नई दिल्ली: दक्षिण एशियाई विश्वविद्यालय (SAU) ने हाल ही में एक क्रांतिकारी कदम उठाते हुए 'एमएस इन डेटा साइंस एंड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस' पाठ्यक्रम की शुरुआत की है. यह पाठ्यक्रम देश की किसी भी विश्वविद्यालय द्वारा पहली बार ऑनलाइन मोड में पेश किया गया है, जो विद्यार्थियों के लिए डेटा साइंस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में उच्चस्तरीय कौशल प्राप्त करने का एक सुनहरा अवसर है.
इस पाठ्यक्रम को इस तरह डिजाइन किया गया है कि यह छात्रों को आने वाले कल की चुनौतियों का सामना करने के लिए आवश्यक ज्ञान और विशेषज्ञता प्रदान करे. प्रोफेसर के के अग्रवाल, विश्वविद्यालय के अध्यक्ष, ने कहा कि "एक तेजी से बदलती दुनिया में ऑनलाइन शिक्षा एक बड़ा अवसर प्रदान करती है." इस दृष्टि से, यह कार्यक्रम न केवल तकनीकी कौशल को मजबूती देगा, बल्कि यह उन छात्रों के लिए भी फायदेमंद होगा जो अपने करियर में आगे बढ़ना चाहते हैं.
पाठ्यक्रम की विशेषताएं: यह दो वर्ष का मास्टर्स डिग्री कोर्स है, जिसमें प्रवेश के लिए छात्रों को किसी भी ब्रांच से बीटेक, बीई, या स्नातक की डिग्री होनी चाहिए. इसके अतिरिक्त, मैथमेटिक्स के साथ स्नातक और एमएससी मैथमेटिक्स और एमसीए पास छात्र भी इस कोर्स में आवेदन कर सकते हैं. कोर्स की फीस प्रति सेमेस्टर 45,600 रूपये है और एडमिशन फीस 17,600 रूपये रखी गई है. इच्छुक छात्रों के लिए ऑनलाइन आवेदन की आखिरी तिथि 24 दिसंबर है और कक्षाएँ 13 जनवरी से शुरू होंगी.
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अल्पावधि पाठ्यक्रमों की विविधता: इसके साथ ही, SAU ने अन्य अल्पावधि पाठ्यक्रमों की एक सीरीज भी पेश की है. इनमें संचार डिज़ाइन और ग्राफिक्स, थिएटर आर्ट्स एंड एक्टिंग टेक्निक्स, वोकल म्यूजिक एंड द आर्ट ऑफ सिंगिंग, और फैशन डिज़ाइन, मॉडलिंग और स्टाइलिंग जैसे विषय शामिल हैं. ये पाठ्यक्रम रचनात्मकता को प्रोत्साहित करते हैं और विद्यार्थियों को उनके व्यक्तिगत और पेशेवर विकास में मदद करेंगे.
ऑनलाइन शिक्षा का महत्व: आज की तेजी से बदलती दुनिया में ऑनलाइन शिक्षा की आवश्यकता और भी बढ़ गई है. यह शिक्षार्थियों को भौगोलिक या समय संबंधी प्रतिबंधों से मुक्त कर, उन्हें अपने शैक्षिक लक्ष्यों को पूरा करने का मौका देती है. प्रोफेसर पंकज जैन, SAU के वाइस प्रेसिडेंट, ने कहा, "हम पारंपरिक शिक्षा की बाधाओं को तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं." यह शिक्षा के सशक्तिकरण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है.
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डॉ. कविता खन्ना, निदेशक प्रवेश और परीक्षा, ने भी इस दिशा में अपने विचार साझा किए. उन्होंने कहा, "शिक्षा का भविष्य डिजिटल है. इस परिवर्तन को अपनाकर हम छात्रों को अपनी पूरी क्षमता को अनलॉक करने में सक्षम बना रहे हैं."
एसएयू-वर्चुअल कैंपस के प्रभारी डॉ. जगदीश चंद बंसल ने कहा कि एसएयू में हम मानते हैं कि सच्ची नवाचार गुणवत्ता और वैश्विक प्रतिभा को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करने के साथ शुरू होती है. विश्व स्तरीय एआई वैज्ञानिकों और आईआईटी, आईआईएससी और आईएसआई जैसे शीर्ष भारतीय संस्थानों के प्रतिष्ठित प्राध्यापकों की मदद इन कोर्सेज को तैयार करने एवं चलाने में ली जा रही है. शिक्षा को सुलभ बनाने के अपने मिशन को और आगे बढ़ाने के लिए विश्वविद्यालय सार्क देशों में सभी सेवारत फैकल्टी मेंबर को इन कोर्स को करने के लिए फ़ीस में 25 प्रतिशत की छूट दे रहा है.
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