जयपुर. तीन साल के इंतजार के बाद हेरिटेज नगर निगम की बुधवार को दूसरी साधारण सभा की बैठक हुई, लेकिन इस बैठक में पहुंचे विधायकों की बयानबाजी के चलते ऐसा हंगामा बरपा की सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया. सिविल लाइन विधायक गोपाल शर्मा ने शहर को मिनी पाकिस्तान नहीं बनने देने का बयान दिया, जिसका कांग्रेसी व निर्दलीय पार्षदों ने विरोध किया. इसके बाद कांग्रेस-भाजपा के पार्षद वेल में एक-दूसरे से भिड़ गए. वहीं, जब सदन की कार्रवाई स्थगित की गई तो राष्ट्रगान शुरू किया गया, लेकिन कांग्रेसी विधायक अमीन कागजी और रफीक खान ने राष्ट्रगान को बीच में ही बंद करा दिया. इसे गोपाल शर्मा ने देशद्रोही गतिविधि करार देते हुए रफीक खान की गिरफ्तारी की मांग की, जबकि रफीक खान ने कहा कि गोपाल शर्मा ने ओछी और छोटी राजनीति की है. इससे पहले सदन में कांग्रेस के पार्षद दो गुटों में बंटे नजर आए. इनके एक धड़े ने भाजपा पार्षदों के साथ मिलकर सदन में लाए गए प्रस्तावों का विरोध किया. साथ ही 'अविश्वास प्रस्ताव पास, भ्रष्टाचार का कचरा मुनेश गुर्जर बर्खास्त' के पोस्टर भी लहराए.
पोस्टर लहरा कर किया विरोध : दरअसल, हेरिटेज निगम की साधारण सभा में सात प्रस्ताव रखे गए थे. इनमें पहले ही प्रस्ताव निगम के अधिकारी कर्मचारियों से संबंधित स्थायीकरण, अनुकंपा नियुक्ति, समायोजन का था, जिस पर एतराज जताते हुए भाजपा पार्षदों ने पहले तो माइक बंद होने पर हंगामा शुरू किया और फिर कहा कि प्रस्ताव में एक भी मुद्दा जनता से जुड़ा नहीं है. विपक्ष ने जो संशोधित मुद्दे भेजे हैं, पहले उन पर चर्चा हो. इस दौरान कांग्रेसी पार्षद भी दो धड़ों में बंट गए, जिसमें सिविल लाइंस के पार्षद साधारण सभा का बायकॉट करने के लिए तैयार हो गए. वहीं, कांग्रेस का दूसरा धड़ा पहला प्रस्ताव पास करने की अपील करने लगा. इस पर महापौर ने ध्वनि मत से पहला प्रस्ताव पास होने की बात कहते हुए दूसरा प्रस्ताव पढ़ने की बात कही. इस पर भाजपा और कांग्रेस के पार्षद वेल में उतर आए और आमने-सामने हो गए. इस दौरान सिविल लाइंस के पार्षदों ने सदन में ही 'अविश्वास प्रस्ताव पास, भ्रष्टाचार का कचरा मुनेश गुर्जर बर्खास्त' के पोस्टर लहरा दिए. वहीं, पार्षदों में जमकर बहस हुई. इस दौरान जब भाजपा पार्षद विमल अग्रवाल ने भ्रष्टाचार के मुद्दे को उठाया तो पहले महापौर ने उन्हें बाहर जाने का निर्देश दिया और फिर भ्रष्टाचार के लिए जांच एजेंसी बने होने की बात कहते हुए सदन को कुछ देर के लिए स्थगित कर दिया.
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नगर निगम को बताया नरक निगम : इसके बाद जब सदन की कार्रवाई दोबारा शुरू हुई तब सदन में भाजपा विधायक बालमुकुंद आचार्य और गोपाल शर्मा पहुंचे. सदन जय श्रीराम के नारों से गुंजायमान हो गया. यहां पहले गोपाल शर्मा ने सदन को संबोधित करते हुए कहा कि शहर मर रहा है. इस साधारण सभा में इस पर चिंतन होना चाहिए. वहीं, बालमुकुंद आचार्य ने नगर निगम को नरक निगम की संज्ञा दे डाली. बालमुकुंद आचार्य के जाने के बाद सदन में कांग्रेस विधायक अमीन कागजी, रफीक खान और प्रशांत शर्मा पहुंचे. यहां पहले अमीन कागजी ने सदन में प्रस्ताव बहुमत से पास होने की नसीहत दी. वहीं, विधायक रफीक खान ने बिना चर्चा किए बजट सरकार को भेजने, बिना पार्षदों की राय लिए प्रस्ताव तैयार करने, हटवाड़े पर की गई कार्रवाई, ई-रिक्शा संचालकों पर की जा रही कार्रवाई पर सवाल उठाए.
