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चांदनी चौक का वो मकान, जहां अंग्रेजों के जमाने से लड़ा जा रहा चुनाव, कांग्रेस का है पुराना भरोसा, पढ़िए नौघरा की कहानी - Chandni Chowk Naughara

Chandni Chowk Naughara: चांदनी चौक का वो मकान जहां आजादी से पहले से और 2024 के लोक सभा चुनाव तक 20 नामांकन भरे जा चुके हैं. इस मकान का नाम है नौघरा, यहां से कांग्रेस के सीनियर नेता जय प्रकाश अग्रवाल ने 10वीं बार नामांकन भरा है. इनके पिता स्वतंत्रता सेनानी थे वो भी यहां से चुनाव लड़ चुके हैं.

चांदनी चौक के नौघरा की कहानी
चांदनी चौक के नौघरा की कहानी (SOURCE: ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : May 20, 2024, 10:01 AM IST

Updated : May 20, 2024, 6:29 PM IST

अंग्रेजों के जमाने से यहां से लड़ा जा रहा है चुनाव (ETV Bharat)

नई दिल्ली: राजधानी की 7 सीटों पर 25 मई को चुनाव होना है. 7 सीटों में एक अहम सीट है चांदनी लोकसभा सीट. चांदनी चौक दिल्ली का सबसे पुराना और व्यस्त बाजार है. इस सीट का पुराना इतिहास रहा है, यहां बहुत पुराने घर भी हैं. ऐसा ही एक घर है जहां आजादी से पहले से और 2024 के लोक सभा चुनाव तक 20 नामांकन भरे जा चुके हैं. वह है नौघरा, यह घर ऐतिहासिक बाजार चांदनी चौक के किनारी बाजार में स्थित है. यहां से कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के गठबंधन 'इंडिया' की ओर से प्रत्याशी जय प्रकाश अग्रवाल इस घर के पते से लोकसभा चुनाव के लिए 10वीं बार नामांकन भरा है. यहां से सबसे पहला नामांकन जयप्रकाश अग्रवाल के पिता लाला रामचरण अग्रवाल ने भरा था. जे पी अग्रवाल ने 'ETV भारत' से नौघरे के ऐतिहासिक महत्वता और बचपन की यादों को साझा किया.

अपने बचपन के दिनों को याद करते हुए उन्होंने बताया, "बचपन एक ऐसा समय है जिसे हर कोई दोबारा जीना चाहता है. उस समय को भूल पाना नामुमकिन है. नौघरे में ही जन्म हुआ, यही से रोज़ स्कूल जाता था आज भी वह दृश्य आंखों के सामने आता है, जब कमरे में पड़े सोफों पर सभी बच्चों के साथ मैं भी कूदा करता था. इसी घर में माँ ने पढ़ाया भी और पीटा भी, यही एग्जाम का भी जोर रहा।"

हालांकि, बीते 20 साल से जय प्रकाश अग्रवाल अपने नए घर में रहते हैं जो कि पृथ्वीराज रोड पर हैं. लेकिन वह लगातार नौघरे आते रहे हैं. इस घर में कुल 4 मंजिल हैं, जहां नौ कमरे हैं. उन्होंने बताया कि आज भी इसी घर के पते पर इलेक्शन आईकार्ड है. भले अब यहां नहीं रहता हूं, लेकिन आना जाना बराबार बना हुआ है. यहां भाई का दफ्तर है. इस घर में हमेशा कोई न कोई इवेंट होता है. उसको अटेंड करने के लिए महीने में 2-3 बार चक्कर लग जाता है. जब कि उनके बड़े और छोटे भाई डेली यहां आते हैं. उनके दोनों बेटे भी लगातार आते जाते रहते हैं. किसी समय यहां एक गेट में 9 घर थे, लिहाजा नौघरा नाम पड़ा. समय के साथ परिवार और घर दोनों बढ़े. कई परिवारों ने दूसरी जगर शिफ्ट कर लिया. यहां प्राचीन जैन मंदिर भी है, जो 500 से 700 साल पुराना है.

