पंचकूला: हरियाणा में खेल मंत्री गौरव गौतम ने पंचकूला के ताऊ देवीलाल खेल स्टेडियम में खेल अधिकारियों के साथ पहली मीटिंग की. इस दौरान उन्होंने कहा कि देश में हरियाणा का मतलब खेल है. जब भी विश्व के किसी कोने में किसी खेल का आयोजन होता है, तो मेडल के लिए देश की नजरें हरियाणा पर टिकी होती हैं. आगे भी ये स्थिति बरकरार रखने के लिए खेलों को और बेहतर बनाना है. बैठक में विभाग के उच्च अधिकारियों समेत जिला खेल अधिकारी व अन्य अधिकारी मौजूद रहे.
योजनाओं व सुविधाओं की जानकारी लेकर सुझाव मांगे: खेल मंत्री ने विभाग की योजनाओं, सुविधाओं की विस्तृत जानकारी ली. साथ ही अधिकारियों से खेलों को बेहतर करने के सुझाव मांगे और सुधार के लिए निर्देश भी दिए. उनके साथ खेल विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी नवदीप सिंह विर्क, डायरेक्टर यशेन्द्र सिंह और अतिरिक्त डायरेक्टर पदम सिंह मौजूद रहे.
खेल नर्सरियों और अन्य स्थलों के निरीक्षण का निर्देश: खेल मंत्री ने जिला खेल अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने जिले के सभी खेल स्टेडियमों, नर्सरियों और अन्य स्थलों का निरीक्षण करें. इन स्थानों पर जो खिलाड़ी कोचिंग ले रहे हैं, उन्हें मिलने वाली सुविधाओं का विशेष ध्यान रखें. साथ ही उनके खेलों की आउटपुट रिपोर्ट तैयार करें और रिपोर्ट के साथ अपने सुझाव भी विभाग को भेजें. उन्होंने कहा कि रेजिडेंशियल अकादमी में खिलाड़ियों के रहने की सुविधा, साफ-सफाई की व्यवस्था और खाने की व्यवस्थाओं की जांच करें. उन्होंने निर्देश दिए कि इन अकादमियों का माहौल ऐसा होने चाहिए कि खिलाड़ियों को लगे कि वे अपने घर पर ही अभ्यास कर रहे हैं.
खिलाड़ियों व परिवारों से अच्छा व्यवहार रखें: खेल मंत्री गौरव गौतम ने नर्सरियों व स्टेडियमों में नियुक्त कोचों से कहा कि विभाग का आधार खिलाड़ी हैं. खिलाड़ियों और उनके परिजनों के साथ अच्छा व्यवहार होना चाहिए. शालीन भाषा से खिलाड़ियों को आगे बढ़ाएं. इससे खिलाड़ियों का सरकारी तंत्र की तरफ रुझान बढ़ेगा, परिजन अपने बच्चों को और अधिक संख्या में भेजना शुरू करेंगे. उन्होंने कहा कि खेलो इंडिया प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मन का करीबी कार्यक्रम है, इसे लेकर खिलाड़ियों को आगे बढ़ाया जाए. उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य अच्छा काम कर खेलों को और अधिक बेहतर बनाना है.
10 साल में खिलाड़ियों को 592.84 करोड़ रुपये नकद अवॉर्ड: खेल मंत्री ने बताया कि पिछली सरकार में 38.45 करोड़ रुपये नकद अवार्ड दिया गया था. जबकि पिछले 10 साल में प्रदेश की सरकार ने 592.84 करोड़ रुपये नकद अवार्ड के तौर पर दिये हैं. प्रदेश सरकार ने वर्ष 2014 में सत्ता में आने के बाद कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड विजेता को 15 लाख की राशि को बढ़ाकर 1.5 करोड़ रुपये, एशियन गेम में गोल्ड विजेता को 25 लाख की राशि को बढ़ाकर 3 करोड़ रुपये और ओलंपिक में गोल्ड विजेता को 5 करोड़ रुपये की राशि बढ़ाकर 6 करोड़ रुपये की.