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विशेष राज्य की टूटी उम्मीद अब महंगाई पर मरहम लगाने की मांग, जानें मोदी से क्या मांगता है बिहार? - Union Budget - UNION BUDGET

वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए केंद्र की सरकार बजट पेश करने जा रही है और बजट को लेकर आम लोगों को काफी उम्मीदें हैं. एक ओर जहां बिहारवासी डबल इंजन सरकार से उम्मीद लगाए बैठे हैं, तो आम लोग महंगाई से कराह रहे हैं. ऐसे में बिहार की महिलाएं, व्यवसायी और युवा आम बजट को लेकर क्या सोचते हैं? आइए जानते हैं-

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केंद्रीय बजट से बिहार को उम्मीद (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jul 22, 2024, 5:22 PM IST

केंद्रीय बजट से बिहार को उम्मीद (ETV Bharat)

पटना : वर्तमान वित्तीय वर्ष के लिए केंद्र की सरकार बजट पेश करने जा रही है. बजट से देशवासियों को जहां काफी उम्मीदें हैं वहीं बिहारवासियों को भी नरेंद्र मोदी सरकार से राहत की उम्मीद है. कमरतोड़ महंगाई ने आम लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. नीतीश कुमार तीसरी बार एनडीए का हिस्सा हुए हैं.

बिहार को आम बजट से उम्मीद : मोदी सरकार के तीसरे टर्म में एनडीए का हिस्सा होने के बाद पहली बार बजट पेश हो रहा है. लोकसभा चुनाव के चलते जुलाई महीने में बजट पेश किया जा रहा है. 2024-25 का बजट इसलिए महत्वपूर्ण है कि बिहार के लिए स्पेशल स्टेटस और स्पेशल पैकेज की मांग उठ रही है. हालांकि सरकार ने इस मांग को खारिज कर दिया है.

राहत चाहता है बिहार : नीति आयोग की रिपोर्ट से बिहार एक बार फिर अर्थशास्त्रियों की चिंता बढ़ा दी है. ज्यादातर इंडेक्स में बिहार निचले स्थान पर है. भले ही बिहार का विकास दर 9.8% है, लेकिन ह्यूमन इंडेक्स चिंता का सबब है. बिहार तभी तरक्की की राह पर देश के साथ कदम ताल कर सकेगा जब बिहार जैसे राज्य को अतिरिक्त सहायता दी जाएगी. बिहार ड्राई स्टेट है और राज्य के पास सीमित संसाधन हैं. आम लोगों के कंधों पर टैक्स का बोझ भी बड़ा है. डबल इंजन की सरकार से आम लोग भी राहत की उम्मीद लगाए बैठे हैं. लोग चाहते हैं की इनकम टैक्स स्लैब में छूट दी जाए.

'टैक्स स्लैब में मिले छूट' : अर्पण वर्मा एमबीए की डिग्री हासिल कर चुकी हैं. कमरतोड़ महंगाई उनके लिए चिंता का विषय है. इनका मानना है कि वर्तमान सरकार को मध्यम वर्ग की चिंता नहीं है या तो योजना गरीबों के लिए बनती है या फिर लाभ पूंजीपतियों को मिलता है, हम लोग टैक्स स्लैब में छूट चाहते हैं. इसके अलावा होम लोन पर इंटरेस्ट कम होना चाहिए. सरकार को महंगाई पर भी नियंत्रण स्थापित करने की कोशिश करनी चाहिए.

'बिहार में भी मिले मुफ्त बिजली' : रितु सिंह कहती है कि जिस तरीके से केंद्र की सरकार ने खाद्य सामग्रियों पर जीएसटी लगाया है, उसका सीधा असर हमारे रसोई पर पड़ रहा है. बजट बढ़ गया है. गैस की कीमतों में भी कमी आनी चाहिए. बहुत से राज्यों में मध्यम वर्गीय परिवार को मुफ्त बिजली मिलती है. बिहार जैसे राज्यों में भी यह व्यवस्था बहाल की जानी चाहिए.

'महंगाई तोड़ रही कमर' : गृहणी गुड़िया सिंह का कहना है कि महंगाई ने आम लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. कोई भी सब्जी ₹50 से काम नहीं है. चावल-दाल, गेहूं की कीमतों में भी जबरदस्त उछाल आया है. केंद्र सरकार को कीमत कम करने के लिए पहल करनी चाहिए.

