ग्वालियर। साल 2020 से पहले लंबी और अच्छी गुणवत्ता वाली रेल पटरियों के लिए भारत यूरोपीय देशों पर निर्भर था. इसके बाद भारत के प्रधानमंत्री ने लोकल फॉर वोकल और आत्मनिर्भर भारत का नारा दिया. स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटिड (SAIL) ने इस नारे को साकार कर दिखाया है. 2020 में सेल ने अब तक की सबसे भरोसेमंद और लंबी रेल (पटरी) का निर्माण कर दिखाया था और आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार कर दिया. इस ट्रैक को R260 ग्रेड रेल नाम दिया गया है. इन पटरियों का निर्माण सेल के भिलाई स्टील प्लांट में किया जा रहा है. इस ट्रैक पर 160 किलोमीटर की रफ्तार से ट्रेनें दौड़ेंगी. R260 GRADE RAIL
260 मीटर लंबी है R260 ग्रेड रेल
सेल द्वारा बनाई गई R260 रेल बहुत महत्वपूर्ण रेल पटरी है. इन पटरियों को तकनीकी रूप से बहुत रिसर्च और मेहनत कर तैयार किया गया है. सेल द्वारा तैयार यह 260 मीटर लंबी वेल्डेड पेनल है जो भारत में अब तक की तैयार की गई सबसे लंबी रेल है. इसके साथ ही इसके हाइड्रोजन कंटेंट को 1.6 पीपीएम (अधिकतम) क्षमता तक नियंत्रित किया गया है. जिसका मतलब है कि सेल एक अच्छी गुणवत्ता की रेल बनाने में कामयाब हो रहा है.
यूरोपियन रेल से अधिक भार झेल सकती है
भारत में किसी भी रेल को ट्रैक के रूप में तब्दील करने के लिए रेलवे के अनुसंधान संगठन रेलवे डेवलपमेंट एंड रिसर्च ऑर्गनाइज़ेशन (आरडीएसओ) के तय मानक पूरे करने होते हैं. सेल की आर260 रेल इन सभी मनकों पर खरी उतरी है. यह सामान्य रेल लाइन के मुकाबले ज्यादा मजबूत और टिकाऊ है. मथुरा- ग्वालियर-झांसी के बीच तैयार किए जा रहे रेलवे के तीसरे ट्रैक में इन आर260 रेल का उपयोग किया जा रहा है. यह रेल पटरी 220 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गुजरने वाली ट्रेन का दवाब आसानी से झेल सकती है. आर260 ग्रेड के वेनडियम एलॉयड स्पेशल प्राइम ग्रेड रेल में हायर एक्सल लोड सहने की क्षमता होती है और यह 550 मेगा पास्कल तक का दबाव झेल सकती है. इस रेल पर पहले से अधिक भार क्षमता के साथ मालगाड़ियां चलायी जा सकती है.
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मथुरा-झांसी के बीच 160 की स्पीड से दौड़ेंगी ट्रेन
जानकारों के अनुसार, अब मथुरा-ग्वालियर-झांसी के बीच तैयार हो रहे तीसरे रेलवे ट्रैक पर ट्रेन 160 की रफ्तार से दौड़ सकेगी. इस लाइन पर तीसरे ट्रैक के निर्माण में R260 पटरियों का इस्तेमाल किया जा रहा है. माना जा रहा है कि आने वाले एक या दो महीने में ये ट्रैक पूरी तरह तैयार हो जाएगा और जल्द ही इस पर रेल गाड़ियां आंधी की तरह हवा से बातें करते हुए निकलती दिखाई देंगी.