खटीमा: तहसील क्षेत्र के जमौर व बरी अंजनिया इलाकों में किसान खेतों में पराली जलाकर वायु प्रदूषण को बढ़ावा दे रहे हैं. शासन और प्रशासन ने पराली जलाने से रोकने के लिए सख्त निर्देश के बावजूद भी पराली जलाई जा रही है. वहीं पराली जलाने से सीमांत इलाके में वायु प्रदूषण का खतरा मंडरा रहा है. वहीं दूसरी ओर प्रशासन द्वारा ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं.
कई ग्रामीण इलाकों जलाई जा रही पराली: पिछले कुछ समय में पंजाब, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड समेत कई राज्यों में खेतों में पराली जलाने से होने वाले वायु प्रदूषण की रोकथाम हेतु इस पर रोक लगाई गई है. उत्तराखंड सरकार द्वारा भी पूर्व में वायु प्रदूषण रोकथाम हेतु खेतों में पराली जलाने पर रोक लगाई गई है. लेकिन इसके बावजूद भी उधम सिंह नगर जिले के खटीमा तहसील क्षेत्र के कई ग्रामीण इलाकों में किसान इन दिनों अपने खेतों में पराली जलाते दिखाई दे रहे हैं. जिससे पूरे इलाके में धुध छाने लगी है.
प्रशासन ने रोकथाम का दिया आश्वासन: वहीं खटीमा एसडीएम रविंद्र बिष्ट ने पराली जलाने को पूर्ण प्रतिबंधित बताया. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर किसी इलाके में किसानों द्वारा पराली जलाई जा रही है तो इसकी जांच कर उसे रोका जाएगा. साथ ही इसकी रोकथाम हेतु राजस्व कर्मियों के साथ पुलिस प्रशासन की भी मदद ली जाएगी. बता दें कि पराली जलाने से वायु प्रदूषण बढ़ने के साथ धुध फैलती है. जिससे लोगों को सांस लेने में तकलीफ और आंखों में जलन होने लगती है. अस्थमा के मरीजों को सबसे ज्यादा परेशानी होती है.
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