''मिडिल फैमिली को किचन चलाना मुश्किल हो गया है. हम लोग जब मार्केट जाते हैं तो तमाम चीजों की कीमत आसमान छू रही होती हैं. आलू प्याज चावल दाल लहसुन तमाम चीज काफी महंगी हो चुकी है. टमाटर की कीमत भी आसमान छू रही है. सरकार को कीमतों पर नियंत्रण स्थापित करनी चाहिए ताकि मध्यवर्ग के लोग ठीक से जीवन जी सके.''- सोनी कुमारी, गृहणी, पटना

व्यवसायी अरविंद पांडे का कहना है कि ''जीएसटी की प्रक्रिया जटिल है. उसको सरल की जानी चाहिए. इसके लाभ व खाद्य सामग्री महंगी होने से व्यवसाय पर असर पड़ा है सरकार को इस पर नियंत्रण स्थापित करनी चाहिए तेल और डीजल की कीमतों में भी कमी करने की जरूरत है.''

अर्थशास्त्री अमित बख्शी का कहना है कि ''इस बार का बजट खास होने जा रहा है, क्योंकि केंद्र में डबल इंजन की सरकार है. केंद्र की सरकार लगातार बिहार की चिंता कर रही है. कई योजनाओं पर काम किया जा रहा है. भारत सरकार का लक्ष्य है कि देश को तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनानी है, इसके लिए फिजिकल कंसोलिडेशन को बढ़ाने की जरूरत है. रेवेन्यू डिफिसिट को एक स्तर पर लाने की जरूरत है. बिहार कई एक क्षेत्र में बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है. बिहार 72-80% केंद्र सरकार के राजस्व पर निर्भर करता है.''

16वीं वित्त आयोग की रिपोर्ट के आधार पर राज्यों को सहयोग मिलना है. बिहार के आधारभूत संरचना को और बेहतर करने के लिए प्रावधान होना चाहिए. मेट्रो हवाई अड्डे और एक्सप्रेस वे को विकसित करने की जरूरत है. कृषि क्षेत्र में बदलाव तो हुए हैं, लेकिन इसमें भी सुधार की जरूरत है. लोग किसान सम्मन निधि में वृद्धि की उम्मीद लगाए बैठे हैं. बिहार जैसे राज्य तभी आगे बढ़ पाएंगे जब स्पेशल स्टेटस और स्पेशल पैकेज दोनों मिलेगा.

केंद्रीय बजट से बिहार को उम्मीद (ETV Bharat)

पटना : वर्तमान वित्तीय वर्ष के लिए केंद्र की सरकार बजट पेश करने जा रही है. बजट से देशवासियों को जहां काफी उम्मीदें हैं वहीं बिहारवासियों को भी नरेंद्र मोदी सरकार से राहत की उम्मीद है. कमरतोड़ महंगाई ने आम लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. नीतीश कुमार तीसरी बार एनडीए का हिस्सा हुए हैं.

बिहार को आम बजट से उम्मीद : मोदी सरकार के तीसरे टर्म में एनडीए का हिस्सा होने के बाद पहली बार बजट पेश हो रहा है. लोकसभा चुनाव के चलते जुलाई महीने में बजट पेश किया जा रहा है. 2024-25 का बजट इसलिए महत्वपूर्ण है कि बिहार के लिए स्पेशल स्टेटस और स्पेशल पैकेज की मांग उठ रही है. हालांकि सरकार ने इस मांग को खारिज कर दिया है.

राहत चाहता है बिहार : नीति आयोग की रिपोर्ट से बिहार एक बार फिर अर्थशास्त्रियों की चिंता बढ़ा दी है. ज्यादातर इंडेक्स में बिहार निचले स्थान पर है. भले ही बिहार का विकास दर 9.8% है, लेकिन ह्यूमन इंडेक्स चिंता का सबब है. बिहार तभी तरक्की की राह पर देश के साथ कदम ताल कर सकेगा जब बिहार जैसे राज्य को अतिरिक्त सहायता दी जाएगी. बिहार ड्राई स्टेट है और राज्य के पास सीमित संसाधन हैं. आम लोगों के कंधों पर टैक्स का बोझ भी बड़ा है. डबल इंजन की सरकार से आम लोग भी राहत की उम्मीद लगाए बैठे हैं. लोग चाहते हैं की इनकम टैक्स स्लैब में छूट दी जाए.

