ETV Bharat / state

चुनाव से पहले यूपी में आया राम गया राम का दौर जारी; सपा प्रदेश उपाध्यक्ष जगपाल दास ने छोड़ी पार्टी, जयंत चौधरी के सामने थामा रालोद का दामन - Jagpal das join Rashtriya Lok Dal

चुनाव से पहले प्रदेश उपाध्यक्ष जगपाल दास सपा छोड़ रालोद में हुए शामिल. रालोद प्रमुख चौधरी जयंत सिंह की मौजूदगी में पार्टी के राष्ट्रीय कार्यलय नई दिल्ली में समर्थकों के साथ रालोद की सदस्यता कर ली ग्रहण.

SP State Vice President joins RLD
सपा प्रदेश उपाध्यक्ष ने थामा रालोद का दामन
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Mar 19, 2024, 6:52 PM IST

सहारनपुर: चुनाव से पहले दल बदलने का दौर चरम पर पहुंच गया है. उत्तर प्रदेश में रोजाना ही कोई ना कोई नेताओं की आस्था बदल जा रही है. इसी कड़ी में मंगलवार को नया नाम जुड़ गया है जगपाल दास गुर्जर का. आजीवन प्रदेश अध्यक्ष और प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे स्वर्गीय चौधरी रामशरण दास के पुत्र जगपाल दास गुर्जर ने सपा की साइकिल छोड़ राष्ट्रीय लोकदल में शामिल हो गए हैं. जगपाल दास गुर्जर समाजवादी पार्टी में प्रदेश उपाध्यक्ष समेत कई पदों पर रह चुके हैं. पार्टी में अपनी उपेक्षा से आहत होकर उन्होंने दो दिन पहले समाजवादी पार्टी और जनेश्वर मिश्र ट्रस्ट से इस्तीफा दे दिया था.

जयंत के सामने जगपाल ने ग्रहण की सदस्यता: बता दें कि समाजवादी पार्टी से इस्तीफा देने के बाद से ही जगपाल दास गुर्जर के राष्ट्रीय लोकदल में जाने की अटकलें तेज हो गई थी. सपा के प्रदेश उपाध्यक्ष रहे जगपाल दास गुर्जर अपने समर्थकों के साथ रालोद के केंद्रीय कार्यालय नई दिल्ली पहुंच गए. जहां उन्होंने रालोद अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली. इस दौरान उनके साथ बड़ी संख्या में समर्थक भी मौजूद रहे. जगपाल का रालोद में जाना समाजवादी पार्टी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है.

जगपाल के पिता रहे आजावीन सपा प्रदेश अध्यक्ष: पश्चमी उत्तर प्रदेश की राजनीती के दिग्गज गुुर्जर नेता रहे चौ. रामशरण दास समाजवादी पार्टी के आजीवन प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं. स्व. चौ. रामशरण दास स्व. मुलायम सिंह यादव के सबसे ज्यादा नजदीकी माने जाते थे. यही वजह रही कि उनके पुत्र जगपाल दास गुर्जर भी मुलायम सिंह के बाद अखिलेश यादव के चहेते रहे. बावजूद इसके चौ. जगपाल दास गुर्जर के साइकिल से नाता तोड़कर रालोद का हैंडपंप चलाने के निर्णय लिया है. जिसके बाद से सपा और पश्चमी उत्तर प्रदेश की राजनीती में चर्चाओं का दौर जारी है.

गुर्जर समाज को साधने की कोशिश: चौ. जगपाल दास का राजनीतिक सफर स्व. चौ. रामशरण दास के जीवनकाल से ही शुरू हो गया था. इसके बावजूद समाजवादी चिंतक होने के नाते चौ. रामशरण दास ने परिवारवाद को बढ़ावा नहीं देते हुए जगपाल दास को राजनीति में कभी सक्रिय भूमिका नहीं निभाने दी थी. इसीलिए जगपाल के सपा छोड़ने पर लोगों को हैरानी हो रही है. देखना अब यह है कि, जगपाल के रालोद में जाने से जाट-गुर्जर समीकरण लोकसभा चुनाव में क्या गुल खिलाता है.

