तीसरे चरण के प्रश्न पत्रों का सौदा हुआ है. सॉल्वर गैंग प्रश्न पत्र खरीदने वालों को 2 दिन पहले अपने पास बुला लिए थे और उन्हें प्रश्न पत्र देने के बजाय सभी आंसर रटवाए गए थे."- दिलीप, छात्र नेता
पकड़े गए 300 से अधिक लोग: छात्र नेता दिलीप ने कहा कि उनके पास काफी अभ्यर्थियों ने शिकायत की है. जिसके बाद उन्होंने भी आर्थिक अपराध इकाई का संपर्क अभ्यर्थियों को दिया और अभ्यर्थियों ने आर्थिक अपराध इकाई से संपर्क किया. आर्थिक अपराध इकाई ने भी त्वरित संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की और 300 से अधिक लोग अभी तक पकड़े जा चुके हैं.
बीपीएससी पर भी उठाए सवाल: उन्होंने कहा कि बीपीएससी के भीतर ही गड़बड़ किया गया है. बिना किसी अधिकारी के मिली भगत के यह संभव नहीं हो सकता है. जिनके पास प्रश्न पत्र की सुरक्षा की जानकारी जिम्मेवारी होती है, उन्हीं लोगों ने यह काम किया है. प्रदेश के लाखों बेरोजगार नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है.
'बड़े अधिकारियों की मिली भगत': दिलीप ने बताया कि इस पूरे प्रकरण में बीपीएससी के कर्मचारी नहीं बल्कि बड़े स्तर के अधिकारी हैं जिनको कोई जल्दी छू नहीं सकता. यही लोग मिलकर पेपर लीक किए हैं. परीक्षा का पेपर लीक होने की जानकारी दो दिन पहले से मिल रही थी और वह अपने सोशल मीडिया पर इस बात को लेकर आगाह भी कर रहे थे. उनको जो डर था वह सही साबित हुआ.
पहले भी हो चुकी है फजीहत: BPSC ने बिहार में पिछले दो चरण की शिक्षक बहाली परीक्षा पारदर्शी तरीके से संपन्न हुई. काफी कम समय में लाखों नियुक्तियां करके बीपीएससी ने देश भर में एक रिकॉर्ड स्थापित किया. इससे पहले 67वीं बीपीएससी में प्रीलिम्स परीक्षा का पेपर लीक होने के बाद बीपीएससी की काफी फजीहत हुई थी.
अभ्यर्थियों का दावा: इसके बाद आयोग के अध्यक्ष अतुल प्रसाद ने पदभार ग्रहण करने के बाद अपने कार्यकाल में पारदर्शी परीक्षा के लिए कई तकनीकी बदलाव किया. कदाचार मुक्त पारदर्शी परीक्षा के लिए बीपीएससी ने मिसाल भी बनाया. लेकिन एक बार फिर से सिपाही बहाली परीक्षा की तरह TRE 3.0 में क्वेश्चन पेपर ही पहले लीक हो गया है. बाद में यह हू-बहू मिला भी है जिसका अभ्यर्थी दावा कर रहे हैं.
लोकसभा चुनाव के बाद पूरी हो सकती है प्रक्रिया: बहरहाल बीपीएससी ने तीसरे चरण के शिक्षक बहाली में प्राथमिक, मध्य, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक के लगभग 88 हजार पदों पर वैकेंसी निकाली थी. प्राथमिक और मध्य विद्यालय के लिए आयोजित हुई परीक्षा अब पेपर लीक के संदेह के घेरे में है. माध्यमिक और उच्च माध्यमिक के परीक्षा के लिए अभी तिथि की घोषणा भी नहीं हुई है. ऐसे में जो कयास लगाए जा रहे हैं अब तीसरे चरण की बहाली प्रक्रिया लोकसभा चुनाव के बाद ही पूरी हो सकती है.
पढ़ें- क्या BPSC शिक्षक भर्ती परीक्षा का पेपर हुआ लीक?, EOU की जांच रिपोर्ट का इंतजार