'टैक्स स्लैब में मिले छूट' : अर्पण वर्मा एमबीए की डिग्री हासिल कर चुकी हैं. कमरतोड़ महंगाई उनके लिए चिंता का विषय है. इनका मानना है कि वर्तमान सरकार को मध्यम वर्ग की चिंता नहीं है या तो योजना गरीबों के लिए बनती है या फिर लाभ पूंजीपतियों को मिलता है, हम लोग टैक्स स्लैब में छूट चाहते हैं. इसके अलावा होम लोन पर इंटरेस्ट कम होना चाहिए. सरकार को महंगाई पर भी नियंत्रण स्थापित करने की कोशिश करनी चाहिए.

'बिहार में भी मिले मुफ्त बिजली' : रितु सिंह कहती है कि जिस तरीके से केंद्र की सरकार ने खाद्य सामग्रियों पर जीएसटी लगाया है, उसका सीधा असर हमारे रसोई पर पड़ रहा है. बजट बढ़ गया है. गैस की कीमतों में भी कमी आनी चाहिए. बहुत से राज्यों में मध्यम वर्गीय परिवार को मुफ्त बिजली मिलती है. बिहार जैसे राज्यों में भी यह व्यवस्था बहाल की जानी चाहिए.

'महंगाई तोड़ रही कमर' : गृहणी गुड़िया सिंह का कहना है कि महंगाई ने आम लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. कोई भी सब्जी ₹50 से काम नहीं है. चावल-दाल, गेहूं की कीमतों में भी जबरदस्त उछाल आया है. केंद्र सरकार को कीमत कम करने के लिए पहल करनी चाहिए.

''मिडिल फैमिली को किचन चलाना मुश्किल हो गया है. हम लोग जब मार्केट जाते हैं तो तमाम चीजों की कीमत आसमान छू रही होती हैं. आलू प्याज चावल दाल लहसुन तमाम चीज काफी महंगी हो चुकी है. टमाटर की कीमत भी आसमान छू रही है. सरकार को कीमतों पर नियंत्रण स्थापित करनी चाहिए ताकि मध्यवर्ग के लोग ठीक से जीवन जी सके.''- सोनी कुमारी, गृहणी, पटना

व्यवसायी अरविंद पांडे का कहना है कि ''जीएसटी की प्रक्रिया जटिल है. उसको सरल की जानी चाहिए. इसके लाभ व खाद्य सामग्री महंगी होने से व्यवसाय पर असर पड़ा है सरकार को इस पर नियंत्रण स्थापित करनी चाहिए तेल और डीजल की कीमतों में भी कमी करने की जरूरत है.''

अर्थशास्त्री अमित बख्शी का कहना है कि ''इस बार का बजट खास होने जा रहा है, क्योंकि केंद्र में डबल इंजन की सरकार है. केंद्र की सरकार लगातार बिहार की चिंता कर रही है. कई योजनाओं पर काम किया जा रहा है. भारत सरकार का लक्ष्य है कि देश को तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनानी है, इसके लिए फिजिकल कंसोलिडेशन को बढ़ाने की जरूरत है. रेवेन्यू डिफिसिट को एक स्तर पर लाने की जरूरत है. बिहार कई एक क्षेत्र में बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है. बिहार 72-80% केंद्र सरकार के राजस्व पर निर्भर करता है.''

16वीं वित्त आयोग की रिपोर्ट के आधार पर राज्यों को सहयोग मिलना है. बिहार के आधारभूत संरचना को और बेहतर करने के लिए प्रावधान होना चाहिए. मेट्रो हवाई अड्डे और एक्सप्रेस वे को विकसित करने की जरूरत है. कृषि क्षेत्र में बदलाव तो हुए हैं, लेकिन इसमें भी सुधार की जरूरत है. लोग किसान सम्मन निधि में वृद्धि की उम्मीद लगाए बैठे हैं. बिहार जैसे राज्य तभी आगे बढ़ पाएंगे जब स्पेशल स्टेटस और स्पेशल पैकेज दोनों मिलेगा.

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