यह भी पढ़ें :मेनका और वरुण गांधी के टिकट पर असमंजस, पीलीभीत से राहुल के करीबी रहे नेता को भाजपा दे सकती मौका

सहारनपुर: चुनाव से पहले दल बदलने का दौर चरम पर पहुंच गया है. उत्तर प्रदेश में रोजाना ही कोई ना कोई नेताओं की आस्था बदल जा रही है. इसी कड़ी में मंगलवार को नया नाम जुड़ गया है जगपाल दास गुर्जर का. आजीवन प्रदेश अध्यक्ष और प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे स्वर्गीय चौधरी रामशरण दास के पुत्र जगपाल दास गुर्जर ने सपा की साइकिल छोड़ राष्ट्रीय लोकदल में शामिल हो गए हैं. जगपाल दास गुर्जर समाजवादी पार्टी में प्रदेश उपाध्यक्ष समेत कई पदों पर रह चुके हैं. पार्टी में अपनी उपेक्षा से आहत होकर उन्होंने दो दिन पहले समाजवादी पार्टी और जनेश्वर मिश्र ट्रस्ट से इस्तीफा दे दिया था.

जयंत के सामने जगपाल ने ग्रहण की सदस्यता: बता दें कि समाजवादी पार्टी से इस्तीफा देने के बाद से ही जगपाल दास गुर्जर के राष्ट्रीय लोकदल में जाने की अटकलें तेज हो गई थी. सपा के प्रदेश उपाध्यक्ष रहे जगपाल दास गुर्जर अपने समर्थकों के साथ रालोद के केंद्रीय कार्यालय नई दिल्ली पहुंच गए. जहां उन्होंने रालोद अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली. इस दौरान उनके साथ बड़ी संख्या में समर्थक भी मौजूद रहे. जगपाल का रालोद में जाना समाजवादी पार्टी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है.

जगपाल के पिता रहे आजावीन सपा प्रदेश अध्यक्ष: पश्चमी उत्तर प्रदेश की राजनीती के दिग्गज गुुर्जर नेता रहे चौ. रामशरण दास समाजवादी पार्टी के आजीवन प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं. स्व. चौ. रामशरण दास स्व. मुलायम सिंह यादव के सबसे ज्यादा नजदीकी माने जाते थे. यही वजह रही कि उनके पुत्र जगपाल दास गुर्जर भी मुलायम सिंह के बाद अखिलेश यादव के चहेते रहे. बावजूद इसके चौ. जगपाल दास गुर्जर के साइकिल से नाता तोड़कर रालोद का हैंडपंप चलाने के निर्णय लिया है. जिसके बाद से सपा और पश्चमी उत्तर प्रदेश की राजनीती में चर्चाओं का दौर जारी है.

गुर्जर समाज को साधने की कोशिश: चौ. जगपाल दास का राजनीतिक सफर स्व. चौ. रामशरण दास के जीवनकाल से ही शुरू हो गया था. इसके बावजूद समाजवादी चिंतक होने के नाते चौ. रामशरण दास ने परिवारवाद को बढ़ावा नहीं देते हुए जगपाल दास को राजनीति में कभी सक्रिय भूमिका नहीं निभाने दी थी. इसीलिए जगपाल के सपा छोड़ने पर लोगों को हैरानी हो रही है. देखना अब यह है कि, जगपाल के रालोद में जाने से जाट-गुर्जर समीकरण लोकसभा चुनाव में क्या गुल खिलाता है.

यह भी पढ़ें :मेनका और वरुण गांधी के टिकट पर असमंजस, पीलीभीत से राहुल के करीबी रहे नेता को भाजपा दे सकती मौका

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.