मेरठ : यूं तो शिक्षा का मंदिर पढ़ाई के लिए पहचाना जाता है, लेकिन मेरठ कॉलेज में पढ़ाई के साथ-साथ यहां एक खास बैंक भी संचालित किया जा रहा है. इस बैंक से सप्ताह में एक दिन ऐसे लोगों की जरूरत का सामान उपलब्ध होता है जोकि जरूरतमंद हैं, वह भी बिल्कुल निःशुल्क. आइए जानते हैं कि कैसे होता है इंतजाम, किन लोगों की होती है मदद.
प्रोफेसर और स्टूडेंट्स करते हैं बैंक का संचालन : यूं तो आपने तमाम ऐसे बैंकों के बारे में सुना होगा जहां रुपयों का लेनदेन होता है, लेकिन मेरठ में एक ऐसा बैंक है जो जरूरतमंदों के लिए बड़ा सहारा बनता जा रहा है. आर्थिक तंगी से जूझ रहे लोगों के मेरठ कॉलेज में इस खास तरह के बैंक का संचालन किया जा रहा है. कॉलेज के प्रोफेसर और स्टूडेंट्स बैंक का संचालन करते हैं. स्वेच्छा से प्रोफेसर और बाकी स्टाॅफ न सिर्फ जरूरत का सामान देते हैं, बल्कि जब भी उनके घर परिवार में कोई कार्यक्रम होता है कोई भी आयोजन होता है, जैसे जन्मदिन या फिर सालगिरह तो यहां का स्टाफ के लोग कॉलेज परिसर के लिए खाद्य सामग्री या फिर कपड़े समेत अन्य जरूरत का सामान भी दान करते हैं.
क्लाॅथिंग बैंक में दे सकते हैं कपड़े : मेरठ कॉलेज के प्रोफेसर योगेश कुमार बताते हैं कि कॉलेज के स्टाफ के अलावा और भी लोगों का साथ मिल रहा है. वह बताते हैं कि लगभग 40 प्रोफेसर इस नेक काम में एक साथ हैं. उन्होंने कहा कि समय-समय पर प्रचारित भी किया जाता है कि जो भी ऐसे लोग हैं, जिनके घर में अगर अतिरिक्त कपड़े हैं, वह चाहे सर्दी के हैं या गर्मी के तो वह मेरठ कॉलेज में बने क्लाॅथिंग बैंक में दे सकते हैं. क्योंकि उनसे किसी जरूरतमंद को मदद मिल सकती है. प्रोफेसर संदीप बताते हैं कि स्वेच्छा से दान करने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है, कोशिश यही है कि जो भी जरूरतमंद कहीं भी मिले उनकी मदद की जा सके. बहरहाल, लगभग सवा सौ साल इस महाविद्यालय के होने को हैं. यहां से तमाम हस्तियों ने पढ़ाई की है, वहीं अब इस खास कार्य से तो मेरठ कॉलेज की एक और पहचान बन गई है. इस काम में राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) से जुड़े स्टूडेंट्स भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं. क्लॉथ बैंक के संचालन से जुड़े प्रोफेसर बताते हैं कि समय समय पर ऐसे क्षेत्र का स्टूडेंट्स सर्वें करते हैं जहां उन्हें लगता है कि बस्तियों में लोगों को कपड़ों की आवश्यकता है. उसके बाद जाकर उन्हें उनकी आवश्यकता के अनुसार मदद करने की निरंतर कोशिश की जाती है. NSS स्टूडेंट्स भी बेहद खुश हैं कि उनमें सेवा भावना तो जागृत होती है, साथ ही वह यह भी मानते हैं कि ऐसी सेवा कार्य करते रहने से उन्हें भी ख़ुशी मिलती है.
उपलब्ध होता है जरूरत का सामान : राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यालय के कार्यक्रम अधिकारी प्रोफेसर योगेश बताते हैं कि जब शुरुआत की थी तो कुछ ही लोग एक साथ समान विचारधारा के थे, जिनके मन में यह था कि कुछ ऐसा किया जाए, वह बताते हैं कि ज़ब शुरुआत हुई तो सेवाभाव के इस कार्य में लोग जुड़ते चले गए. वर्तमान में सप्ताह में एक दिन मेरठ कॉलेज के सेवा योजना कार्यालय में स्थापित इस खास बैंक से जरूरतमंदों को उनकी जरूरत का सामान उपलब्ध कराया जा रहा है. जिसके लिए बकायदा स्टॉक रजिस्टर से लेकर कितना सामान दान में मिला, कितने सामान को वितरित किया गया उसका भी लेखा जोखा रखा जाता है. इस खास क्लोथिंग बैंक को प्रोफसर औऱ कॉलेज के कर्मचारी अपने संसाधनों से चला रहे हैं. समय-समय पर खाद्य सामग्री भी यहां से उन लोगों को दी जाती है जो कि ऐसे जरूरतमंद होते हैं.
ईटीवी भारत ने कुछ ऐसे भी लोगों से बात की, जो कि यहां से जरूरत का सामान बिल्कुल निःशुल्क पाते हैं. वह सभी का आभार भी जताते हैं.
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