धौलपुर: जिले में सरसों और आलू की बुवाई हो रही है. सरसों की बुवाई लगभग अंतिम दौर में है, जबकि आलू की अब शुरू हुई है. किसान इस बार खाद, बीज और कीटनाशकों की महंगाई से परेशान हैं. किसान विनीत शर्मा ने बताया कि कई जगह सरसों की बुवाई पूरी हो चुकी है. खेतों में फसल उगने भी लगी है. जिन खेतों में सरसों की फसल अंकुरित होने लगी है. इसमें कीटों ने भी दस्तक देना शुरू कर दिया.
इस बीच किसानों ने आलू की बुवाई शुरू कर दी है. जिले में नकदी फसलों में आलू की बुवाई सबसे अधिक होती है. उन्होंने बताया कि इस बार खाद बीज, कीटनाशक दवाएं एवं डीएपी की कीमतें बहुत ज्यादा महंगी हैं. बाजार में डीएपी पर कालाबाजारी हो रही है. दुकानदार निर्धारित रेट से 500 से लेकर 700 रुपए तक की अधिक राशि वसूल रहे हैं. कीटनाशक दवा एवं अन्य उपकरण भी महंगे हो गए. आलू का बीज किसानों को काफी महंगा पड़ रहा है.
खेती में लागत बढ़ रही: किसान विजय सिंह परमार ने बताया कि खेती लगातार घाटे का सौदा साबित हो रही है. इस बार बरसात ने भारी तबाही मचाई है. रबी फसल की बुवाई का सीजन शुरू हो चुका है. किसान सांवरिया कुशवाहा ने बताया कि खेती की लागत बहुत अधिक हो गई है. खाद बीज और कीटनाशकों को मिलाकर आलू की बुवाई 30 से 35 हजार रुपए प्रति बीघा पड़ रही है. सरसों की बुवाई का खर्च आलू की अपेक्षा काफी कम है. सरसों फसल की लागत करीब 8 से 10 हजार प्रति बीघा है.