कोरबा: गुरुवार को राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक कोरबा पहुंची. किरणमयी नायक महिला आयोग में लगे प्रकरणो की सुनवाई के लिए पहुंचीं थीं. किरणमयी नायक ने कहा कि सरकार बदलते ही मेरी सुरक्षा मुझसे छीन ली गई है. पीएसओ गार्ड तक हटा लिए गये हैं. सुरक्षा हटाए जाने के बाद भी मैंने बस्तर के सुकमा का दौरा किया. सुरक्षा नहीं दी जा रही है उसके बाद भी काम करना पड़ रहा है.
"सरकार बदलते ही मेरी सुरक्षा छीन ली गयी है. पीएसओ गार्ड हटा लिए गए, इसके बाद भी मैने सुकमा का दौरा कर लिया. बिना सुरक्षा काम करना पड़ रहा है. जिसके लिए मैंने सरकार को अल्टीमेटम भी दे दिया है. यदि अब भी सुरक्षा नहीं मिली. तो सरकार पर कंटेंप्ट ऑफ कोर्ट का केस उच्च न्यायालय में दर्ज कराऊंगी. - किरणमयी नायक, अध्यक्ष, राज्य महिला आयोग
कांग्रेसी बैंकग्राउंड से आती हैं किरणमयी नायक: छत्तीसगढ़ महिला आयोग के अध्यक्ष पद पर किरणमयी नायक की नियुक्ति प्रदेश की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने की थी. किरणमयी नायक की पहचान एक कांग्रेस नेत्री के तौर पर रही है. अब छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार आ चुकी है. सरकार ने राजनीतिक आधार पर की गई निगम ,मंडल आयोग की भर्तियों को रद्द कर दिया था. किरणमयी नायक इसके विरुद्ध हाई कोर्ट चली गईं थीं. हाई कोर्ट से उन्हें राहत मिली है और वह वर्तमान में पद पर बनी हुईं हैं.
250 सुनवाई मैंने अपने कार्यकाल में पूरी की है. सुकमा और अंबिकापुर जैसे जिलों में भी जाना होता है. लेकिन अब मैं बिना सुरक्षा के ही सफर कर रही हूं. लगातार काम भी चल रहा है. लेकिन सुरक्षा नहीं दी जा रही है. सरकार से टकराव के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि चूंकि हम किसी को व्यक्तिगत पार्टी नहीं बनाते. हमारा विभाग महिलाओं के हितों की रक्षा के लिए काम करता है. यदि महिलाएं प्रताड़ित हैं, तब वह महिला आयोग आती है. आज भी एक प्रकरण में मैंने जिले के कलेक्टर से मुलाकात की, वह भी करेंगे. हमारी अनुशंसाओं पर कार्रवाई हो रही है. इस तरह का विरोध तो नहीं है. लेकिन मेरी सुरक्षा के मामले में ढील बरती जा रही है. जिसके लिए मैने सरकार का अल्टीमेटम दे दिया है. यदि अभी भी नहीं मिली. तो मैं उच्च न्यायालय ममें अवमानना का मामला दर्ज कराऊंगी. - किरणमयी नायक, अध्यक्ष, राज्य महिला आयोग
कुल 36 प्रकरणों को शॉर्ट लिस्ट किया गया: गुरुवार में कोरबा जिले में महिला आयोग में कुल 36 प्रकरणों को शॉर्ट लिस्ट किया गयाा. इस दौरान 14 मामलों में लोग उपस्थित हुए. इनमें से भी सिर्फ दो मामले ऐसे थे जिसमें दोनों तरफ के पक्ष का सुनवाई के लिए पहुंचे. एक ऐसा मामला भी था. जिसमें महिला के नाम पर पति ने 75000 का लोन लेने के बाद उसे छोड़ दिया था. पंच सरपंच ने कोरे कागज पर तलाकनामा भी साइन करवा लिया था. आयोग ने इसे गंभीरता से लिया और प्रताड़ित महिला के पक्ष में फैसला दिया. एफआईआर के निर्देश भी दिए हैं. जबकि एक मामले में अतिक्रमण से पीड़ित महिलाओं को उनके जमीन का हक दिलाने के लिए पहल की गई है. कलेक्टर से मुलाकात कर ठोस कार्यवाही की बात कही है.