जयपुर : राज्य मानवाधिकार आयोग ने गोपालपुरा बाईपास स्थित उत्कर्ष कोचिंग सेंटर में दम घुटने से छात्राओं के बेहोश होने के मामले में स्व प्रेरणा से प्रसंज्ञान लिया है. इसके साथ ही आयोग ने मुख्य सचिव, डीजीपी, पुलिस कमिश्नर और हेरिटेज व ग्रेटर निगम आयुक्त से अपेक्षा की है कि वे कोचिंग संस्थानों में विद्यार्थियों के स्वास्थ्य की सुरक्षा सुनिश्चित करें. वहीं, आयोग ने दोषी कोचिंग संस्थान के प्रबंधन के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई अमल में लाने को कहा है.
आयोग ने कहा कि पीड़ित विद्यार्थियों को चिकित्सा सुविधा और क्षतिपूर्ति देना सुनिश्चित करें. इसके अलावा आयोग ने अधिकारियों से 15 जनवरी को प्रकरण की रिपोर्ट पेश करने को कहा है. आयोग ने यह आदेश घटना को लेकर प्रकाशित मीडिया रिपोर्ट्स पर स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लेते हुए दिए.
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आयोग के अध्यक्ष जस्टिस जीआर मूलचंदानी ने अपने आदेश में कहा कि यह घटना गंभीर है और इसकी जांच के साथ ही दोषी कोचिंग के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई जरूरी है. आयोग ने कहा कि प्रत्येक कोचिंग सेंटर के प्रबंधन का कानूनी दायित्व है कि वह विद्यार्थियों को सुरक्षित वातावरण मुहैया कराए. खाने में मिर्च आदि के कथित छोंक और पास के पीजी से दुर्गंध से बेहोशी नहीं आ सकती है.
आयोग ने कहा कि उज्ज्वल भविष्य के लिए विभिन्न जिलों के विद्यार्थी प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता हासिल करने के लिए शहर के कोचिंग सेंटर में आकर अध्ययन करते हैं. शिक्षा अर्जन में अपना कीमती समय व माता-पिता के श्रम से कमाई राशि खर्च करते हैं. ऐसी स्थिति में कोचिंग संस्थानों का दायित्व है कि वह विद्यार्थियों के हितार्थ उचित प्रकाश, हवा, रोशनी और सुरक्षा का वातावरण उपलब्ध कराए. मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया कि 15 दिसंबर को उत्कर्ष कोचिंग सेंटर में विषैली गैस आदि से कुछ विद्यार्थी बेहोश हो गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा.