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याचिकाओं में समय से जवाब दाखिल नहीं कर रहे राज्य के अधिकारी, हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी - High Court Order - HIGH COURT ORDER

हाईकोर्ट ने याचिकाओं पर समय से जवाब दाखिल न करने वाले राज्य के अधिकारियों पर कड़ी नाराजगी जताई है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट (photo credit etv bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 17, 2024, 10:17 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने याचिकाओं पर समय से जवाब दाखिल न करने वाले राज्य के अधिकारियों पर कड़ी नाराजगी जताई है. कोर्ट ने चेतावनी दी है कि यदि राज्य के अधिकारी हाईकोर्ट के आदेशों के पालन में शिथिलता बरतेंगे तो यह अदालत राज्य सरकार को कड़ी गाइडलाइन जारी करने और अधिकारियों पर कार्रवाई करने का निर्देश देगी. मऊ के लक्ष्मण गुप्ता की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति समित गोपाल ने अपने आदेश की प्रति प्रमुख सचिव गृह व डीजीपी उत्तर प्रदेश को भी भेजने का निर्देश दिया है.

मामले के अनुसार लक्ष्मण गुप्ता की अपराधिक अपील पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के अधिवक्ता ने याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए और समय की मांग की. याची के अधिवक्ता ने इसका विरोध करते हुए कहा कि हाईकोर्ट ने 1 मई को ही इस मामले में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था. लगभग डेढ़ माह हो जाने के बावजूद राज्य सरकार की ओर से कोई जवाब दाखिल नहीं किया गया. सरकारी वकील ने बताया कि सम्बंधित अधिकारी को पत्र भेजा गया है मगर उधर से अभी कोई उत्तर नहीं आया है. कोर्ट ने कहा कि अक्सर देखने में आ रहा है कि राज्य सरकार की ओर से याचिकाओं पर समय से जवाब दाखिल नहीं किए जाते हैं. जबकि हाईकोर्ट के मुकदमों को देखने के लिए राज्य सरकार ने हर जिले में एक नोडल अधिकारी नियुक्त किए हैं. ऐसा लगता है कि नोडल अधिकारी या तो कोर्ट के आदेश को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं या वह कोई काम नहीं कर रहे हैं.

राज्य सरकार के अधिवक्ता के अनुरोध पर कोर्ट ने जवाब दाखिल करने के लिए 10 दिन की मोहलत देते हुए कहा कि यह अंतिम अवसर है और यदि अगली तारीख पर जवाब दाखिल नहीं होता है तो एसएसपी मऊ तथा संबंधित नोडल अफसर अदालत में उपस्थित होकर स्पष्टीकरण दें कि उनके विरुद्ध कार्रवाई क्यों न की जाए. कोर्ट ने आदेश की प्रति प्रमुख सचिव गृह और डीजीपी को प्रेषित करने का निर्देश देते हुए कहा है कि अगली तारीख पर संबंधित अधिकारी बताएं कि उन्होंने कोर्ट के आदेश के अनुपालन में क्या कार्रवाई की है.

यह भी पढ़ें :'यौन अपराधों में हमेशा पुरुष ही गलत नहीं होता', रेप मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की टिप्पणी - Sexual crime Allahabad High Court

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने याचिकाओं पर समय से जवाब दाखिल न करने वाले राज्य के अधिकारियों पर कड़ी नाराजगी जताई है. कोर्ट ने चेतावनी दी है कि यदि राज्य के अधिकारी हाईकोर्ट के आदेशों के पालन में शिथिलता बरतेंगे तो यह अदालत राज्य सरकार को कड़ी गाइडलाइन जारी करने और अधिकारियों पर कार्रवाई करने का निर्देश देगी. मऊ के लक्ष्मण गुप्ता की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति समित गोपाल ने अपने आदेश की प्रति प्रमुख सचिव गृह व डीजीपी उत्तर प्रदेश को भी भेजने का निर्देश दिया है.

मामले के अनुसार लक्ष्मण गुप्ता की अपराधिक अपील पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के अधिवक्ता ने याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए और समय की मांग की. याची के अधिवक्ता ने इसका विरोध करते हुए कहा कि हाईकोर्ट ने 1 मई को ही इस मामले में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था. लगभग डेढ़ माह हो जाने के बावजूद राज्य सरकार की ओर से कोई जवाब दाखिल नहीं किया गया. सरकारी वकील ने बताया कि सम्बंधित अधिकारी को पत्र भेजा गया है मगर उधर से अभी कोई उत्तर नहीं आया है. कोर्ट ने कहा कि अक्सर देखने में आ रहा है कि राज्य सरकार की ओर से याचिकाओं पर समय से जवाब दाखिल नहीं किए जाते हैं. जबकि हाईकोर्ट के मुकदमों को देखने के लिए राज्य सरकार ने हर जिले में एक नोडल अधिकारी नियुक्त किए हैं. ऐसा लगता है कि नोडल अधिकारी या तो कोर्ट के आदेश को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं या वह कोई काम नहीं कर रहे हैं.

राज्य सरकार के अधिवक्ता के अनुरोध पर कोर्ट ने जवाब दाखिल करने के लिए 10 दिन की मोहलत देते हुए कहा कि यह अंतिम अवसर है और यदि अगली तारीख पर जवाब दाखिल नहीं होता है तो एसएसपी मऊ तथा संबंधित नोडल अफसर अदालत में उपस्थित होकर स्पष्टीकरण दें कि उनके विरुद्ध कार्रवाई क्यों न की जाए. कोर्ट ने आदेश की प्रति प्रमुख सचिव गृह और डीजीपी को प्रेषित करने का निर्देश देते हुए कहा है कि अगली तारीख पर संबंधित अधिकारी बताएं कि उन्होंने कोर्ट के आदेश के अनुपालन में क्या कार्रवाई की है.

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