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सोयाबीन में इसे डालने से खरपतवार का होगा जड़ से सफाया, मिलेगी बंपर पैदावार, जानिये पूरा प्रोसेस - soybean cultivation tips

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jun 27, 2024, 3:03 PM IST

अगर कृषि के दौरान किसी फसल में खरपतवार हो रही है तो समझ लिए आपकी फसल खराब हो रही है. इससे उत्पादन भी प्रभावित हो सकता है. आज हम बात करते हैं सोयाबीन की फसल की. सोयाबीन की फसल उगाने वाले किसान बुवाई करने के 72 घंटे में कीटनाशकों का उपयोग करना जैसे कुछ कदम उठाएंगे तो उनकी फसल अच्छी होगी और उत्पादन में बढ़ोतरी होगी.

SOYBEAN MEIN KHARPATWAR NIYANTRAN
सोयाबीन खरपतवार नाशक (Etv Bharat)

KHARPATVAAR PRABANDHAN KYA HAI: मध्य प्रदेश में खरीफ की मुख्य फसल सोयाबीन की बुवाई का कार्य लगातार जारी है. सोयाबीन की उन्नत खेती में यदि खरपतवार प्रबंधन अभी से कर लें तो किसानों को सोयाबीन का बेहतर उत्पादन प्राप्त हो सकता है. इसके लिए किसानों को सोयाबीन की फसल बोने के 72 घंटे के भीतर खरपतवार नाशक का छिड़काव खेत में करना होगा. कृषि विशेषज्ञों के द्वारा अनुशंसित मात्रा में खरपतवार नाशक का पर्याप्त नमी में उपयोग करने से सोयाबीन की खेती में किसानों को खरपतवार नियंत्रण के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा. वहीं, सोयाबीन के पौधों की बढ़वार भी प्रभावित नहीं होगी.

रतलाम में सोयाबीन की फसल पर छिड़काव (Etv Bharat)

रासायनिक खरपतवार नियंत्रण ही कारगर

दरअसल सोयाबीन की खेती में खरपतवार सबसे बड़ी समस्या होती है. खरपतवार को नियंत्रित करने के कई तरीके होते हैं. लेकिन व्यवसायिकता के इस दौर में रासायनिक खरपतवार नियंत्रण ही कारगर साबित होता है. रासायनिक तरीके से खरपतवार नियंत्रण के कई तरीके होते हैं. जिसमें फसल बुवाई के पूर्व, फसल बोने के 72 घंटे के भीतर और 15 से 20 दिन की फसल की अवस्था में खरपतवार नाशकों का इस्तेमाल किया जाता है.

SOYBEAN MEIN KHARPATWAR NIYANTRAN
सोयाबीन बुवाई करने के 72 घंटे में करें कीटनाशक का छिड़काव (Etv Bharat)

इन दवाओं का करें छिड़काव

सोयाबीन की फसल में 72 घंटे के अंदर रासायनिक खरपतवार का इस्तेमाल करने से अच्छे नतीजे प्राप्त होते हैं. क्योंकि उस समय खेत में पर्याप्त नमी भी उपलब्ध होती है और बारिश होने की संभावना भी बनी रहती है. कृषि विशेषज्ञों के अनुसार पेंडीमेथिलीन, डाइक्लोसुलम 84WDG और सल्फेंट्राजोन 48 SC जैसे खरपतवार नाशक जो की अलग-अलग ब्रांड के नाम से बाजार में उपलब्ध हैं, उनका इस्तेमाल अनुशंसित मात्रा में किया जाना चाहिए. Soybean kharpatwar Nashak

Also Read:

बुवाई के साथ खरपतवार प्रबंधन क्यों है फायदेमंद

रतलाम जिले के करमदी गांव के प्रगतिशील किसान मनोहर सिंह राज पुरोहित बताते हैं कि ''आमतौर पर किसान सोयाबीन की फसल में 15 से 20 दिन की अवस्था में खरपतवार नाशकों का इस्तेमाल करते हैं. इसकी वजह से कई बार सोयाबीन की फसल पर विपरीत प्रभाव पड़ता है. वहीं, नमी नहीं होने की वजह से अच्छे तरीके से खरपतवार नियंत्रण नहीं होता है. जबकि सोयाबीन की बुवाई के तुरंत बाद 72 घंटे के भीतर यदि खरपतवार नाशक का इस्तेमाल किया जाए तो नतीजे अच्छे प्राप्त होते हैं. खेत में नमी होने की वजह से खरपतवार के बीजों का अंकुरण नहीं होता है. सोयाबीन की फसल पर इसका विपरीत प्रभाव भी कम पड़ता है.''

