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हलाल सर्टिफिकेट मामले में मौलाना मदनी से STF फिर करेगी पूछताछ, नोटिस जारी - Halal certificate case - HALAL CERTIFICATE CASE

बिना किसी सरकारी संस्था के अधिकृत किए ही पैसा लेकर हलाल सर्टिफिकेट देने के मामले में यूपी एसटीएफ मौलाना महमूद असद हुसैन मदनी को एक बार फिर लखनऊ स्थित मुख्यालय में तलब किया है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Apr 10, 2024, 4:13 PM IST

लखनऊ: यूपी एसटीएफ ने मौलाना महमूद असद हुसैन मदनी को एक बार फिर लखनऊ स्थित मुख्यालय में तलब किया है. दरअसल, एसटीएफ ने मौलाना महमूद को बिना किसी सरकारी संस्था के अधिकृत किए ही पैसा लेकर हलाल सर्टिफिकेट देने के मामले में तलब किया है.

STF मौलाना से करेगी दोबारा पूछताछ

अब एसटीएफ ईद के बाद मदनी से दोबारा पूछताछ करेगी. इससे पहले फरवरी माह में एसटीएफ ने मदनी से हलाल सर्टिफिकेट मामले में पूछताछ की थी. दरअसल, एसटीएफ ने हलाल सर्टिफिकेट देने वाली कंपनी हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया के चार पदाधिकारियों को मुंबई से गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी के बाद उनसे पूछताछ के दौरान मदनी का नाम सामने आया था. मौलाना मदनी का नाम हलाल सर्टिफिकेट मामले में आने के बाद यूपी एसटीएफ ने उन्हे, नोटिस देकर एसटीएफ मुख्यालय बुलाया था. जहां उनसे पूछताछ के गई थी. हालांकि, इस दौरान मदनी एसटीएफ के सवालों से बचते रहे और उनके जवाब देने के लिए अतिरिक्त मोहलत मांगी थी. ऐसे में अब एसटीएफ ने एक बार फिर उन्हे पूछताछ के लिए तलब किया है.


2023 में हुई थी FIR
दरअसल, हलाल सर्टिफिकेट को इस बात की गारंटी माना जाता है कि प्रोडक्ट को मुसलमानों के हिसाब से बनाया गया है यानी उसमें किसी तरह की मिलावट नहीं है और उसमें किसी ऐसे जानवर या उसके बाय-प्रोडक्ट का इस्तेमाल नहीं हुआ है, जिसे इस्लाम में हराम माना गया है. हलाल सर्टिफिकेशन वेज और नॉन-वेज दोनों तरह के प्रोडक्ट के लिए होता है. ऐसे में यूपी में हलाल सर्टिफिकेट प्रोडक्ट की जानकारी सामने आने पर हजरतगंज थाने में सितंबर 2023 को एफआईआर दर्ज की गई थी. जिसके बाद यूपी सरकार ने राज्य में हलाल सर्टिफिकेट प्रोडक्ट की बिक्री पर रोक लगाते हुए, पूरे मामले की जांच यूपी एसटीएफ को दे दी थी,

वहीं, इसके बाद जांच में सामने आया कि चेन्नई की कंपनी हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, जीमयत उलेमा हिंद हलाल ट्रस्ट दिल्ली, हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया मुम्बई विभिन्न उत्पादों पर उसकी ब्रिकी बढाने के लिए पैसे कमाने के लिए हलाल प्रमाण पत्र जारी कर रहे थे. इस दौरान हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया मुम्बई के अध्यक्ष मौलाना हबीब युसुफ पटेल, उपाध्यक्ष मौलाना मुइदषीर सपाडिआ, महासचिव मो ताहिर जाकिर हुसैन चैहान, कोषाध्यक्ष मोहम्मद अनवर को गिरफ्तार किया गया था.

कैसे दे रहे थे हलाल सर्टिफिकेट
एसटीएफ के मुताबिक, हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया मुम्बई द्वारा अवैध रूप से हलाल सर्टिफिकेट मीट व मीट प्रोडक्ट के अलावा भी अन्य खाद्य पदार्थों पर भी जारी किया जा रहा है. इसके लिए कंपनी प्रति वर्ष सर्टिफिकेट व प्रति प्रोडक्ट अलग-अलग कम्पनी से अलग- अलग रुपये लेती है, जिसमें से लगभग 10 हजार रुपये सर्टिफिकेट व 1 हजार रुपये प्रति प्रोडक्ट के लिए चार्ज करते हैं, जबकि हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया मुम्बई को NABCB व अन्य किसी सरकारी संस्था द्वारा हलाल प्रमाण पत्र जारी करने के लिए अधिकृत नहीं किया गया है. एसएसपी ने बताया कि हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया मुम्बई द्वारा विभिन्न कम्पनियों को देश व विदेश में अपने प्रोडक्ट को बेचने के लिए हलाल प्रमाण पत्र जारी किया जाता है, जिसके लिए यह अधिकृत नहीं हैं.

लखनऊ: यूपी एसटीएफ ने मौलाना महमूद असद हुसैन मदनी को एक बार फिर लखनऊ स्थित मुख्यालय में तलब किया है. दरअसल, एसटीएफ ने मौलाना महमूद को बिना किसी सरकारी संस्था के अधिकृत किए ही पैसा लेकर हलाल सर्टिफिकेट देने के मामले में तलब किया है.

STF मौलाना से करेगी दोबारा पूछताछ

अब एसटीएफ ईद के बाद मदनी से दोबारा पूछताछ करेगी. इससे पहले फरवरी माह में एसटीएफ ने मदनी से हलाल सर्टिफिकेट मामले में पूछताछ की थी. दरअसल, एसटीएफ ने हलाल सर्टिफिकेट देने वाली कंपनी हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया के चार पदाधिकारियों को मुंबई से गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी के बाद उनसे पूछताछ के दौरान मदनी का नाम सामने आया था. मौलाना मदनी का नाम हलाल सर्टिफिकेट मामले में आने के बाद यूपी एसटीएफ ने उन्हे, नोटिस देकर एसटीएफ मुख्यालय बुलाया था. जहां उनसे पूछताछ के गई थी. हालांकि, इस दौरान मदनी एसटीएफ के सवालों से बचते रहे और उनके जवाब देने के लिए अतिरिक्त मोहलत मांगी थी. ऐसे में अब एसटीएफ ने एक बार फिर उन्हे पूछताछ के लिए तलब किया है.


2023 में हुई थी FIR
दरअसल, हलाल सर्टिफिकेट को इस बात की गारंटी माना जाता है कि प्रोडक्ट को मुसलमानों के हिसाब से बनाया गया है यानी उसमें किसी तरह की मिलावट नहीं है और उसमें किसी ऐसे जानवर या उसके बाय-प्रोडक्ट का इस्तेमाल नहीं हुआ है, जिसे इस्लाम में हराम माना गया है. हलाल सर्टिफिकेशन वेज और नॉन-वेज दोनों तरह के प्रोडक्ट के लिए होता है. ऐसे में यूपी में हलाल सर्टिफिकेट प्रोडक्ट की जानकारी सामने आने पर हजरतगंज थाने में सितंबर 2023 को एफआईआर दर्ज की गई थी. जिसके बाद यूपी सरकार ने राज्य में हलाल सर्टिफिकेट प्रोडक्ट की बिक्री पर रोक लगाते हुए, पूरे मामले की जांच यूपी एसटीएफ को दे दी थी,

वहीं, इसके बाद जांच में सामने आया कि चेन्नई की कंपनी हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, जीमयत उलेमा हिंद हलाल ट्रस्ट दिल्ली, हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया मुम्बई विभिन्न उत्पादों पर उसकी ब्रिकी बढाने के लिए पैसे कमाने के लिए हलाल प्रमाण पत्र जारी कर रहे थे. इस दौरान हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया मुम्बई के अध्यक्ष मौलाना हबीब युसुफ पटेल, उपाध्यक्ष मौलाना मुइदषीर सपाडिआ, महासचिव मो ताहिर जाकिर हुसैन चैहान, कोषाध्यक्ष मोहम्मद अनवर को गिरफ्तार किया गया था.

कैसे दे रहे थे हलाल सर्टिफिकेट
एसटीएफ के मुताबिक, हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया मुम्बई द्वारा अवैध रूप से हलाल सर्टिफिकेट मीट व मीट प्रोडक्ट के अलावा भी अन्य खाद्य पदार्थों पर भी जारी किया जा रहा है. इसके लिए कंपनी प्रति वर्ष सर्टिफिकेट व प्रति प्रोडक्ट अलग-अलग कम्पनी से अलग- अलग रुपये लेती है, जिसमें से लगभग 10 हजार रुपये सर्टिफिकेट व 1 हजार रुपये प्रति प्रोडक्ट के लिए चार्ज करते हैं, जबकि हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया मुम्बई को NABCB व अन्य किसी सरकारी संस्था द्वारा हलाल प्रमाण पत्र जारी करने के लिए अधिकृत नहीं किया गया है. एसएसपी ने बताया कि हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया मुम्बई द्वारा विभिन्न कम्पनियों को देश व विदेश में अपने प्रोडक्ट को बेचने के लिए हलाल प्रमाण पत्र जारी किया जाता है, जिसके लिए यह अधिकृत नहीं हैं.

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