कोटा: राज्य सरकार ने शादी विवाह के सीजन में भी बनने वाले भोजन की शुद्धता बढ़ाने का टारगेट खाद्य सुरक्षा विभाग को दिया है. सभी फूड सेफ्टी ऑफिसर्स को निर्देश दिए हैं कि वह शादी विवाह में हो रहे माल की सप्लाई की जांच करें. नमूने भी लें. इसी के चलते कोटा में भी खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम अब तक 22 नमूने ले चुकी है. इसके अलावा एक पनीर फैक्ट्री पर भी कार्रवाई की गई है, जहां पर मिल्क पाउडर से पनीर बनाने का दावा किया गया था. इस फैक्ट्री में पकड़े गए 72 किलो पनीर को नष्ट करवाया गया है.
यह कार्रवाई फूड सेफ्टी ऑफिसर चंद्रवीर सिंह जादौन, नितेश गौतम और संदीप अग्रवाल ने की. संदीप अग्रवाल का कहना है कि शादी विवाह में सप्लाई होने वाले मिल्क प्रोडक्ट पर उनकी ज्यादा निगरानी है. दूध के साथ-साथ मिल्क प्रोडक्ट में दही, मावा, छाछ, पनीर और मिठाई के भी नमूने लिए जा रहे हैं. रसगुल्ला और अन्य बंगाली मिठाई के नमूने भी लिए गए हैं. शादी में सप्लाई होने वाले तेल मसाले के भी नमूने लिए जा रहे हैं.
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दिवाली पर फेल हुए 56 नमूने: फूड सेफ्टी ऑफिसर्स ने दिवाली के सीजन में 7 से 31 अक्टूबर के बीच 122 नमूने लिए. जिनमें सभी की रिपोर्ट अब तक आ गई है. इनमें 56 नमूने फेल हैं, यानी कि करीब 46 फीसदी मिलावट सामने आई है. लिया गया लगभग हर दूसरा नमूना फेल हुआ है. फूड सेफ्टी ऑफिसर चंद्रवीर सिंह जादौन ने बताया कि इन नमूनों में 11 नमूने अनसेफ कैटेगरी में हैं. यानी कि वे खाने योग्य बिल्कुल भी नहीं थे. इनमें मिल्क केक, रिफाइंड तेल, बादाम कतरन, रसगुल्ला और घी के नमूने शामिल हैं.
चटनी, बेसन व धनिया के नमूने भी फेल: जादौन ने बताया कि दिवाली के सीजन में लिए गए 45 नमूने सब स्टैंडर्ड कैटेगरी के थे. फेल हुए अन्य नमूनों में मिर्च, हल्दी, चटनी, बेसन, आटा, धनियां, नमकीन, बिस्किट, मौसमी जूस, लड्डू और पेड़े शामिल है. अब फूड सेफ्टी ऑफीसर्स इन सभी 56 मामलों में अलग-अलग न्यायालय में वाद दायर करेंगे. जिनमें सब स्टैंडर्ड कैटेगरी में एडीएम सिटी कोर्ट में बाद दायर किया जाता है, इसमें जुर्माने का प्रावधान होता है. जबकि अनसेफ कैटेगरी में सजा का प्रावधान भी है, यह बात न्यायालय में दायर होते हैं.
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प्लानिंग से कर रहे हैं कार्रवाई: फूड सेफ्टी ऑफिसर संदीप अग्रवाल का कहना है कि उनके निशाने पर ज्यादातर वे फैक्ट्रियां है जो कि स्लम एरिया में बनी हुई हैं. इसके अलावा ट्रांसपोर्टर और अन्य लोगों से भी लगातार में फीडबैक लेते रहते हैं, ताकि कहां से कौन सा मिलावटी माल आ रहा है. इसकी जानकारी उन्हें मिले. बाजार में भी क्वालिटी प्रोडक्ट बेचने वाले लोगों से लगातार संपर्क बनाए रखते हैं और उनसे यह भी जानकारी लेते हैं कि सस्ता और बेकार माल कौन बेच रहा है.