देहरादून: एक निजी होटल में प्रधानमंत्री आवास योजना पर मानक मंथन कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसी बीच ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण मंच है, जो भारतीय मानकों की चर्चा और उनके प्रोत्साहन के लिए समर्पित है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में अब तक 68,600 परिवारों को 966.02 करोड़ की लागत से योजना का लाभ मिला है.
ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि PM आवास योजना के अंतर्गत पहले फेज में SECC सर्वे 2011 में हुए था और उस समय पात्र पाये गये सभी 12,662 परिवारों को आवास आंवटित किया जा चुका है, जिसके लिए कुल 169.87 करोड़ की धनराशि खर्च की जा चुकी है. वहीं, दूसरे फेज में पहली वेटिंग लिस्ट में शामिल सभी 56040 परिवारों को भी शत-प्रतिशत लाभांवित किया जा चुका है, जिस पर कुल 796.15 करोड़ की धनराशि खर्च की गई है. उन्होंने कहा कि पिछले साल से होम अप्लायंसेज के लिए दी जाने वाली 5 हजार की धनराशि को बढ़ाकर 6 हजार रुपए कर दिया गया है.
कार्यक्रम में बताया गया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत प्रति आवास 1.30 लाख रुपए की अनुदान राशि लाभार्थी को दी जा रही है. इसके अतिरिक्त शौचालय निर्माण के लिए 12,000 रुपए की धनराशि दी जा रही है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा किचन सामग्री और बर्तन आदि खरीदने के लिए प्रति लाभार्थी 6000 रुपए की दर से सहायता राशि दी जा रही है. इस प्रकार कुल 1.73 लाख रुपए की धनराशि आवास निर्माण हेतु दी जा रही है.
ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि आज का कार्यक्रम एक ऐसे क्षेत्र पर केंद्रित है, जो लाखों भारतीयों के जीवन को प्रभावित करता है और प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) और इस योजना के अंतर्गत भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) द्वारा निर्धारित भारतीय मानकों की महत्वपूर्ण भूमिका, जो सभी के लिए आवास के लक्ष्य को साकार करने में सहायक है. उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजनों को ग्रामीण अंचलों में भी आयोजित करने के प्रयास किए जाएंगे.
गणेश जोशी ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना, भारत सरकार की एक प्रमुख पहल है, जिसका उद्देश्य शहरी और ग्रामीण गरीबों को किफायती आवास उपलब्ध कराना है, ताकि हर भारतीय परिवार को सम्मानपूर्वक जीवन जीने का स्थान मिल सके. उन्होंने कहा कि इस महत्वाकांक्षी कार्यक्रम की सफलता न केवल इसके बुनियादी ढांचे के पैमाने पर, बल्कि बनाए जा रहे घरों की गुणवत्ता और सुरक्षा पर भी निर्भर करती है.
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