अंग्रेजों के जमाने से यहां से लड़ा जा रहा है चुनाव
अंग्रेजों के जमाने से यहां से लड़ा जा रहा है चुनाव (PHOTO-ETV BHARAT)

जे पी अग्रवाल ने आगे बताया कि चांदनी चौक होल सेल बाजार है, पहले नौघरे में भी कपड़े की गद्दी बनने का काम हुआ करता था. इसको देश भर में सप्लाई किया जाता था. इसके बाद 1962 में शर्ट के एक्सपोर्ट का काम शुरू हुआ. लेकिन राजनीतिक कामों के चलते उस को बंद कर दिया गया.

जिस घर से जयप्रकश अग्रवाल ने नामांकन भरा है वर्तमान में उसकी देखभाल बिहार के रहने वाले गुड्डू पासवान कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि 1985 से वह यहां रहते हैं और घर की देखभाल करते है. इस घर की दूसरी मंजिल पर उनका परिवार भी रहता है.

20 नामांकन भरे गए
11 नवंबर 1944 में दिल्ली के ऐतिहासिक बाजार चांदनी चौक के नौघरे में जयप्रकाश अग्रवाल का जन्म हुआ. उस समय उनके पिता ने सब से पहल नामांकन 1945 में भरा और म्युनिसिपल कमेटी का चुनाव जीता था. इसके बाद 1951 में कमेटी के सदस्य बने फिर 1954 में सदस्य बने. 1958 में दिल्ली म्युनिसिपल कमेटी के मेंबर बने. 1962 में फिर मेंबर बने. 1967 में दिल्ली मेट्रोपोलिटन काउंसिल के मेंबर बने. जे पी बताते हैं कि उन्होंने बचपन से हैं पिता को मेंबर बनते देखा. किस तरह लोग आते थे. दिन भर चाय बनती थी. जम कर राजनीति की बातें हुआ करती थीं. जय प्रकाश ने बताया कि 1983 में मैं कॉरपोरेशन का मेंबर चुना गया. 1984 से अब तक इस मकान से लोकसभा के 10 चुनाव लड़ चुका हूं. इसी घर से राज्यसभा का चुनाव लड़ा है.

बता दें कि इंडिया गठबंधन के तहत जयप्रकाश अग्रवाल चांदनी चौक से कांग्रेस के प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं उनके समाने बीजेपी ने प्रवीण खंडेलवाल को मैदान में उतारा है. जयप्रकाश अग्रवाल ने बताया कि वर्तमान में कई समस्यांए हैं जिनसे व्यापारी बेहद परेशान हैं. आये दिन यहां आग की घटनाएं होती हैं. पर्याप्त शौचालयों की व्यवस्था नहीं है. पार्किंग की व्यवस्था नहीं है. अगर वो चुनाव जीत जायेंगे तो चांदनी चौक की रुपरेखा बदल देंगे.

चांदनी चौक में दिल्ली और देश का इतिहास बसता है ये केवल चुनावी क्षेत्र ही नहीं है बल्कि एक विरासत भी है. समय के साथ-साथ इस क्षेत्र का विस्तार होता गया. साथ ही यहां की समस्याएं भी बढ़ती गईं लेकिन इनका निदान नहीं किया गया. पर्यटन की दृष्टि से चांदनी चौक दिल्ली का प्रमुख एरिया माना जाता है यहां देश-विदेश से लाखों पर्यटक हर साल आते हैं और भारत के ऐतिहासिक मॉन्यूमेंट्स को निहारते हैं. चांदनी चौक को हैरिटेज हब बनाने की उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता होगी जिससे चांदनी चौक क्षेत्र को विश्व स्तरीय पहचान मिल सके साथ ही साथ इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा.

जयप्रकाश अग्रवाल दावा करते हैं कि चांदनी चौक में हर साल 'ग्लोबल फूड फैस्टिवल' का आयोजन भी किया जाएगा जिससे यहां देश-विदेश से आने वाले पर्यटक चांदनी चौक के विश्व प्रसिद्ध खानपान का आनंद उठा सकेंगे, साथ ही साथ इस फैस्टिवल से चांदनी चौक के उद्योग और व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा. अग्रवाल ने कहा कि इसके अलावा करीब 100 साल पुराने रोशनारा क्लब जो पिछले करीब 6 महीनों से बंद है और उसमें कार्यरत करीब 500 परिवार बेरोजगारी के कारण भुखमरी की कगार पर हैं सांसद चुने जाने के बाद रोशनारा क्लब को खुलवाने और लोगों को रोजगार दिलाना भी उनकी प्राथमिकता में शामिल है.