जयपुर को नहीं बनने देंगे मिनी पाकिस्तान : साथ ही यूडी टैक्स की वसूली करने वाली प्राइवेट कंपनी स्पैरो को ताकीद करते हुए 100 वर्ग गज से कम की कमर्शियल और 300 वर्ग गज से कम के निवास में नहीं घुसने की चेतावनी दी, जिस पर गोपाल शर्मा ने हाथों-हाथ पलटवार करते हुए कहा कि 300 वर्ग गज के अंदर चाहे जो बना लिया जाए और कोई घूसे नहीं, सेटबैक ही न छोड़े तो जयपुर को मिनी पाकिस्तान नहीं बनने दिया जाएगा. इस पर पहले तो कांग्रेसी और निर्दलीय पार्षद विधायक गोपाल शर्मा का विरोध करते हुए उन पर हाथ उठाने की कोशिश किए, लेकिन बाद में भाजपा और कांग्रेस के पार्षद आमने-सामने आ गए. इस बीच दोनों दी पार्टियों के पार्षदों में जमकर धक्का-मुक्की हुई.
बीच में ही बंद करा दिया राष्ट्रगान : इधर, विधायक अमीन कागजी और गोपाल शर्मा ने बिगड़े हालात को संभालते हुए पार्षदों को बैठने की कोशिश की. हालांकि, तब तक बात इतनी बिगड़ चुकी थी कि पूरा सदन लड़ाई का अखाड़ा बन गया था और इस पर जब महापौर ने सदन की कार्रवाई को स्थगित करते हुए राष्ट्रगान शुरू कराया तो विधायक अमीन कागजी और रफीक खान ने उसे बीच में ही बंद करा दिया. कागजी ने महापौर को चेतावनी देते हुए कहा कि एक प्रस्ताव पास नहीं हुआ, आप सदन में बहुमत नहीं रखती. इसकी पूरी रिकॉर्डिंग हुई है. हम आपको बर्खास्त कराएंगे और कोर्ट जाएंगे.
मेयर को लेकर कही ये बात : इसके बाद अमीन कागजी पत्रकारों से रूबरू हुए और उन्होंने कहा कि निगम में जो भी प्रस्ताव थे, उन पर चर्चा नहीं हुई. प्रस्ताव पास नहीं हुआ तो मेयर सदन को स्थगित करके चली गई. इससे पार्षदों में आक्रोश है और सीईओ को एक लेटर दिया गया है, जिसमें प्रस्ताव पास नहीं होने का जिक्र किया गया है. ऐसे में आगे जो भी कानूनी प्रक्रिया है, वो कोर्ट, निगम और सरकार देखेगी. उन्होंने कहा कि मेयर को दो बार भ्रष्टाचार के मामले में कांग्रेस सरकार निलंबित कर चुकी है और आज जयपुर के विकास को लेकर पक्ष और विपक्ष के अधिकांश पार्षद एक मंच पर थे. ये एजेंडा मेयर और सरकार का था. उस पर चर्चा नहीं हुई तो सुओमोटो मेयर का बहुमत खत्म हो गया. वहीं, गोपाल शर्मा की ओर से दिए गए मिनी पाकिस्तान नहीं बनने देने के बयान पर अमीन कागजी ने कहा कि रफीक खान ने जब यूडी टैक्स की बात कही तो उसे गोपाल शर्मा गलत समझ गए, क्योंकि ये मंच मंदिर-मस्जिद, हिंदुस्तान-पाकिस्तान करने का मंच नहीं है.
