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श्री मनकामेश्वर महादेव का गर्मी में बदला पट खुलने का समय, जानें खानपान दिनचर्या का बदलाव - Mankameshwar Mahadev Agra

आगरा के श्रीमन:कामेश्वर महादेव मंदिर के पट खुलने का समय बदल दिया गया है. यह बदलाव भीषण गर्मी के चलते किया है. इसके साथ ही भगवान के भोजन और उनके दिनचर्या में बदलाव किया गया है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : May 1, 2024, 12:54 PM IST


आगरा: उत्तर भारत में गर्मी कहर ढा रही है. जिससे, जनजीवन परेशान है. गर्मी आने से सामान्य लोग ही नहीं, भगवान का भोजन और दिनचर्या भी परिवर्तित हो गई हैं. आगरा की बात करें तो, यहां पर रावतपाड़ा स्थित श्रीमन:कामेश्वर महादेव मंदिर में भी ऋतु परिवर्तन के कारण अब भगवान मन:कामेश्वर का सिर्फ पहनावा और भोजन बदलने के साथ ही उनका इत्र भी परिवर्तित किया गया है. श्रीमनकामेश्वर महादेव मंदिर प्रबंधन ने रामनवमी के बाद से श्रीमन:कामेश्वर महादेव को भोग में आम की ठंडाई, आम का पना, लस्सी के साथ आम, खरबूज, तरबूज, गन्ने का रस, बादाम ठंडाई समेत अन्य ठंडी चीजों का भोग लगाया जा रहा है. गर्मी को देखकर ही भगवान के वस्त्रों में बदलाव किया है.

ये हैं मंदिर का इंतिहास: आगरा के रावतपाड़ा में स्थित मनकामेश्वर मंदिर बेहद प्राचीन हैं. मान्यता है कि, मंदिर के शिवलिंग की स्थापना खुद भगवान शिव ने द्वापर युग में की थी. जब द्वापर युग में भगवान विष्णु ने श्रीकृष्ण के रूप में मथुरा में जन्म लिया था. तब श्रीकृष्ण के बाल-रूप के दर्शन की कामना लेकर कैलाश से भगवान महादेव ब्रज में आए. वे यहां पर यमुना किनारे एक रात रुके. यहां पर यमुना किनारे श्मशान था. जहां पर साधना की थी. जब महादेव की मनोकामना पूरी हुई, तो उन्होंने यहां पर शिवलिंग की स्थापना की. मनकामेश्वर मंदिर महादेव मंदिर में सिद्धेश्वर और ऋणमुक्तेश्वर महादेव के शिवलिंग भी विराजमान हैं.

इसे भी पढ़े-नेपाल कराएगा 240 साल पुरानी विरासत का कायाकल्प, 14 करोड़ से बदलेगी काशी के पशुपतिनाथ मंदिर की सूरत - Kashi Pashupatinath Temple

शीतलता के लिए पुष्प और सूती वस्त्र: मंदिर मठाधीश हरिहर पुरी ने बताया कि, भगवान मन:कामेश्वर महादेव को रात्रि में ओढ़ाएं जाने वाले कंबल और वस्त्रों हटाकर उनके स्थान पर शीतलता प्रदान करने के लिए पुष्पों का श्रृंगार करने के साथ ही उन्हें सूती वस्त्र धारण कराए जा रहे हैं. इसके साथ ही उन्हें खस के साथ केवड़ा, गुलाब जल अर्पित किया जा रहा है. इसके साथ ही उनका इत्र में बदल दिया है. इसके साथ ही गर्मी को देखते हुए भगवान को शीतलता प्रदान करने को कलश स्थापना करके जल धारा से लगातार अभिषेक भी किया जा रहा है.

