जयपुर. शहर में 13 मई 2008 को हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के बीच जिंदा मिले बम के मामले में स्पेशल कोर्ट में चल रही सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष के मुख्य गवाह मीडियाकर्मी प्रशांत टंडन के बयान दर्ज हुए. टंडन ने अपने बयानों में कहा कि 13 मई 2008 को जयपुर बम ब्लास्ट के बाद 14 मई को आतंकवादी संगठन इंडियन मुजाहिदीन ने ब्लास्ट की जिम्मेदारी लेने के लिए ईमेल किया था.
यह ईमेल मिलने के बाद उन्होंने उसे तत्कालीन एडीजी क्राइम एके जैन को भेजा था. बयान के बाद आरोपियों के अधिवक्ता मिनाजउल हक ने टंडन से जिरह की. विशेष लोक अभियोजक श्रवण कुमार ने बताया कि एटीएस ने प्रशांत टंडन व तत्कालीन एडीजी जैन को गवाही के लिए बुलाने के लिए कोर्ट में अर्जी दायर की थी. कोर्ट से एटीएस की अर्जी मंजूर होने के बाद ही टंडन को गवाही के लिए बुलाया है. इस मामले में अभियोजन के करीब 120 गवाह हैं और इनमें से आधे से ज्यादा गवाहों के बयान दर्ज हो चुके हैं.
दरअसल जयपुर बम ब्लास्ट के मुख्य केस में हाईकोर्ट की ओर से चार आरोपियों को दोषमुक्त करने के फैसले के बाद एटीएस जयपुर बम ब्लास्ट से जुडे़ जिंदा बम प्रकरण को गंभीरता से ले रही है. एटीएस ने 2008 में जयपुर के अलावा दिल्ली के बाटला हाउस व करोल बाग व गुजरात में हुए बम ब्लास्ट की एफआईआर सहित अन्य दस्तावेजों को भी कोर्ट में पेश किया है. इसके अलावा एटीएस ने दिल्ली के चांदनी चौक से मोहम्मद सैफ द्वारा जयपुर बम ब्लास्ट के लिए छर्रे खरीदने के लिए उपयोग की गई आईडी को भी पेश किया है. गौरतलब है की स्पेशल कोर्ट ने सलमान और मोहम्मद सैफ सहित अन्य को फांसी की सजा सुनाई थी. इसे हाईकोर्ट ने रद्द करते हुए आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया था. इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी लंबित चल रही है.