भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि किसानों से सोयाबीन उपार्जन के दौरान कोई लापरवाही न बरती जाए. आवश्यकता अनुसार खाद भी उपलब्ध कराई जाए. बता दें कि सोयाबीन उपार्जन के बाद किसानों को भुगतान ऑनलाइन किया जाएगा. प्रदेश में 7 जिले दतिया, भिंड, कटनी, मंडला, बालाघाट, सीधी एवं सिंगरौली को छोड़कर शेष सभी जगह सोयाबीन का उपार्जन होगा. हालांकि यदि इन जिलों से भी प्रस्ताव आते हैं, तो संबंधित जिलों में भी सोयाबीन उपार्जन पर विचार किया जाएगा. मुख्यमंत्री डा. यादव ने खाद के व्यवस्थित वितरण के लिए अधिकारियों को डबल लाक केन्द्रों पर अतिरिक्त बिक्री काउंटर खोलने के निर्देश भी दिए हैं.
कालाबाजारी करने वालों पर हो कठोर कार्रवाई
सीएम यादव ने कहा कि उर्वरक की मांग बढ़ने पर कालाबाजारी, अवैध भंडारण, नकली उर्वरक निर्माण की संभावना रहती है. पुलिस का सहयोग लेते हुए निरीक्षण और चेकिंग की व्यवस्था को बढ़ाया जाए. कालाबाजारी करने वालों, मिलावट, मिस ब्रांडिंग और नकली उर्वरक खपाने वालों पर कठोरतम कार्रवाई की जाए. उर्वरक अवैध परिवहन पर नियंत्रण के लिए एक जिले से दूसरे जिले में उर्वरक मूवमेंट पर सतत् निगरानी रखें. सीएम यादव ने शनिवार को मुख्यमंत्री निवास से सोयाबीन उपार्जन, खाद उपलब्धता और वितरण की वीडियो-कॉन्फ्रेसिंग में कलेक्टर -कमिश्नर से चर्चा कर उक्त निर्देश दिए.
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प्राकृतिक खेती को पर दिया जाए जोर
सीएम ने इस बैठक में अधिकारियों से कहा कि खरीफ 2024-25 के लिए प्रदेश में खाद की पर्याप्त उपलब्धता है. प्रदेश में उपार्जन के समुचित बेहतर प्रबंध करने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित किया जाए, ताकि आवश्यकतानुसार डीएपी के स्थान पर एनपीके, लिक्विड नैनो यूरिया के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए किसानों को ज्यादा से ज्यादा जानकारी दी जाए. सीएम ने कलेक्टरों को निर्देशित किया कि राजस्व अमला जनप्रतिनिधियों के साथ फसलों की क्षति आंकलन सुनिश्चित करें. सीएम ने यादव ने खरीफ 2024 में एनपीके का उपयोग 45 प्रतिशत होने पर प्रसन्नता जताई, जो कि वर्ष 2023-24 में मात्र 26 प्रतिशत था.