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आजादी की कहानी; फिरोजाबाद की इस गुफा में क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद ने गुजारा था एक महीना - Firozabad Story of Independence - FIROZABAD STORY OF INDEPENDENCE

चंद्रशेखर आजाद के बारे में कौन नहीं जानता है लेकिन यह बात शायद ही आप जानते होंगे कि उनका फिरोजाबाद जिले से भी नाता रहा है. अंग्रेजी हुकूमत जब उन्हें खोज रही तो उन्होंने अपने अज्ञातवास का एक महीना यहां पर ही गुजारा था.

चंद्रशेखर आजाद ने इस गुफा में गुजारे थे एक महीना.
चंद्रशेखर आजाद ने इस गुफा में गुजारे थे एक महीना. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 15, 2024, 8:23 AM IST

फिरोजाबाद: देश के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वालों की फेहरिस्त काफी लंबी है. इन्ही क्रांतिकारियों में एक नाम चंद्रशेखर आजाद का भी है, जिन्होंने देश की खातिर अपनी जान दे दी. चंद्रशेखर आजाद के बारे में कौन नहीं जानता है लेकिन यह बात शायद ही आप जानते होंगे कि उनका फिरोजाबाद जिले से भी नाता रहा है. अंग्रेजी हुकूमत जब उन्हें खोज रही तो उन्होंने अपने अज्ञातवास का एक महीना यहां पर ही गुजारा था.

फिरोजाबाद शहर के दक्षिणी इलाके में एक स्थान है, जिसे पेमेश्वर गेट कहा जाता है. यहां एक मंदिर और गुफा है. गुफा के गेट पर चंद्रशेखर आजाद की प्रतिमा लगी है. ईटीवी भारत ने जब इसके बारे में जानकारी की तो पता चला कि आजादी के आंदोलन के दौरान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद एक माह के अज्ञातवास के तहत यहां रुके थे.

हालांकि, यह बात किसी को पता नहीं थी कि चंद्रशेखर आजाद यहां रुके है. क्योंकि वह भेष बदलकर रहते थे. लेकिन, उनके जाने के बाद यह बात प्रचारित हुई थी. दरअसल, जिस स्थान पर वह रुके थे वहां एक गुफा है जो आज भी मौजूद है. यहां एक मंदिर है और एक अखाड़ा भी है. तब यहां बगीचा भी हुआ करता था.

क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद इस गुफा में रहते थे. सुबह उठकर नित्य कर्म करने के पश्चात व्यायाम करते थे. साथ ही अखाड़े में भी दांव पेंच दिखाते थे और फिर मंदिर में पूजा पाठ करते थे. एक महीना रहने के बाद जब वह यहां से चले गए तब लोगों को इस बात की जानकारी हो सकी.

उसके बाद लोगों ने यहां उनकी प्रतिमा को लगवाने का काम किया. मंदिर के महंत नरेश चंद्र पराशर बताते हैं कि वह तो पिछले 18-19 साल से ही यहां सेवा करते हैं लेकिन, उन्हें भी पूर्वजों ने यह बात बताई है कि यहां चंद्रशेखर आजाद रहते थे.

ये भी पढ़ेंः नेताजी सुभाष चंद्र के सामने आगरा के युवाओं ने खून से लिखा था 'जय हिंद', पढ़ें आजादी के मतवालों की रोचक कहानी

फिरोजाबाद: देश के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वालों की फेहरिस्त काफी लंबी है. इन्ही क्रांतिकारियों में एक नाम चंद्रशेखर आजाद का भी है, जिन्होंने देश की खातिर अपनी जान दे दी. चंद्रशेखर आजाद के बारे में कौन नहीं जानता है लेकिन यह बात शायद ही आप जानते होंगे कि उनका फिरोजाबाद जिले से भी नाता रहा है. अंग्रेजी हुकूमत जब उन्हें खोज रही तो उन्होंने अपने अज्ञातवास का एक महीना यहां पर ही गुजारा था.

फिरोजाबाद शहर के दक्षिणी इलाके में एक स्थान है, जिसे पेमेश्वर गेट कहा जाता है. यहां एक मंदिर और गुफा है. गुफा के गेट पर चंद्रशेखर आजाद की प्रतिमा लगी है. ईटीवी भारत ने जब इसके बारे में जानकारी की तो पता चला कि आजादी के आंदोलन के दौरान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद एक माह के अज्ञातवास के तहत यहां रुके थे.

हालांकि, यह बात किसी को पता नहीं थी कि चंद्रशेखर आजाद यहां रुके है. क्योंकि वह भेष बदलकर रहते थे. लेकिन, उनके जाने के बाद यह बात प्रचारित हुई थी. दरअसल, जिस स्थान पर वह रुके थे वहां एक गुफा है जो आज भी मौजूद है. यहां एक मंदिर है और एक अखाड़ा भी है. तब यहां बगीचा भी हुआ करता था.

क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद इस गुफा में रहते थे. सुबह उठकर नित्य कर्म करने के पश्चात व्यायाम करते थे. साथ ही अखाड़े में भी दांव पेंच दिखाते थे और फिर मंदिर में पूजा पाठ करते थे. एक महीना रहने के बाद जब वह यहां से चले गए तब लोगों को इस बात की जानकारी हो सकी.

उसके बाद लोगों ने यहां उनकी प्रतिमा को लगवाने का काम किया. मंदिर के महंत नरेश चंद्र पराशर बताते हैं कि वह तो पिछले 18-19 साल से ही यहां सेवा करते हैं लेकिन, उन्हें भी पूर्वजों ने यह बात बताई है कि यहां चंद्रशेखर आजाद रहते थे.

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