देहरादून: उत्तराखंड की चारधाम यात्रा में सबसे अधिक अव्यवस्था और भीड़ की तस्वीरें यमुनोत्री धाम से ही सामने आई थीं. यमुनोत्री धाम में अभीतक 11 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है. यही कारण है कि सरकारी अमले का पूरा फोकस यमुनोत्री धाम पर ही लगा हुआ है. श्रद्धालुओं की परेशानियों को देखते हुए यमुनोत्री में प्रशासन की तरफ से कई इंतजाम किए गए हैं.
यमुनोत्री और गंगोत्री धाम में इस साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे रहे हैं. आज दोपहर 12 बजे तक दोनों ही धामों में करीब 12 हजार श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं. ऐसे में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए पुलिस की तरफ से भी खास इंतजाम किए गए हैं. यमुनोत्री धाम के पैदल मार्ग पर अधिक फिसलन होने के कारण भक्तों को चलने में काफी दिक्कतें होती हैं, इसीलिए पैदल मार्ग को साफ किया जा रहा है.
उत्तरकाशी जिलाधिकारी मेहरबान सिंह की मानें तो यमुनोत्री पैदल मार्ग की व्यवस्थाओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. घोड़े-खच्चर और डंडी-कंडी का आवागमन रोटेशन के आधार पर किया जा रहा है. यमुनोत्री क्षेत्र के सुपर जोनल मजिस्ट्रेट अभिषेक त्रिपाठी लगातार अपनी टीम के साथ यमुनोत्री पैदल मार्ग पर यात्रा व्यवस्थाओं का जायजा ले रहे हैं. इसके अलावा यात्री पंजीकरण केंद्र, सूचना केंद्र, घोड़ा पड़ाव और मेडिकल रिलीफ पोस्ट समेत अन्य जगहों का भी निरीक्षण किया. जहां भी कोई खामी मिल रही है, उसे तत्काल दुरुस्त किया जा रहा है.
इसके अलावा यमुनोत्री धाम पैदल मार्ग पर साफ-सफाई को लेकर भी व्यवस्थाएं बनाई गई हैं. बीते दिनों आई बारिश के बाद यमुनोत्री पैदल मार्ग पर काफी मिट्टी आ गई थी, जिसे साफ किया गया है. उत्तरकाशी जिलाधिकारी मेहरबान सिंह ने बताया कि यमुनोत्री पैदल मार्ग पर तीन मेडिकल रिलीफ पोस्ट बनाई गई हैं. इसके अलावा 30 फर्स्ट मेडिकल रिस्पांडर्स (एफएमआर) भी तैनात किए गए हैं.
यमुनोत्री धाम पैदल मार्ग पर यात्रियों की सुरक्षा व सहायता के लिए पुलिस, होमगार्ड और पीआरडी के जवानों के साथ ही एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के जवानों को भी तैनात किया गया है. यमुनोत्री पैदल मार्ग पर संचालित होने वाले घोड़े-खच्चरों की स्वास्थ्य जांच व चिकित्सा के लिए जानकीचट्टी में पशु चिकित्सा विभाग की टीम तैनात की गई है, जहां यह भी सुनिश्चित किया जाता है कि किसी भी बीमार या अनफिट घोड़े-खच्चर को यात्रा के लिए उपयोग में न लाया जाये. यमुनोत्री पैदल मार्ग पर घोड़े-खच्चरों के लिए उपयुक्त तापमान के पानी की व्यवस्था के लिए छह स्थानों पर गीजर की व्यवस्था की गई है.
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