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देश-विदेश के सैलानियों को बनारस से रूबरू कराएंगी ये महिला रिक्शा चालक, जानिए क्या है योजना और इसकी खूबियां - Special rickshaw in banaras

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 2 hours ago

पिंक सिटी जयपुर की तरह अब धर्म नगरी बनारस की सड़कों पर भी ऐसे ई रिक्शा चलते मिलेंगे, जिनकी कमान महिलाओं के हाथ में होगी. पर्यटन विभाग की ओर से पीपीपी मॉडल पर इस योजना को शुरू किया गया है, जिसका नाम होली सिटी है.

बनारस में महिलाएं ईरिक्शे पर कराएंगी धर्मनगरी की सैर.
बनारस में महिलाएं ईरिक्शे पर कराएंगी धर्मनगरी की सैर. (Photo Credit; ETV Bharat)

वाराणसी: पिंक सिटी जयपुर की तरह अब धर्म नगरी बनारस की सड़कों पर भी ऐसे ई रिक्शा चलते मिलेंगे, जिनकी कमान महिलाओं के हाथ में होगी. पर्यटन विभाग की ओर से पीपीपी मॉडल पर इस योजना को शुरू किया गया है, जिसका नाम होली सिटी है. ये रिक्शे देश-विदेश के सैलानियों को बनारस की गलियों और लोकप्रिय धार्मिक स्थलों की सैर कराएंगे. इसके साथ ही इनमें कई खूबियां हैं. ये आम रिक्शे से अलग हैं और पर्यटकों को लुभाएंगे.

बनारस में महिलाएं ईरिक्शे पर कराएंगी धर्मनगरी की सैर. (Video Credit; ETV Bharat)

महिलाओं को दी गई 5 महीने की ट्रेनिंग: वाराणसी में महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के साथ यहां आने वाले पर्यटकों सहूलियत के लिए पर्यटन विभाग की ओर से ई रिक्शा संचालन की शुरुआत की गई है. खास यह कि इसके लिए महिलाओं को नियुक्त किया गया है. इसके लिए लगभग 5 महीने की ट्रेनिंग दी गई. जिसमें पहले फेज में 20 चालकों को तैयार किया गया. यह रिक्शा अन्य रिक्शों से भिन्न हैं. इससे न सिर्फ उनकी आय में बढ़ोतरी होगी बल्कि पर्यटकों को बनारस में एक नई सुविधा का लाभ मिलेगा.

क्या खास है इस रिक्शे में : इस बारे में प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर अमृता बताती हैं कि इसकी शुरुआत जयपुर के तर्ज पर बनारस में की गई है. यह रिक्शा सामान्य ई रिक्शा से भिन्न हैं .इसमें ओपन रूफ की व्यवस्था है. पर्यटकों की सुविधा के लिए लाकर सिस्टम की व्यवस्था की गई है, जिसमें वह अपने सामानों को रखकर कहीं भी आसानी से घूम सकते हैं इसके साथ ही इसमें साउंड सिस्टम की व्यवस्था की गई है, जो यात्रियों को अलग-अलग स्थान के बारे में जानकारी देगा. इसमे जहां यात्री जाएंगे उस स्थान का विवरण इस साउंड सिस्टम के माध्यम से पर्यटकों को पता चलेगा. यही नहीं यह साउंड सिस्टम हिंदी व अंग्रेजी भाषा में उपलब्ध होगा, ताकि विदेशी मेहमानों को समझने में दिक्कत न हो. अमृता ने बताया कि पहले फेज के तहत 20 महिलाओं को इससे जोड़ा गया है. आगामी दिनों में हम 100 महिलाओं को इससे जोड़ेंगे. जिससे न सिर्फ उन्हें रोजगार मिल सके बल्कि वह सम्मान के साथ अपना जीविकोपार्जन कर सकेंगी.

ऐसे होगी बुकिंग: उन्होंने बताया कि इस रिक्शे की सुविधा देशी-विदेशी मेहमानों के लिए होगी. इसकी बुकिंग होटल के जरिए ही कराई जाएगी. इसके लिए होली सिटी प्रोजेक्ट के तहत होटल्स के साथ टाइअप किया जाएगा, जहां पर्यटकों की बुकिंग आएगी और सीधे महिला चालक इस ई रिक्शा के जरिए होटल से पर्यटकों को लेंगे और उसके बाद उन्हें शहर के अलग-अलग क्षेत्र में भ्रमण कराएंगी. यही नहीं, बनारस आने वाले यात्री भी ऑनलाइन होली सिटी के माध्यम से इस रिक्शा की बुकिंग कर सकते हैं और बनारस में सवारी कर सकते हैं.

महिला चालकों के लिए है यह सुनहरा मौका : इस बारे में ई रिक्शा चालक महिलाओं का कहना है कि यह उनके लिए एक सुनहरा मौका है. जब उन्हें इस तरीके की नई सुविधा दी गई है. बताया कि इस सुविधा का सबसे बड़ा लाभ यह है कि वह आत्मसम्मान के साथ अपने काम को कर सकती हैं. यह रिक्शा इतना मॉडिफाई है कि उन्हें चलाने में भी किसी तरीके की कोई दिक्कत नहीं हो रही है और निःशुल्क लाभ उन्हें मिल रहा है. आगे वह कहती हैं कि इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि उन्हें चौराहे-चौराहे पर जाकर सवारी लेना नहीं पड़ेगा, कई बार सवारी लेने के चक्कर में उन्हें अलग-अलग कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता था.लेकिन अब यह सारे समस्याओं का समाधान हो जाएगा और वह हर दिन 500 से लेकर के हजार रुपए तक आमदनी कर सकती हैं.