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घृणा और हिंसा फैलाने का काम न करें : वहीं, रफीक खान ने कहा कि पत्रकारिता से जुड़े लोग विधायक बने, उन्हें पता है कि कैसे वो छपेंगे. गोपाल शर्मा ने ओछी और गिरी सियासत की है. वो यूडी टैक्स की बात कर रहे थे और गोपाल शर्मा कंस्ट्रक्शन की बात करने लगे. उन्होंने कहा कि वो तो ये नाम भी नहीं लेना चाहते वो तो हिंदुस्तान का नाम लेना चाहते हैं. भारत के नागरिक हैं. भारत का नाम लेना चाहते हैं. इंडिया गठबंधन के आदमी है, इसलिए इंडिया का नाम लेना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि देश में रहकर देश के हितों की बात करो. वैमनस्य फैलाने, डिवाइड एंड रूल का काम करने, घृणा और हिंसा फैलाने का काम न करें. इस दौरान उन्होंने साधारण सभा की बैठक स्थगित होने पर डेमोक्रेसी में दोबारा मीटिंग कॉल किए जाने की बात कही. साथ ही कहा कि जहां तक महापौर पर स्टैंड लेने का सवाल है तो ये पार्षदों का काम है. पार्षद जैसा समझेंगे वैसा निर्णय लेंगे.
भाजपा विधायक ने की रफीक खान की गिरफ्तारी की मांग : इस बीच गोपाल शर्मा ने कहा कि जब विधायक रफीक खान ने हटवाड़ा हटाए जाने की बात पर धमकी भरे अंदाज में अधिकारियों को भी चेताया तो ये क्या लोकतंत्र की भाषा है. जयपुर में दो तरह के कानून चल रहे हैं. हेलमेट नहीं लगाते हैं, अवैध मीट की दुकान भी चलती रहेगी. कहीं भी अतिक्रमण कर हटवाड़ा चला लेंगे. इस पर उन्होंने कहा कि जयपुर को मिनी पाकिस्तान नहीं बनने देंगे, क्योंकि इस तरह की परिस्थितियों से आर्थिक गतिविधियां रुक जाएगी. आज पाकिस्तान में कोई आर्थिक विकास नहीं है. इसलिए इसे विकास की दृष्टि से देखते हुए कहा कि मिनी पाकिस्तान नहीं बनने देंगे, लेकिन यदि इसे कोई धार्मिक या संप्रदायिक हिसाब से देखें तो उनकी नियत में कहीं न कहीं खोट है. वहीं, उन्होंने कहा कि विधायक रफीक खान की तो गिरफ्तारी होनी चाहिए, जिस समय जन-गण-मन चल रहा था, सब सावधान की मुद्रा में खड़े हो गए. उस समय उन्होंने तार निकाल कर फेंक दिया. ये तो राष्ट्रगान का अपमान और देशद्रोही गतिविधि है. इसके लिए रफीक खान को गिरफ्तार किया जाना चाहिए. रफीक खान के नाम के आगे जी लगा रहे हैं, वो भी गलत है.
वहीं, कुछ पार्षदों की ओर से उन पर हाथ उठाने की कोशिश करने के मसले पर गोपाल शर्मा ने कहा कि जो देश आपातकाल भुगत चुका है, तंदूर कांड जैसी घटनाएं देख चुका है, उन्हें कराने वाले कांग्रेस के लोग थे, उस देश में कांग्रेस के पार्षदों से क्या उम्मीद करेंगे. उन्होंने कहा कि जयपुर के पांच-सात मोहल्ले ऐसे हैं, जहां शाम को जा नहीं सकते हैं. पार्षदों में से कोई एक कह रहा था कि हमने तो पाकिस्तान नहीं बनाया, लेकिन उसी जगह कुछ लव जेहाद छेड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के तीनों विधायकों का साथ आना ही षड्यंत्र पूर्ण था.
वहीं, विधायकों की बयानबाजी और उसके बाद हुए हंगामे पर महापौर ने कहा कि विधायक वहां सदस्य थे न कि अध्यक्ष. जिस तरह से जन-गण-मन शुरू होने के बाद तार निकाल दिए गए, विधायक ने सबसे निम्न स्तर का काम किया. आम जनता को वो क्या दिखाना चाहते हैं. आगे उन्होंने कहा कि पहला एजेंडा पास हो चुका है. जनप्रतिनिधि प्रस्ताव पर चर्चा ही नहीं करना चाहते थे. जाति विशेष, समुदाय विशेष पर टिप्पणी करने लगे, जबकि सदन की गरिमा होती है. जहां तक अविश्वास प्रस्ताव की बात है तो 3 साल से उनके खिलाफ हस्ताक्षर अभियान चल रहा है. विधायक महोदय का सदन में व्यवहार भी जनता ने देखा है. सबके चेहरे पर जो नकाब था, वो खुद-ब-खुद उतर गए.