गिरिडीह: दुकान बंद कर अपने घर जा रहे एक युवक का अपहरण कर लिया गया. अपहरण की यह घटना बिहार से सटे गिरिडीह जिले के देवरी थाना इलाके के चतरो बाजार से की गई. फिरौती के लिए हुए इस अपहरण की जानकारी मिलते ही गिरिडीह एसपी दीपक कुमार शर्मा की टीम ने त्वरित कार्रवाई की है. गिरिडीह एसपी के निर्देश पर गठित छह पुलिस अधिकारियों की टीम ने ऐसी घेराबंदी की अपहृत, अपहृत के वाहन के साथ साथ जिस वाहन से अपहरण की वारदात की गई थी, उसे छोड़कर अपराधियों को भगाना पड़ा और अंततः पुलिस ने युवक को सकुशल बरामद कर लिया. जिस युवक की बरामदगी की गई है उसका नाम पवन दास है जो चतरो का रहनेवाला है.
ऐसे हुई घटना
दरअसल गुरुवार की रात गिरिडीह के एसपी दीपक कुमार शर्मा को चतरो से फोन आया. फोन करनेवाले ने खुद का नाम लक्ष्मण दास बताया. एसपी को यह बताया कि वह ग्रामीण चिकित्सक है और उसका दुकान चतरो बाजार में है. रात लगभग 9 बजे उसका पुत्र पवन दास दुकान बंद कर बाइक से घर आ रहा था. इसी बीच उसके पुत्र का बाइक समेत अपहरण कर लिया गया है और फिरौती की मांग की जा रही है.
दो इंस्पेक्टर के साथ चार थानेदार की टीम गठित
मामले को एसपी ने गंभीरता से लेते हुए तुरंत ही युवक को सकुशल बरामद करने के लिए आगे की कार्रवाई शुरू की. एक तरफ युवक का डिटेल लेते हुए टेक्निकल टीम को एक्टिव किया गया. वहीं मुफ्फसिल थाना प्रभारी सह पुलिस निरीक्षक श्याम किशोर महती, जमुआ सर्किल के इंस्पेक्टर प्रमोद सिंह, देवरी थाना प्रभारी सोनू साहू, जमुआ थाना प्रभारी मणिकांत, धनवार थाना प्रभारी नंदू पाल, हीरोडीह थाना प्रभारी धर्मेंद्र कुमार की अलग अलग टीम बनायी गई. सभी छह टीम को पुलिस बल के साथ युवक को सकुशल बरामद करने और अपराधियों को गिरफ्तार करने का निर्देश दिया गया. इसके अलावा एसपी ने अपने क्यूआरटी को भी क्षेत्र में भेजा और पूरे मामले की मॉनिटरिंग शुरू की.
लीड मिलते ही दोगुनी ताकत से गांव- जंगल की छानबीन
एसपी की टीम पूरे मामले की तफ्तीश में जुट गई. इसी दौरान अपराधियों के उस सहयोगी को खोज लिया गया जो फिरौती के लिए अपहृत के पिता को फोन कर रहा था. इसे हिरासत में लिया गया. इस बीच पता चला कि अपहरण करने के बाद युवक को मुफ्फसिल थाना इलाके के कुरुमडीहा के जंगल में रखा गया है. ऐसे में डेढ़ सौ जवानों के साथ पुलिस अधिकारियों ने जंगल की घेराबंदी की. अधिकारी और जवान जंगल के अंदर दाखिल हो गए. जंगल के हरेक कोने को खंगाला जाने लगा. इस बीच रात गुजर गई और उजाला हो गया.
पुलिस को देख भागे संदिग्ध
इसी दौरान देवरी थानेदार सोनू और जमुआ थानेदार की नजर एक बाइक पर सवार दो संदिग्ध पर पड़ी. दोनों जिस बाइक पर सवार थे वह बाइक अपहृत का प्रतीत हुआ. ऐसे में दोनों थानेदार ने बाइक की तरफ मूव किया दोनों संदिग्ध बाइक समेत भगाने लगे. ऐसे में दोनों थानेदार ने भी दौड़ लगा दी. पुलिस के तेवर को देखकर दोनों संदिग्ध बाइक छोड़कर भाग निकले. पुलिस ने बाइक को जब्त किया तो यह साफ हो गया कि बाइक अपहृत पवन की ही है.
पेशम के पास हुई बरामदगी
दोनों संदिग्ध के भागने के बाद यह साफ हो गया कि दोनों पुलिस की रेकी कर रहे थे. ऐसे में कुरुमडीहा के अलावा पेशम के इलाके की तरफ भी पुलिस पदाधिकारी के साथ लगभग 150 जवानों को भेजा गया. पूरे इलाके को सील करते हुए पूरे जिला में एक साथ वाहनों की जांच शुरू कर दी गई. ऐसे में अपराधियों को लगा कि लोग पकड़े जाएंगे. अब अपराधियों के पास जान बचाकर भागने के अलावा कुछ दूसरा रास्ता नहीं बचा था. ऐसे में अपहृत को छोड़कर अपराधी भाग निकले. एसपी के नेतृत्व गिरिडीह पुलिस ने 12 घंटे की कड़ी मेहनत कर न सिर्फ अपहृत पवन को सकुशल बरामद कर लिया, बल्कि जिस वाहन से घटना को अंजाम दिया उसे भी जब्त कर लिया. कहा जाए तो पुलिस की सक्रियता से न सिर्फ अपराधियों की योजना असफल हो गई बल्कि युवक को सकुशल बरामद कर लिया गया.
अपराधियों की गई है पहचान, सभी पकड़े जाएगे: एसपी
एसपी दीपक कुमार शर्मा ने बताया कि गुरुवार की रात को ग्रामीण चिकित्सक के पुत्र का अपहरण हुआ था. अपहरण फिरौती के लिए किया गया था, लेकिन सूचना मिलते ही गिरिडीह पुलिस की टीम ने तुरंत ही कार्रवाई की और बगैर फिरौती दिए ही युवक को बरामद कर लिया गया. इस घटना को अंजाम देने वाले सभी अपराधियों की पहचान कर ली गई है. सभी को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा.
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