रांची: झारखंड में सूचना आयुक्तों की नियुक्ति पहेली बनकर रह गई है. राज्य सरकार झारखंड हाईकोर्ट के निर्देश के बाबजूद नियुक्ति नहीं कर पा रही है. ऐसे में राज्य सूचना आयोग सफेद हाथी बनकर रह गया है जहां सिर्फ आवेदन लिया जाता है इसकी सुनवाई नहीं होती. आयोग के कर्मचारी हर दिन इस उम्मीद के साथ दफ्तर आते हैं कि आज कोई सुखद समाचार मिलेगा मगर ऐसा होता नहीं है.
खास बात यह है कि सूचना आयुक्तों की नियुक्ति को लेकर राज्य सरकार बार-बार झारखंड हाईकोर्ट को भी बरगलाती रही है. 1 जुलाई को हुई सुनवाई में सरकार ने तीन सप्ताह के भीतर नियुक्ति पूरा कर लेने का आश्वासन देते हुए शपथपत्र सौंपा मगर हकीकत यह थी कि उस समय सूचना आयुक्तों के लिए मांगे गए आवेदन की अंतिम तिथि ही 31 जुलाई थी.
खैर एक बार फिर झारखंड हाईकोर्ट में सरकार ने 12 अगस्त को हुई सुनवाई में 15 दिनों के अंदर नियुक्ति कर लेने का भरोसा दिया है. अधिवक्ता धीरज कुमार कहते हैं कि सरकार ने इस बार सूचना आयुक्तों के लिए प्राप्त आवेदन की स्क्रूटनी होने की बात कहते हुए 15 दिनों में नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करने की बात कही है. मामले की अगली सुनवाई 06 सितंबर को होना है.
सूचना आयुक्तों को लेकर होता रहा है सियासत
इधर, सूचना आयुक्तों की नियुक्ति में हो रही देरी पर सियासत जारी है. नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने सरकार पर सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि हाई कोर्ट के निर्देश के बावजूद सरकार नियुक्ति नहीं कर पा रही है. इस मामले में एक बार फिर हाई कोर्ट से समय मिला है. अब देखना होगा कि सरकार कब तक इसे पूरा कर पाती है.
वहीं, सरकार में शामिल कांग्रेस ने 15 दिनों के अंदर राज्य में सूचना आयुक्तों की नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी होने का दावा किया है. कांग्रेस प्रवक्ता सोनल शांति ने कहा है कि चुकी राज्य में पिछले महीने राजनीतिक उथल-पुथल रही और सत्ता परिवर्तन हुआ इस वजह से सूचना आयुक्त की नियुक्ति में थोड़ी सी बाधा पहुंची लेकिन अब राज्य में सूचना आयुक्त की नियुक्ति में देरी नहीं होगी और उम्मीद करते हैं कि 15 दिनों के अंदर प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी.