उज्जैन: पहली बार पंजाब के पारंपरिक मार्शल आर्ट गतका की राज्य स्तरीय स्पर्धा का आयोजन उज्जैन में हो रहा है. यह कला मूल रूप से गुरु गोविंद सिंह जी द्वारा मुगलों से लड़ाई के दौरान सेना को प्रशिक्षित करने के लिए शुरू की गई थी. अब इसे एक खेल के रूप में पहचान मिल चुकी है और खेलो इंडिया में भी इसे शामिल किया गया है.
22 नवंबर को होगा प्रदर्शन
प्रतिस्पर्धा के दौरान 22 नवंबर को खिलाड़ियों द्वारा 40 से अधिक पारंपरिक हथियारों का प्रदर्शन किया जाएगा. जिसमें तलवारबाजी, भाला और अन्य युद्ध-कौशल शामिल हैं.
गतका की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
गतका मूलतः पंजाब से उत्पन्न हुआ एक मार्शल आर्ट है. इसे गुरु गोविंद सिंह जी ने अपने अनुयायियों को युद्ध कौशल सिखाने के उद्देश्य से शुरू किया था. वर्तमान में यह खेल राष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रियता हासिल कर रहा है.
प्रतिभागियों की संख्या और लक्ष्य
स्पर्धा में प्रदेश भर से लगभग 550 खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं. यहां से गोल्ड मेडल जीतने वाले खिलाड़ी अगले महीने दिसंबर में दिल्ली में होने वाली राष्ट्रीय गतका स्पर्धा में भाग लेंगे.
प्रतियोगिता में उज्जैन का प्रदर्शन
बालक (17 वर्ष आयु) वर्ग के फारी सोटी और सिंगल सोटी इवेंट में ग्वालियर संभाग ने प्रथम स्थान प्राप्त किया. जबकि उज्जैन संभाग और इंदौर संभाग ने क्रमशः दूसरा और तीसरा स्थान हासिल किया.
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उज्जैन में पहली बार गटका का आयोजन
गतका स्पर्धा के कोच कैलाश यादव ने बताया कि, ''यह पहली बार है जब उज्जैन में इस प्रकार की स्पर्धा हो रही है.'' उन्होंने यह भी कहा कि, ''राष्ट्रीय खेल का दर्जा मिलने के बाद इस खेल में खिलाड़ियों की रुचि तेजी से बढ़ रही है. खास बात यह है कि दसवीं और बारहवीं की परीक्षाओं में इस खेल के खिलाड़ियों को अतिरिक्त अंक भी दिए जा रहे हैं.''