शिमला: इस बार राज्य स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह के साथ कुछ दिलचस्प बिंदु जुड़ेंगे. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की धर्मपत्नी कमलेश ठाकुर के निर्वाचन क्षेत्र देहरा में ये समारोह आयोजित किया जा रहा है. इस समारोह के मुख्य अतिथि सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू होंगे. विधायक कमलेश ठाकुर ने मंगलवार देर शाम देहरा में समारोह स्थल का जायजा लिया. राज्य स्तरीय समारोह में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू सिविल सर्विस अवार्ड भी प्रदान करेंगे. ये अवार्ड रेवेन्यू मॉनिटरिंग सिस्टम को दिया जाएगा. रेवेन्यू मॉनिटरिंग सिस्टम ने राजस्व अदालतों, राहत मैनुअल, एसीआर आदि के लिए बेहतर व उपयोगी सिस्टम बनाया है. सिविल सर्विस अवार्ड को लेकर जीएडी (जनरल एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट) विभाग ने पत्र जारी कर दिया है.
इसके अलावा समारोह में हिमाचल गौरव पुरस्कार और प्रेरणा स्रोत सम्मान भी दिए जाएंगे. ये सम्मान तीन अलग-अलग हस्तियों को मिलेगा. कौन बनेगा करोड़पति कार्यक्रम से चर्चा में आए हिमाचल के शिमला जिले के लड़के अरुणोदय शर्मा को विशिष्ट सम्मान दिया जाएगा. वैसे ये सम्मान हिमाचल दिवस पर 15 अप्रैल को दिए जाते हैं, लेकिन इस बार चुनाव आचार संहिता के कारण ये सम्मान नहीं दिए जा सके थे. अब स्वतंत्रता दिवस पर इन सम्मानों को दिया जाएगा.
आईटी डिपार्टमेंट ने तैयार किया है सिस्टम
रेवेन्यू मॉनिटरिंग सिस्टम को राज्य सरकार के आईटी विभाग ने तैयार किया है. स्टेट सिविल सर्विस अवार्ड के लिए इस बार उक्त सिस्टम को चुना गया है. इस सिस्टम को तैयार करने में आईटी विभाग के सचिव व निदेशक सहित उनकी टीम ने योगदान दिया है. लिहाजा सचिव व निदेशक सहित टीम के सदस्य सिविल सर्विस अवार्ड को ग्रहण करेंगे. हिमाचल सरकार के राजस्व विभाग में ये सिस्टम पिछले साल ही लागू हुआ है. इस सिस्टम को चार भागों में बांटा गया है. सिस्टम के पहले भाग में राजस्व अदालतों को ऑनलाइन किया गया है. राजस्व अदालतों के ऑनलाइन होने से समन भी ऑनलाइन जारी हो जाते हैं. इससे श्रम व पैसा बचता है. यही नहीं, किसी प्रकार के आदेश की कॉपी भी ऑनलाइन ही अपलोड कर दी जाती है.
सिस्टम का दूसरा भाग राहत मैनुअल से जुड़ा है. इस ऑनलाइन सिस्टम से आपदा से प्रभावित लोगों को दी जाने वाली राहत के कागजात स्थानीय पटवारी से होते हुए तहसीलदार तक जाते हैं. वहां से ये संबंधित सब-डिविजन के एसडीएम तक पहुंचते हैं और फिर तय राहत राशि सीधे प्रभावित लोगों के बैंक खातों में ट्रांसफर कर दी जाती है. इस सिस्टम के कारण बहुत लाभ हुए हैं. अब आपदा के समय एसडीएम कार्यालय में अलग से कैश रखने की इतनी जरूरत नहीं पड़ती है. मॉनिटरिंग सिस्टम के अगले भाग में पटवारी, कानूनगो और तहसीलदार की एसीआर यानी सालाना गोपनीय रिपोर्ट ऑनलाइन ही प्रोसेस होती है.
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