ये भी पढ़ें- CM हाउस में दिल्ली पुलिस ने की जांच, सील बंद बॉक्स लेकर निकली, जानिए क्या है मामला? - Swati Maliwal Assault Case

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अंग्रेजों के जमाने से यहां से लड़ा जा रहा है चुनाव (ETV Bharat)

नई दिल्ली: राजधानी की 7 सीटों पर 25 मई को चुनाव होना है. 7 सीटों में एक अहम सीट है चांदनी लोकसभा सीट. चांदनी चौक दिल्ली का सबसे पुराना और व्यस्त बाजार है. इस सीट का पुराना इतिहास रहा है, यहां बहुत पुराने घर भी हैं. ऐसा ही एक घर है जहां आजादी से पहले से और 2024 के लोक सभा चुनाव तक 20 नामांकन भरे जा चुके हैं. वह है नौघरा, यह घर ऐतिहासिक बाजार चांदनी चौक के किनारी बाजार में स्थित है. यहां से कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के गठबंधन 'इंडिया' की ओर से प्रत्याशी जय प्रकाश अग्रवाल इस घर के पते से लोकसभा चुनाव के लिए 10वीं बार नामांकन भरा है. यहां से सबसे पहला नामांकन जयप्रकाश अग्रवाल के पिता लाला रामचरण अग्रवाल ने भरा था. जे पी अग्रवाल ने 'ETV भारत' से नौघरे के ऐतिहासिक महत्वता और बचपन की यादों को साझा किया.

अपने बचपन के दिनों को याद करते हुए उन्होंने बताया, "बचपन एक ऐसा समय है जिसे हर कोई दोबारा जीना चाहता है. उस समय को भूल पाना नामुमकिन है. नौघरे में ही जन्म हुआ, यही से रोज़ स्कूल जाता था आज भी वह दृश्य आंखों के सामने आता है, जब कमरे में पड़े सोफों पर सभी बच्चों के साथ मैं भी कूदा करता था. इसी घर में माँ ने पढ़ाया भी और पीटा भी, यही एग्जाम का भी जोर रहा।"

हालांकि, बीते 20 साल से जय प्रकाश अग्रवाल अपने नए घर में रहते हैं जो कि पृथ्वीराज रोड पर हैं. लेकिन वह लगातार नौघरे आते रहे हैं. इस घर में कुल 4 मंजिल हैं, जहां नौ कमरे हैं. उन्होंने बताया कि आज भी इसी घर के पते पर इलेक्शन आईकार्ड है. भले अब यहां नहीं रहता हूं, लेकिन आना जाना बराबार बना हुआ है. यहां भाई का दफ्तर है. इस घर में हमेशा कोई न कोई इवेंट होता है. उसको अटेंड करने के लिए महीने में 2-3 बार चक्कर लग जाता है. जब कि उनके बड़े और छोटे भाई डेली यहां आते हैं. उनके दोनों बेटे भी लगातार आते जाते रहते हैं. किसी समय यहां एक गेट में 9 घर थे, लिहाजा नौघरा नाम पड़ा. समय के साथ परिवार और घर दोनों बढ़े. कई परिवारों ने दूसरी जगर शिफ्ट कर लिया. यहां प्राचीन जैन मंदिर भी है, जो 500 से 700 साल पुराना है.

अंग्रेजों के जमाने से यहां से लड़ा जा रहा है चुनाव
अंग्रेजों के जमाने से यहां से लड़ा जा रहा है चुनाव (PHOTO-ETV BHARAT)

जे पी अग्रवाल ने आगे बताया कि चांदनी चौक होल सेल बाजार है, पहले नौघरे में भी कपड़े की गद्दी बनने का काम हुआ करता था. इसको देश भर में सप्लाई किया जाता था. इसके बाद 1962 में शर्ट के एक्सपोर्ट का काम शुरू हुआ. लेकिन राजनीतिक कामों के चलते उस को बंद कर दिया गया.

