जयपुर. राजस्थान विश्वविद्यालय के स्विमिंग पूल में डूबने से छात्र की मौत होने का मामला सामने आया है. हादसे में नीमकाथाना निवासी छात्र विकास यादव की मौत हो गई. घटना के बाद मृतक के परिजनों के साथ सैकड़ों की संख्या में छात्रों ने विरोध-प्रदर्शन करना शुरू कर दिया. छात्रों ने कुलपति निवास का घेराव किया और राजस्थान विश्वविद्यालय प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया. दरअसल, घटना के दौरान स्विमिंग पूल पर कोई भी कोच मौजूद नहीं था. साढे तीन फीट की गहराई में छात्र की मौत को लेकर अब सवाल खड़े किए जा रहे हैं कि आखिर इतने कम पानी में छात्र कैसे डूब गया. परिजनों ने कार्रवाई की मांग की है.
गांधीनगर थाना अधिकारी उदयभान यादव के मुताबिक नीमकाथाना निवासी विकास यादव राजस्थान विश्वविद्यालय के अंबेडकर हॉस्टल में रहकर पढ़ाई कर रहा था. शाम को कई 5 बजे राजस्थान विश्वविद्यालय के स्विमिंग पूल में स्विमिंग करने के लिए गया था. गुरुवार शाम को स्विमिंग करते समय उसकी तबीयत अचानक बिगड़ गई और स्विमिंग पूल में डूब गया. छात्र को सवाई मानसिंह अस्पताल ले जाया गया, जहां पर डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. छात्र के शव को सवाई मानसिंह अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के असली कारणों का पता चल सकेगा.
स्विमिंग पूल में मौजूद दूसरे छात्रों का कहना है कि अचानक विकास को चक्कर आ गए और वह पानी के अंदर चला गया. इसके बाद मौके पर मौजूद अन्य छात्रों ने स्विमिंग पूल स्टाफ को सूचना दी. मौके पर मौजूद स्टाफ ने तुरंत छात्र को पानी से बाहर निकाला और सवाई मानसिंह अस्पताल पहुंचाया गया. जहां पर डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. स्विमिंग पूल स्टाफ का कहना है कि जब विकास को स्विमिंग पूल से बाहर निकाला गया तो उसकी सांस चल रही थी और वह बेहोशी की हालत में था.
कुलपति बोलीं - जरूरत पड़ी तो करेंगे जांच : वहीं मृतक के परिजनों का आरोप है कि स्विमिंग पूल स्टाफ की लापरवाही से विकास की मौत हुई है. साढ़े तीन फीट गहरे पानी में विकास कैसे डूब गया. इतने कम पानी में डूब कर कैसे मौत हो गई. पूरे मामले को लेकर परिजनों ने निष्पक्ष जांच और कार्रवाई की मांग की है. मामले की जानकारी मिलते ही राजस्थान विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर अल्पना कटेजा भी सवाई मानसिंह अस्पताल की मोर्चरी पहुंचीं. कुलपति ने कहा कि छात्र की मौत होने की घटना बहुत ही दुखद है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत की वजह सामने आएगी. जरूरत पड़ने पर मामले की जांच भी करवाई जाएगी.
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स्विमिंग पूल के निदेशक पर कार्रवाई की मांग : सैकड़ों की संख्या में छात्र मृतक के परिजनों के साथ सड़कों पर उतर गए. गुरुवार देर रात तक छात्रों ने कुलपति के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और विरोध प्रदर्शन किया. एनएसयूआई के राष्ट्रीय प्रवक्ता रमेश भाटी ने कहा कि यूनिवर्सिटी प्रशासन की लापरवाही से छात्र की मौत हुई है. मौके पर कोई सुरक्षा कर्मी मौजूद नहीं था. स्विमिंग पूल के पास सीसीटीवी कैमरे भी नहीं है. मृतक के परिजनों और विश्वविद्यालय के अन्य छात्रों की ओर से परिवार के एक सदस्य को नौकरी और एक करोड़ रुपए मुआवजा राशि देने की मांग की गई है. स्विमिंग पूल के निदेशक और कोच पर मुकदमा दर्ज करने की मांग की गई है.