नई दिल्ली : बच्चों को तम्बाकू से मुक्त कराने के लिए बीते रविवार को वर्ल्ड नो टोबैको डे मनाया गया. यह खास आयोजन पूरे महीने चलेगा. इस मौके पर मौलाना आज़ाद डेंटल इंस्टिट्यूट ने आईएनए दिल्ली हाट में ओरल हेल्थ चेक अप कैंप लगाया और नुक्कड़ नाटक एवं पपेट शो के माध्यम से लोगों के तम्बाकू के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक किया. साथ ही स्वस्थ रहने के लिए तंबाकू नहीं लेने की शपथ भी ली.
![वर्ल्ड नो टोबैको डे पर मौलाना आज़ाद डेंटल इंस्टिट्यूट में खास आयोजन](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/20-05-2024/dl-sd-01-maidsgottoyouthtakeanoathnottotaketobaccoinanyformontheoccasionofworldnotobacoday-vis-dlc10030_19052024235633_1905f_1716143193_964.jpg)
![वर्ल्ड नो टोबैको डे पर मौलाना आज़ाद डेंटल इंस्टिट्यूट में खास आयोजन](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/20-05-2024/dl-sd-01-maidsgottoyouthtakeanoathnottotaketobaccoinanyformontheoccasionofworldnotobacoday-vis-dlc10030_19052024235633_1905f_1716143193_457.jpg)
इस वर्ष का थीम बच्चों को तंबाकू को दूर रखने का है. इसलिए बच्चों को विशेष तौर पर जागरूक करने की आवश्यकता है. डॉ. मोहंती ने बताया कि तंबाकू इंडस्ट्री बच्चों को इसलिए टारगेट कर रहे हैं क्योंकि आगे चलकर ये बच्चे ही उनके ग्राहक बनेंगे और उन्हें मोटा मुनाफा दिलाने में मदद करेंगे. इसलिए इस प्रकार के मुहीम से हम बच्चों को सतर्क करना चाहते हैं कि वे तंबाकू उत्पादों से दूर रहें. सिगरेट, बीड़ी, पान मसाला, गुटखा, स्वीट सुपाड़ी, ई-सिगरेट या अलग-अलग फ्लेवर में आने वाले तंबाकू से बनी चीजों से बच्चे दूर रहें.
डॉ. मोहंती ने बताया कि तंबाकू उत्पादों के कारण 10 से भी अधिक प्रकार के कैंसर होने का खतरा रहता है. ओरल कैंसर के सबसे ज्यादा मरीज भारत में ही हैं. इसके अलावा फेफड़ों की बीमारियां, कॉर्डियोवैस्कूलर बीमारियां और मस्तिष्क की बीमारियां भी तंबाकू से होती हैं. इसीलिए लोगों में जागरूकता फैलाना बहुत जरूरी है तभी स्वस्थ भारत का निर्माण हो सकेगा. अपने घर-परिवार के अलावा दोस्तों और रिश्तेदारों को भी तंबाकू के नुकसान को बताते हुए उनसे दूर रहने की सलाह जरूर दें.
बता दें कि भारत में धूम्रपान करने के कारण हर साल औसतन 10 लाख लोगों की जान जाती है. इस आंकड़ें में पिछले 30 वर्षों में 58.9 फीसदी का इजाफा हुआ है. जहां देश में तम्बाकू पीने के कारण 1990 में 6 लाख लोगों की जान गई थी, वो संख्या 2019 में बढ़कर 10 लाख पर पहुंच गई है. यह जानकारी मई 2021 में अंतराष्ट्रीय जर्नल लैंसेट में छपे एक अध्ययन में सामने आई है.
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वहीं यदि सभी रूपों में तम्बाकू के सेवन की बात करें तो विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार भारत में हर साल होने वाली 13.5 लाख मौतों के लिए तम्बाकू जिम्मेवार है. भारत दुनिया में तंबाकू का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक और उपभोक्ता है.
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