जयपुर. एसीबी मामलों की विशेष अदालत ने फर्जी एनओसी से अंग प्रत्यारोपण करने से जुडे़ मामले में ईएचसीसी अस्पताल के कोऑर्डिनेटर अनिल कुमार जोशी की जमानत अर्जी खारिज कर दी है. अदालत ने कहा कि आरोपी पर गंभीर आरोप है. ऐसे में उसे मुकदमे के इस स्तर पर जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता.
जमानत अर्जी में कहा गया कि एसीबी ने गत 31 मार्च को गौरव व प्रार्थी अनिल कुमार को गिरफ्तार किया था. तब से आरोपी अभिरक्षा में चल रहा है. जमानत अर्जी में कहा गया कि उसने गौरव सिंह के साथ मिलकर कोई आपराधिक षडयंत्र नहीं किया है और न ही फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कोई एनओसी जारी कराई है. इसके अलावा उसने एनओसी जारी कराने की एवज में किसी को रिश्वत भी नहीं दी है. प्रार्थी ईएचसीसी अस्पताल का कर्मचारी मात्र है. वह चिकित्सकों व उच्चाधिकारियों के निर्देश पर ऑपरेशन कराने की अनुमति के लिए सक्षम कमेटी के समक्ष आवेदन प्रस्तुत करने का काम करता था.
इसके अलावा उसका मरीजों से सीधा संपर्क भी नहीं होता है. अंग प्रत्यारोपण की हर फाइल संबंधित चिकित्सक की सिफारिश पर ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर के पास भेजी जाती है. जहां डोनर व मरीज की जांच होने के बाद फाइल अंग प्रत्यारोपण विभाग के मैनेजर को मिलती है और उसके बाद एनओसी के लिए कमेटी के समक्ष आवेदन किया जाता है. इस प्रक्रिया में प्रार्थी का काम सिर्फ आवेदन करना और एनओसी प्राप्त करने का ही होता है. प्रकरण में उसे फंसाया गया है. इसके अलावा उसके कार्यालय से समस्त रिकॉर्ड जब्त हो चुका है. ऐसे में उसे जमानत का लाभ दिया जाए. जिसका सरकारी वकील की ओर से विरोध किया गया. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है.