जिस घर से जयप्रकश अग्रवाल ने नामांकन भरा है वर्तमान में उसकी देखभाल बिहार के रहने वाले गुड्डू पासवान कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि 1985 से वह यहां रहते हैं और घर की देखभाल करते है. इस घर की दूसरी मंजिल पर उनका परिवार भी रहता है.

20 नामांकन भरे गए
11 नवंबर 1944 में दिल्ली के ऐतिहासिक बाजार चांदनी चौक के नौघरे में जयप्रकाश अग्रवाल का जन्म हुआ. उस समय उनके पिता ने सब से पहल नामांकन 1945 में भरा और म्युनिसिपल कमेटी का चुनाव जीता था. इसके बाद 1951 में कमेटी के सदस्य बने फिर 1954 में सदस्य बने. 1958 में दिल्ली म्युनिसिपल कमेटी के मेंबर बने. 1962 में फिर मेंबर बने. 1967 में दिल्ली मेट्रोपोलिटन काउंसिल के मेंबर बने. जे पी बताते हैं कि उन्होंने बचपन से हैं पिता को मेंबर बनते देखा. किस तरह लोग आते थे. दिन भर चाय बनती थी. जम कर राजनीति की बातें हुआ करती थीं. जय प्रकाश ने बताया कि 1983 में मैं कॉरपोरेशन का मेंबर चुना गया. 1984 से अब तक इस मकान से लोकसभा के 10 चुनाव लड़ चुका हूं. इसी घर से राज्यसभा का चुनाव लड़ा है.

बता दें कि इंडिया गठबंधन के तहत जयप्रकाश अग्रवाल चांदनी चौक से कांग्रेस के प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं उनके समाने बीजेपी ने प्रवीण खंडेलवाल को मैदान में उतारा है. जयप्रकाश अग्रवाल ने बताया कि वर्तमान में कई समस्यांए हैं जिनसे व्यापारी बेहद परेशान हैं. आये दिन यहां आग की घटनाएं होती हैं. पर्याप्त शौचालयों की व्यवस्था नहीं है. पार्किंग की व्यवस्था नहीं है. अगर वो चुनाव जीत जायेंगे तो चांदनी चौक की रुपरेखा बदल देंगे.

चांदनी चौक में दिल्ली और देश का इतिहास बसता है ये केवल चुनावी क्षेत्र ही नहीं है बल्कि एक विरासत भी है. समय के साथ-साथ इस क्षेत्र का विस्तार होता गया. साथ ही यहां की समस्याएं भी बढ़ती गईं लेकिन इनका निदान नहीं किया गया. पर्यटन की दृष्टि से चांदनी चौक दिल्ली का प्रमुख एरिया माना जाता है यहां देश-विदेश से लाखों पर्यटक हर साल आते हैं और भारत के ऐतिहासिक मॉन्यूमेंट्स को निहारते हैं. चांदनी चौक को हैरिटेज हब बनाने की उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता होगी जिससे चांदनी चौक क्षेत्र को विश्व स्तरीय पहचान मिल सके साथ ही साथ इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा.

जयप्रकाश अग्रवाल दावा करते हैं कि चांदनी चौक में हर साल 'ग्लोबल फूड फैस्टिवल' का आयोजन भी किया जाएगा जिससे यहां देश-विदेश से आने वाले पर्यटक चांदनी चौक के विश्व प्रसिद्ध खानपान का आनंद उठा सकेंगे, साथ ही साथ इस फैस्टिवल से चांदनी चौक के उद्योग और व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा. अग्रवाल ने कहा कि इसके अलावा करीब 100 साल पुराने रोशनारा क्लब जो पिछले करीब 6 महीनों से बंद है और उसमें कार्यरत करीब 500 परिवार बेरोजगारी के कारण भुखमरी की कगार पर हैं सांसद चुने जाने के बाद रोशनारा क्लब को खुलवाने और लोगों को रोजगार दिलाना भी उनकी प्राथमिकता में शामिल है.

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Last Updated : May 20, 2024, 6:29 PM IST
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