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Rajasthan: सरसों और आलू फसल की बुवाई ने जोर पकड़ा, खाद बीज की महंगाई से किसान परेशान,डीएपी की भी किल्लत

धौलपुर जिले में रबी की बुवाई शुरू हो गई है. सरसों की बुवाई जहां लगभग पूरी हो गई,वहीं आलू की अब चालू हुई है.

Sowing of Rabi Crops in Dholpur
सरसों और आलू फसल की बुवाई ने जोर पकड़ा (Photo ETV Bharat Dholpur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 22, 2024, 5:10 PM IST

धौलपुर: जिले में सरसों और आलू की बुवाई हो रही है. सरसों की बुवाई लगभग अंतिम दौर में है, जबकि आलू की अब शुरू हुई है. किसान इस बार खाद, बीज और कीटनाशकों की महंगाई से परेशान हैं. किसान विनीत शर्मा ने बताया कि कई जगह सरसों की बुवाई पूरी हो चुकी है. खेतों में फसल उगने भी लगी है. जिन खेतों में सरसों की फसल अंकुरित होने लगी है. इसमें कीटों ने भी दस्तक देना शुरू कर दिया.

इस बीच किसानों ने आलू की बुवाई शुरू कर दी है. जिले में नकदी फसलों में आलू की बुवाई सबसे अधिक होती है. उन्होंने बताया कि इस बार खाद बीज, कीटनाशक दवाएं एवं डीएपी की कीमतें बहुत ज्यादा महंगी हैं. बाजार में डीएपी पर कालाबाजारी हो रही है. दुकानदार निर्धारित रेट से 500 से लेकर 700 रुपए तक की अधिक राशि वसूल रहे हैं. कीटनाशक दवा एवं अन्य उपकरण भी महंगे हो गए. आलू का बीज किसानों को काफी महंगा पड़ रहा है.

सरसों और आलू फसल की बुवाई ने जोर पकड़ा, (Video ETV Bharat Dholpur)

पढ़ें: टीकाराम जूली ने सरकार पर खड़े किए सवाल, कहा- किसानों को नहीं मिल रहा खाद, दोगुने दाम पर बेच रहे डीलर

खेती में लागत बढ़ रही: किसान विजय सिंह परमार ने बताया कि खेती लगातार घाटे का सौदा साबित हो रही है. इस बार बरसात ने भारी तबाही मचाई है. रबी फसल की बुवाई का सीजन शुरू हो चुका है. किसान सांवरिया कुशवाहा ने बताया कि खेती की लागत बहुत अधिक हो गई है. खाद बीज और कीटनाशकों को मिलाकर आलू की बुवाई 30 से 35 हजार रुपए प्रति बीघा पड़ रही है. सरसों की बुवाई का खर्च आलू की अपेक्षा काफी कम है. सरसों फसल की लागत करीब 8 से 10 हजार प्रति बीघा है.

धौलपुर: जिले में सरसों और आलू की बुवाई हो रही है. सरसों की बुवाई लगभग अंतिम दौर में है, जबकि आलू की अब शुरू हुई है. किसान इस बार खाद, बीज और कीटनाशकों की महंगाई से परेशान हैं. किसान विनीत शर्मा ने बताया कि कई जगह सरसों की बुवाई पूरी हो चुकी है. खेतों में फसल उगने भी लगी है. जिन खेतों में सरसों की फसल अंकुरित होने लगी है. इसमें कीटों ने भी दस्तक देना शुरू कर दिया.

इस बीच किसानों ने आलू की बुवाई शुरू कर दी है. जिले में नकदी फसलों में आलू की बुवाई सबसे अधिक होती है. उन्होंने बताया कि इस बार खाद बीज, कीटनाशक दवाएं एवं डीएपी की कीमतें बहुत ज्यादा महंगी हैं. बाजार में डीएपी पर कालाबाजारी हो रही है. दुकानदार निर्धारित रेट से 500 से लेकर 700 रुपए तक की अधिक राशि वसूल रहे हैं. कीटनाशक दवा एवं अन्य उपकरण भी महंगे हो गए. आलू का बीज किसानों को काफी महंगा पड़ रहा है.

सरसों और आलू फसल की बुवाई ने जोर पकड़ा, (Video ETV Bharat Dholpur)

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खेती में लागत बढ़ रही: किसान विजय सिंह परमार ने बताया कि खेती लगातार घाटे का सौदा साबित हो रही है. इस बार बरसात ने भारी तबाही मचाई है. रबी फसल की बुवाई का सीजन शुरू हो चुका है. किसान सांवरिया कुशवाहा ने बताया कि खेती की लागत बहुत अधिक हो गई है. खाद बीज और कीटनाशकों को मिलाकर आलू की बुवाई 30 से 35 हजार रुपए प्रति बीघा पड़ रही है. सरसों की बुवाई का खर्च आलू की अपेक्षा काफी कम है. सरसों फसल की लागत करीब 8 से 10 हजार प्रति बीघा है.

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