मंदिर के पट खुलने के समय भी बदला: महंत योगेश पुरी ने बताया कि, गर्मी में अब मंदिर के पट सुबह 4:45 पर खुलते हैं. इसके बाद मंगला आरती सुबह 5 बजे होती है. इसके बाद रात्रि में 10:30 बजे मंदिर के पट बंद होने का समय हो गया है. जबकि, सर्दियों में मंदिर के पट रात्रि 10 बजे बंद होते थे.

यह भी पढ़े-काशी की काष्ठकला की सात समंदर पार डिमांड: स्पेन और जापान से 4000 मूर्तियों का आर्डर मिला, भगवान महादेव और गणेश की मांग


आगरा: उत्तर भारत में गर्मी कहर ढा रही है. जिससे, जनजीवन परेशान है. गर्मी आने से सामान्य लोग ही नहीं, भगवान का भोजन और दिनचर्या भी परिवर्तित हो गई हैं. आगरा की बात करें तो, यहां पर रावतपाड़ा स्थित श्रीमन:कामेश्वर महादेव मंदिर में भी ऋतु परिवर्तन के कारण अब भगवान मन:कामेश्वर का सिर्फ पहनावा और भोजन बदलने के साथ ही उनका इत्र भी परिवर्तित किया गया है. श्रीमनकामेश्वर महादेव मंदिर प्रबंधन ने रामनवमी के बाद से श्रीमन:कामेश्वर महादेव को भोग में आम की ठंडाई, आम का पना, लस्सी के साथ आम, खरबूज, तरबूज, गन्ने का रस, बादाम ठंडाई समेत अन्य ठंडी चीजों का भोग लगाया जा रहा है. गर्मी को देखकर ही भगवान के वस्त्रों में बदलाव किया है.

ये हैं मंदिर का इंतिहास: आगरा के रावतपाड़ा में स्थित मनकामेश्वर मंदिर बेहद प्राचीन हैं. मान्यता है कि, मंदिर के शिवलिंग की स्थापना खुद भगवान शिव ने द्वापर युग में की थी. जब द्वापर युग में भगवान विष्णु ने श्रीकृष्ण के रूप में मथुरा में जन्म लिया था. तब श्रीकृष्ण के बाल-रूप के दर्शन की कामना लेकर कैलाश से भगवान महादेव ब्रज में आए. वे यहां पर यमुना किनारे एक रात रुके. यहां पर यमुना किनारे श्मशान था. जहां पर साधना की थी. जब महादेव की मनोकामना पूरी हुई, तो उन्होंने यहां पर शिवलिंग की स्थापना की. मनकामेश्वर मंदिर महादेव मंदिर में सिद्धेश्वर और ऋणमुक्तेश्वर महादेव के शिवलिंग भी विराजमान हैं.

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शीतलता के लिए पुष्प और सूती वस्त्र: मंदिर मठाधीश हरिहर पुरी ने बताया कि, भगवान मन:कामेश्वर महादेव को रात्रि में ओढ़ाएं जाने वाले कंबल और वस्त्रों हटाकर उनके स्थान पर शीतलता प्रदान करने के लिए पुष्पों का श्रृंगार करने के साथ ही उन्हें सूती वस्त्र धारण कराए जा रहे हैं. इसके साथ ही उन्हें खस के साथ केवड़ा, गुलाब जल अर्पित किया जा रहा है. इसके साथ ही उनका इत्र में बदल दिया है. इसके साथ ही गर्मी को देखते हुए भगवान को शीतलता प्रदान करने को कलश स्थापना करके जल धारा से लगातार अभिषेक भी किया जा रहा है.

मंदिर के पट खुलने के समय भी बदला: महंत योगेश पुरी ने बताया कि, गर्मी में अब मंदिर के पट सुबह 4:45 पर खुलते हैं. इसके बाद मंगला आरती सुबह 5 बजे होती है. इसके बाद रात्रि में 10:30 बजे मंदिर के पट बंद होने का समय हो गया है. जबकि, सर्दियों में मंदिर के पट रात्रि 10 बजे बंद होते थे.

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