बंपर होगा सोयाबीन का उत्पादन

बहरहाल किसान भाई जो सोयाबीन की बुवाई कर रहे हैं. वह अपने नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र अथवा कृषि अधिकारी से संपर्क कर फसल कोनी के 72 घंटे के भीतर किए जाने वाले खरपतवार प्रबंधन के बारे में जानकारी ले सकते हैं. साथ ही कृषि विशेषज्ञों की अनुशंसा अनुसार, रासायनिक खरपतवार का इस्तेमाल कर सोयाबीन का बंपर उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं.

KHARPATVAAR PRABANDHAN KYA HAI: मध्य प्रदेश में खरीफ की मुख्य फसल सोयाबीन की बुवाई का कार्य लगातार जारी है. सोयाबीन की उन्नत खेती में यदि खरपतवार प्रबंधन अभी से कर लें तो किसानों को सोयाबीन का बेहतर उत्पादन प्राप्त हो सकता है. इसके लिए किसानों को सोयाबीन की फसल बोने के 72 घंटे के भीतर खरपतवार नाशक का छिड़काव खेत में करना होगा. कृषि विशेषज्ञों के द्वारा अनुशंसित मात्रा में खरपतवार नाशक का पर्याप्त नमी में उपयोग करने से सोयाबीन की खेती में किसानों को खरपतवार नियंत्रण के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा. वहीं, सोयाबीन के पौधों की बढ़वार भी प्रभावित नहीं होगी.

रतलाम में सोयाबीन की फसल पर छिड़काव (Etv Bharat)

रासायनिक खरपतवार नियंत्रण ही कारगर

दरअसल सोयाबीन की खेती में खरपतवार सबसे बड़ी समस्या होती है. खरपतवार को नियंत्रित करने के कई तरीके होते हैं. लेकिन व्यवसायिकता के इस दौर में रासायनिक खरपतवार नियंत्रण ही कारगर साबित होता है. रासायनिक तरीके से खरपतवार नियंत्रण के कई तरीके होते हैं. जिसमें फसल बुवाई के पूर्व, फसल बोने के 72 घंटे के भीतर और 15 से 20 दिन की फसल की अवस्था में खरपतवार नाशकों का इस्तेमाल किया जाता है.

SOYBEAN MEIN KHARPATWAR NIYANTRAN
सोयाबीन बुवाई करने के 72 घंटे में करें कीटनाशक का छिड़काव (Etv Bharat)

इन दवाओं का करें छिड़काव

सोयाबीन की फसल में 72 घंटे के अंदर रासायनिक खरपतवार का इस्तेमाल करने से अच्छे नतीजे प्राप्त होते हैं. क्योंकि उस समय खेत में पर्याप्त नमी भी उपलब्ध होती है और बारिश होने की संभावना भी बनी रहती है. कृषि विशेषज्ञों के अनुसार पेंडीमेथिलीन, डाइक्लोसुलम 84WDG और सल्फेंट्राजोन 48 SC जैसे खरपतवार नाशक जो की अलग-अलग ब्रांड के नाम से बाजार में उपलब्ध हैं, उनका इस्तेमाल अनुशंसित मात्रा में किया जाना चाहिए. Soybean kharpatwar Nashak

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रतलाम जिले के करमदी गांव के प्रगतिशील किसान मनोहर सिंह राज पुरोहित बताते हैं कि ''आमतौर पर किसान सोयाबीन की फसल में 15 से 20 दिन की अवस्था में खरपतवार नाशकों का इस्तेमाल करते हैं. इसकी वजह से कई बार सोयाबीन की फसल पर विपरीत प्रभाव पड़ता है. वहीं, नमी नहीं होने की वजह से अच्छे तरीके से खरपतवार नियंत्रण नहीं होता है. जबकि सोयाबीन की बुवाई के तुरंत बाद 72 घंटे के भीतर यदि खरपतवार नाशक का इस्तेमाल किया जाए तो नतीजे अच्छे प्राप्त होते हैं. खेत में नमी होने की वजह से खरपतवार के बीजों का अंकुरण नहीं होता है. सोयाबीन की फसल पर इसका विपरीत प्रभाव भी कम पड़ता है.''

बंपर होगा सोयाबीन का उत्पादन

बहरहाल किसान भाई जो सोयाबीन की बुवाई कर रहे हैं. वह अपने नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र अथवा कृषि अधिकारी से संपर्क कर फसल कोनी के 72 घंटे के भीतर किए जाने वाले खरपतवार प्रबंधन के बारे में जानकारी ले सकते हैं. साथ ही कृषि विशेषज्ञों की अनुशंसा अनुसार, रासायनिक खरपतवार का इस्तेमाल कर सोयाबीन का बंपर उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं.

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