देहरादून: पश्चिम बंगाल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में पूरे देशभर के डॉक्टर्स में रोष देखा जा रहा है. साथ ही अस्पतालों में कार्यरत डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ की बेहतर सुरक्षा की मांग की जा रही है. उत्तराखंड में भी डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ लगातार सुरक्षा की मांग को लेकर आवाज मुखर कर रहे हैं. जिस पर अब स्वास्थ्य महकमा उनकी सुरक्षा को लेकर कुछ कड़े कदम उठाने जा रहा है.
डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की सुरक्षा को लेकर नई एसओपी की जाएगी जारी: उत्तराखंड के स्वास्थ्य सचिव आर राजेश कुमार का कहना है कि अस्पतालों में काम कर रहे डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की सुरक्षा राज्य सरकार की प्राथमिकता है. ऐसे में सीएम धामी और स्वास्थ्य मंत्री ने निर्देशों के क्रम में मेडिकल स्टाफ की सुरक्षा को देखते हुए अस्पतालों के लिए एसओपी में बदलाव करने का निर्णय लिया है. साथ ही इस संबंध में जल्द नई एसओपी जारी की जाएगी.
दून मेडिकल कॉलेज में पुलिस चौकी खोलने की कवायद: स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि राजकीय दून मेडिकल कॉलेज में पुलिस चौकी खोलने की कवायद की जाएगी. इसके लिए जल्द ही डीजीपी और गृह सचिव को पत्र लिखा जाएगा. वहीं, अस्पतालों में काम कर रही महिला डॉक्टरों, नर्स और महिला कर्मचारियों ने अस्पताल में रात्रि के दौरान सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की. महिला कार्मिकों का कहना है कि अस्पताल में एक महिला और एक पुरुष पुलिसकर्मी की 24 घंटे तैनाती की जाए. ताकि, डॉक्टर और स्टाफ खुद को सुरक्षित महसूस कर सकें.
महिला सिपाहियों को भी तैनात करने की मांग: सचिव स्वास्थ्य राजेश कुमार ने कहा कि गृह सचिव और डीजीपी को पत्र भेज कर दून मेडिकल कॉलेज में पुलिस चौकी खोलने और पुलिस चौकी में महिला सिपाहियों की तैनाती की भी मांग की जाएगी. साथ ही कहा कि प्रदेश के सभी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं सामान्य रूप से संचालित हो रही हैं, लेकिन जल्द ही अस्पतालों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे. ताकि, डॉक्टर्स बिना किसी डर के अपनी सेवाएं दे सकें.
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