देवघर: बाबा नगरी देवघर में दुर्गा पूजा का खास महत्व है. ऐसे को सावन में श्रद्धालुओं की काफी भीड़ यहां उमड़ती है, लेकिन नवरात्र के समय भी यहां काफी संख्या में भक्त पूजा करने के लिए पहुंचते हैं. इसका कारण यह है कि देवघर में शिव और शक्ति एक साथ विराजमान हैं.
देवघर में शिव और शक्ति एक साथ विराजमान
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार देवघर में माता सती का हृदय गिरा था. इस कारण इस स्थान को शक्तिपीठ या हृदयपीठ भी कहा जाता है. ऐसे में नवरात्र के समय यहां माता जगदंबा की खास पूजा होती है. मान्यता है कि नवरात्र के समय यहां मां पार्वती और भोलेनाथ की पूजा करने से भक्तों पर दोनों की असीम कृपा बनी रहती है.
नवरात्र में गठबंधन पूजा का विशेष महत्व
इस संबंध में बैद्यनाथ मंदिर के वरिष्ठ पुजारी सह पंडा लंबोदर परिहस्त बताते हैं कि नवरात्र के अवसर पर मंदिर में गठबंधन पूजा आयोजित की जाती है. भगवान भोलेनाथ के मंदिर के गुबंद पर लाल कपड़ा बांधकर माता पार्वती के मंदिर के गुबंद से मिलाया जाता है. मान्यता है कि जो भी भक्त गठबंधन पूजा करते हैं उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. उन्होंने बताया कि शिव से पहले यहां शक्ति का वास है.
पूरे नौ दिनों तक मंदिर में होती है खास पूजा
पंडा लंबोदर परिहस्त बताते हैं कि मंदिर में नवरात्र के समय पूरे नौ दिनों तक विशेष पूजा होती है. वहीं सप्तमी, अष्टमी और नवमी पूजा के दिन आम श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के पट बंद कर दिए जाते हैं. उस दिन मंदिर के पुजारी और पंडा ही जाकर माता पार्वती और भगवान भोलेनाथ की पूजा करते हैं.
श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़
वहीं दरभंगा से पहुंचे श्रद्धालु जयशंकर ठाकुर बताते हैं कि वे लोग ज्यादातर दुर्गा पूजा के समय में ही देवघर आते हैं, क्योंकि इस समय भगवान भोलेनाथ के साथ-साथ माता पार्वती की भी पूजा का विशेष महत्व है. वहीं बिहार से आए श्रद्धालु कमलेश मिश्रा ने बताया कि दुर्गा पूजा में देवघर का खास महत्व है. इस कारण मंदिर में अत्यधिक भीड़ है.
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