जयपुर: प्रदेश में आयोजित होने प्रतियोगी परीक्षाओं में अब से परीक्षार्थियों के कपड़ों को नहीं काटा जाएगा. अभ्यर्थियों के ड्रेस कोड को लेकर राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने बदलाव के संकेत दिए हैं. इस बारे में अधिसूचना शीघ्र ही जारी की जाएगी.
बता दें कि इस साल की सबसे बड़ी समान पात्रता परीक्षा (ग्रेजुएशन लेवल) में जिन अभ्यर्थियों ने ड्रेस कोड की पालना नहीं की थी, उनके कपड़ों पर कैंची चलाई गई. कुछ स्थानों पर अभ्यर्थियों के कपड़े उतरवाए गए, कहीं हाथ और गले में बंध रहे मन्नत के डोरे और ताबीज उतरवाए गए. इसके साथ ही जयपुर के एक केंद्र पर अभ्यर्थी का जनेऊ उतरवा लिया गया, जिस पर ब्राह्मण संगठन विप्र फाउंडेशन ने भी आपत्ति जताई थी.
बोर्ड के परिक्षा केन्द्र में ड्रेस संबंधित बदलाव- अब आपके शर्ट की बाजू नहीं काटी जाए ऐसा आदेश जारी कर रहे हैं, नॉटफिफिकेशन शीघ्र ही जारी होगा। पूरी बाजू की शर्ट चलेगी मगर सादा बटन वाली।
— Alok Raj (@alokrajRSSB) September 30, 2024
चयन बोर्ड अध्यक्ष ने दिए संकेत: राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष आलोक राज ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखते हुए कहा है कि "बोर्ड के परीक्षा केन्द्र में ड्रेस संबंधित बदलाव- अब आपके शर्ट की बाजू नहीं काटी जाए ऐसा आदेश जारी कर रहे हैं, नॉटिफिकेशन शीघ्र ही जारी होगा. पूरी बाजू की शर्ट चलेगी मगर सादा बटन वाली" . दरअसल, दो दिन तक चली इस पात्रता परीक्षा में कुल चार पारियों में करीब 13 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए थे. परीक्षा में नकल और धांधली रोकने के लिए त्रिस्तरीय जांच व्यवस्था थी. परीक्षा कक्ष में बैठाकर हैंड राइटिंग का नमूना भी लिया गया था.
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जनेऊ उतरवाने पर हुआ था विवाद: राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से आयोजित कराई गई समान पात्रता परीक्षा (ग्रेजुएशन लेवल) के दौरान मामले को लेकर बांसवाड़ा निवासी कैंडिडेट हरेन दवे ने जिला कलेक्टर को शिकायत दी, जिसमें बताया कि 27 सितंबर को जयपुर के टोंक फाटक स्थित महात्मा गांधी स्कूल में समान पात्रता परीक्षा को लेकर उनका परीक्षा केंद्र आया था. वह इस परीक्षा में अपने निर्धारित यूनिफॉर्म कोड में ही पहुंचे थे. कैंडिडेट के अनुसार यहां पहले उनके हाथ में बंधा हुआ कलावा कटवाया गया और फिर पुलिस कांस्टेबल ने जनेऊ पर भी अपनी आपत्ति जताई. इसका विरोध करने पर उन्हें पहले केंद्र अधीक्षक के पास ले जाया गया. यहां उन्होंने अपनी बात भी रखी कि वो जनेऊ नहीं निकाल सकते. इससे पहले जितनी भी भर्ती परीक्षा में उन्होंने भाग लिया, वहां पर भी जनेऊ पर किसी तरह की आपत्ति नहीं जताई गई और न ही बोर्ड ने इस तरह के कोई निर्देश दिए थे. शिकायत में कहा गया कि इसके बावजूद केंद्र अधीक्षक नहीं माने और मजबूरन उन्हें जनेऊ उतारना पड़ा.