जयपुर: सांगानेर स्थित ओपन जेल की जमीन पर अस्पताल बनाए जाने के मामले में राज्य सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अपना जवाब पेश किया गया. राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने जवाब पेश कर कहा कि ओपन जेल के लिए 14,940 वर्गमीटर जमीन का और आवंटन किया जाएगा. इसकी वर्तमान आवास क्षमता 410 को कम नहीं किया जाएगा. इसके अलावा जेल के पास की 22,232 वर्गमीटर जमीन का आवंटन तीन सौ बैड के अस्पताल के लिए किया जाएगा.
राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि सांगानेर में अस्पताल की आवश्यकता को देखते हुए सरकार वहां इसका निर्माण करेगी और जमीन का आवंटन किया जाए. राज्य सरकार के जवाब को रिकॉर्ड पर लेते हुए अदालत ने याचिकाकर्ता को राज्य सरकार के जवाब पर अपना प्रति जवाब देने को कहा है. जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की खंडपीठ ने यह आदेश प्रसून गोस्वामी की अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.
गौरतलब है कि गत सुनवाई पर अदालत ने राज्य सरकार को चेतावनी भरे लहजे में कहा था कि यदि राज्य सरकार इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाती है तो प्रदेश के बड़े हाकिम को ओपन जेल में रहने जाना पड़ सकता है. याचिका में कहा गया कि अदालत ने 17 मई, 2024 को आदेश जारी कर राजस्थान सरकार को कहा था कि ओपन जेल की जमीन को कम करने का प्रयास न करें. छह दशक से ओपन जेल के लिए काम आ रही इस जमीन को संरक्षित करें, लेकिन अदालती आदेश के बाद भी जेडीए ने 30 जुलाई, 2024 को इस जमीन पर सैटेलाइट अस्पताल के लिए जमीन आवंटन करना मंजूर कर दिया है. राज्य सरकार व जेडीए का ऐसा करना सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना है. याचिकाकर्ता सैटेलाइट अस्पताल खोलने के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन उसके लिए दूसरी जगह देखी जा सकती है.