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8 मर्डर, 1 लाख का इनाम, STF की गिरफ्त में ऐसे आया चंबल का दुर्दांत अपराधी चतुर सिंह

1991 में की थी पहली हत्या, सिकंदरा निवासी चतुर सिंह ने 32 साल पहले जरायम की दुनिया में रखा था कदम.

एसटीएफ ने चंबल के दुर्दांत चतुर सिंह को किया गिरफ्तार.
एसटीएफ ने चंबल के दुर्दांत चतुर सिंह को किया गिरफ्तार. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 7 hours ago

कानपुर: स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने चंबल के कई इलाकों में आतंक का पर्याय बने दुर्दांत अपराधी चतुर सिंह को पकड़ने में आखिर सफलता पाई है. चतुर पर 8 लोगों की हत्या करने का आरोप है. पिछले करीब डेढ़ माह से उसकी सरगर्मी से एसटीएफ को तलाश थी. 1 लाख के इनामी चतुर सिंह पर हाथ डालने से स्थानीय पुलिस भी घबराती थी. यही कारण है कि उसकी गिरफ्तारी का जिम्मा एसटीएफ को सौंपा गया. छानबीन में ये बात भी सामने आई है कि चतुर को डकैतों का भी समर्थन मिला था. यही कारण था कि वह एक के बाद एक अपराध करता चला गया और अब जाकर कानून के शिकंजे में आया है.

एसटीएफ कानपुर के प्रभारी शैलेंद्र सिंह ने बताया कि करीब डेढ़ माह पहले हमीरपुर की एक घटना का संज्ञान लिया गया. वहां एक महिला की निर्ममता के साथ हत्या कर दी गई थी. इस मामले में चतुर सिंह का नाम सामने आया था. इसके बाद खुफिया तंत्र को मुस्तैद किया गया. बुधवार को इस एक लाख के इनामी अपराधी को अरेस्ट कर लिया गया.

1991 में किया था पहला मर्डर, 32 सालों से जरायम की दुनिया में था चतुर: एसटीएफ प्रभारी शैलेंद्र सिंह ने बताया कि 1991 में चतुर सिंह ने सिकंदरा (कानपुर देहात) के पास ही पहला मर्डर किया था. वह यहीं का रहने वाला है. उसके बाद से चतुर को खुद को एक बड़ा अपराधी मानने लगा था. फिर धीरे-धीरे अन्य अपराधियों का साथ मिला तो चतुर जरायम की दुनिया में अपने पैर पसारने लगा. एक के बाद दो, तीन, चार, पांच और फिर आठ हत्याएं कर अपराध जगत में चर्चित हो गया.

मुरैना को बनाया था गढ़: पुलिस के मुताबिक चतुर ने अपराध का गढ़ मुरैना के पास बनाया था. जहां उसे डकैतों का भी समर्थन मिल जाता था. घाटमपुर से लेकर बुंदेलखंड के कई क्षेत्रों में चतुर सिंह की दहशत थी. मगर, एसटीएफ के जाल में फंसते ही चतुर को अपनी गलती का अहसास हुआ और फिर एसटीएफ टीम ने सक्रियता दिखाते हुए चतुर को जब गिरफ्तार किया तो उसने क्षमा मांगी. हालांकि, अब उसे जेल भेजा जाएगा.

यह भी पढ़ें : कानपुर के फ्लैट में मिला महिला बैंक मैनेजर का शव; हत्या या आत्महत्या, पुलिस पड़ताल में जुटी

कानपुर: स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने चंबल के कई इलाकों में आतंक का पर्याय बने दुर्दांत अपराधी चतुर सिंह को पकड़ने में आखिर सफलता पाई है. चतुर पर 8 लोगों की हत्या करने का आरोप है. पिछले करीब डेढ़ माह से उसकी सरगर्मी से एसटीएफ को तलाश थी. 1 लाख के इनामी चतुर सिंह पर हाथ डालने से स्थानीय पुलिस भी घबराती थी. यही कारण है कि उसकी गिरफ्तारी का जिम्मा एसटीएफ को सौंपा गया. छानबीन में ये बात भी सामने आई है कि चतुर को डकैतों का भी समर्थन मिला था. यही कारण था कि वह एक के बाद एक अपराध करता चला गया और अब जाकर कानून के शिकंजे में आया है.

एसटीएफ कानपुर के प्रभारी शैलेंद्र सिंह ने बताया कि करीब डेढ़ माह पहले हमीरपुर की एक घटना का संज्ञान लिया गया. वहां एक महिला की निर्ममता के साथ हत्या कर दी गई थी. इस मामले में चतुर सिंह का नाम सामने आया था. इसके बाद खुफिया तंत्र को मुस्तैद किया गया. बुधवार को इस एक लाख के इनामी अपराधी को अरेस्ट कर लिया गया.

1991 में किया था पहला मर्डर, 32 सालों से जरायम की दुनिया में था चतुर: एसटीएफ प्रभारी शैलेंद्र सिंह ने बताया कि 1991 में चतुर सिंह ने सिकंदरा (कानपुर देहात) के पास ही पहला मर्डर किया था. वह यहीं का रहने वाला है. उसके बाद से चतुर को खुद को एक बड़ा अपराधी मानने लगा था. फिर धीरे-धीरे अन्य अपराधियों का साथ मिला तो चतुर जरायम की दुनिया में अपने पैर पसारने लगा. एक के बाद दो, तीन, चार, पांच और फिर आठ हत्याएं कर अपराध जगत में चर्चित हो गया.

मुरैना को बनाया था गढ़: पुलिस के मुताबिक चतुर ने अपराध का गढ़ मुरैना के पास बनाया था. जहां उसे डकैतों का भी समर्थन मिल जाता था. घाटमपुर से लेकर बुंदेलखंड के कई क्षेत्रों में चतुर सिंह की दहशत थी. मगर, एसटीएफ के जाल में फंसते ही चतुर को अपनी गलती का अहसास हुआ और फिर एसटीएफ टीम ने सक्रियता दिखाते हुए चतुर को जब गिरफ्तार किया तो उसने क्षमा मांगी. हालांकि, अब उसे जेल भेजा जाएगा.

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