यह भी पढ़ें : यूपी की 10वीं वंदे भारत 1570 रुपये में आगरा से पहुंचाएगी बनारस, 23 से चलेगी, अन्य स्टेशनों के लिए इतना होगा किराया - Agra Banaras Vande Bharat fare

वाराणसी: पिंक सिटी जयपुर की तरह अब धर्म नगरी बनारस की सड़कों पर भी ऐसे ई रिक्शा चलते मिलेंगे, जिनकी कमान महिलाओं के हाथ में होगी. पर्यटन विभाग की ओर से पीपीपी मॉडल पर इस योजना को शुरू किया गया है, जिसका नाम होली सिटी है. ये रिक्शे देश-विदेश के सैलानियों को बनारस की गलियों और लोकप्रिय धार्मिक स्थलों की सैर कराएंगे. इसके साथ ही इनमें कई खूबियां हैं. ये आम रिक्शे से अलग हैं और पर्यटकों को लुभाएंगे.

बनारस में महिलाएं ईरिक्शे पर कराएंगी धर्मनगरी की सैर. (Video Credit; ETV Bharat)

महिलाओं को दी गई 5 महीने की ट्रेनिंग: वाराणसी में महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के साथ यहां आने वाले पर्यटकों सहूलियत के लिए पर्यटन विभाग की ओर से ई रिक्शा संचालन की शुरुआत की गई है. खास यह कि इसके लिए महिलाओं को नियुक्त किया गया है. इसके लिए लगभग 5 महीने की ट्रेनिंग दी गई. जिसमें पहले फेज में 20 चालकों को तैयार किया गया. यह रिक्शा अन्य रिक्शों से भिन्न हैं. इससे न सिर्फ उनकी आय में बढ़ोतरी होगी बल्कि पर्यटकों को बनारस में एक नई सुविधा का लाभ मिलेगा.

क्या खास है इस रिक्शे में : इस बारे में प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर अमृता बताती हैं कि इसकी शुरुआत जयपुर के तर्ज पर बनारस में की गई है. यह रिक्शा सामान्य ई रिक्शा से भिन्न हैं .इसमें ओपन रूफ की व्यवस्था है. पर्यटकों की सुविधा के लिए लाकर सिस्टम की व्यवस्था की गई है, जिसमें वह अपने सामानों को रखकर कहीं भी आसानी से घूम सकते हैं इसके साथ ही इसमें साउंड सिस्टम की व्यवस्था की गई है, जो यात्रियों को अलग-अलग स्थान के बारे में जानकारी देगा. इसमे जहां यात्री जाएंगे उस स्थान का विवरण इस साउंड सिस्टम के माध्यम से पर्यटकों को पता चलेगा. यही नहीं यह साउंड सिस्टम हिंदी व अंग्रेजी भाषा में उपलब्ध होगा, ताकि विदेशी मेहमानों को समझने में दिक्कत न हो. अमृता ने बताया कि पहले फेज के तहत 20 महिलाओं को इससे जोड़ा गया है. आगामी दिनों में हम 100 महिलाओं को इससे जोड़ेंगे. जिससे न सिर्फ उन्हें रोजगार मिल सके बल्कि वह सम्मान के साथ अपना जीविकोपार्जन कर सकेंगी.

ऐसे होगी बुकिंग: उन्होंने बताया कि इस रिक्शे की सुविधा देशी-विदेशी मेहमानों के लिए होगी. इसकी बुकिंग होटल के जरिए ही कराई जाएगी. इसके लिए होली सिटी प्रोजेक्ट के तहत होटल्स के साथ टाइअप किया जाएगा, जहां पर्यटकों की बुकिंग आएगी और सीधे महिला चालक इस ई रिक्शा के जरिए होटल से पर्यटकों को लेंगे और उसके बाद उन्हें शहर के अलग-अलग क्षेत्र में भ्रमण कराएंगी. यही नहीं, बनारस आने वाले यात्री भी ऑनलाइन होली सिटी के माध्यम से इस रिक्शा की बुकिंग कर सकते हैं और बनारस में सवारी कर सकते हैं.

महिला चालकों के लिए है यह सुनहरा मौका : इस बारे में ई रिक्शा चालक महिलाओं का कहना है कि यह उनके लिए एक सुनहरा मौका है. जब उन्हें इस तरीके की नई सुविधा दी गई है. बताया कि इस सुविधा का सबसे बड़ा लाभ यह है कि वह आत्मसम्मान के साथ अपने काम को कर सकती हैं. यह रिक्शा इतना मॉडिफाई है कि उन्हें चलाने में भी किसी तरीके की कोई दिक्कत नहीं हो रही है और निःशुल्क लाभ उन्हें मिल रहा है. आगे वह कहती हैं कि इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि उन्हें चौराहे-चौराहे पर जाकर सवारी लेना नहीं पड़ेगा, कई बार सवारी लेने के चक्कर में उन्हें अलग-अलग कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता था.लेकिन अब यह सारे समस्याओं का समाधान हो जाएगा और वह हर दिन 500 से लेकर के हजार रुपए तक आमदनी कर सकती हैं.

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