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Rajasthan: सोते हुए पिता पर डाला था खोलता तेल, इलाज के दौरान हुई मौत, आरोपी बेटे को आजीवन कारावास की सजा - POURED BOILING OIL ON FATHER

एक बेटे ने पिता पर खोलता तेल डाल दिया था. जिससे उसकी मौत हो गई. आरोपी को आजीवन कारावास की सजा दी है.

accused son sentenced to life imprisonment
आरोपी बेटे को आजीवन कारावास की सजा (ETV Bharat Ajmer)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 25, 2024, 7:19 PM IST

अजमेर: पिता पर खोलता हुआ तेल डालकर मौत के घाट उतारने वाले कलयुगी बेटे को अजमेर की एसटी-एससी कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. आरोपी को 50 हजार रुपए के जुर्माने से दंडित किया है. खास बात यह है कि जिस एसटी-एससी कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है, इस कोर्ट में मृतक रीडर के पद से सेवानिवृत्त हुआ था. यह प्रकरण 29 अगस्त, 2019 को अलवर गेट थाना क्षेत्र के धोला भाटा में सामने आया था.

विशिष्ट लोक अभियोजक मंजूर अली ने बताया कि एसटी-एससी कोर्ट से सेवानिवृत मृतक राम सिंह धोला भाटा के निवासी हैं. वह अपने पुत्र जसवंत सिंह और पत्नी के साथ रहते थे. मृतक के पुत्र जसवंत सिंह ने एक युवती से प्रेम विवाह किया था. युवती रेलवे में कर्मचारी थी. तीन माह बाद युवती के साथ आरोपी का झगड़ा होने लगा और मामला कोर्ट में जा पहुंचा. अदालत में जसवंत सिंह अपनी पत्नी से मुकदमा हार गया. इस बात की रंजिश जसवंत सिंह को अपने पिता से थी कि उन्होंने मुकदमे में उसका साथ नहीं दिया.

पढ़ें: आपसी रंजिश में हत्या, कोर्ट ने तीन अभियुक्तों को सुनाई आजीवन कारावास की सजा

29 अगस्त, 2019 को रात को आरोपी ने अपने कमरे में हीटर पर कड़ाई में तेल गर्म किया और कमरे में सो रहे अपने पिता पर उड़ेल दिया. जिससे वह बुरी तरह से झुलस गया. पिता की चीखें सुन उसी कमरे में सो रही मृतक की पत्नी और छोटा बेटा जाग गए. परिजनों ने रामसिंह को अस्पताल पंहुचाया. आरोपी मौके से फरार हो गया. 31 अगस्त, 2019 को इलाज के दौरान राम सिंह की मौत हो गई. यह प्रकरण अलवर गेट थाने में दर्ज हुआ. पुलिस ने आरोपी को 31 अगस्त, 2019 को ही गिरफ्तार कर लिया था. आरोपी तब से न्यायिक अभिरक्षा में है.

पढ़ें: हत्या के अभियुक्त को कोर्ट ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा - Pratapgarh Session Court

20 गवाह और 23 दस्तावेज किये पेश: विशिष्ट लोक अभियोजक ने बताया कि एसटी-एससी कोर्ट की न्यायिक मजिस्ट्रेट डॉ रेनू श्रीवास्तव ने प्रकरण में अहम फैसला सुनाते हुए आरोपी जसवंत सिंह को आजीवन कारावास और 50 हजार रुपए से आर्थिक दंड से दंडित किया है. उन्होंने बताया कि अभियोजन पक्ष की ओर से 20 गवाह और 23 दस्तावेज कोर्ट में पेश किए गए. कोर्ट ने माना कि अपने जन्मदाता पिता की बेटे ने हत्या की है. ऐसे मामले में नरमी नहीं बरती जा सकती. ऐसे लोगों को सजा देना न्यायोचित होगा.

अजमेर: पिता पर खोलता हुआ तेल डालकर मौत के घाट उतारने वाले कलयुगी बेटे को अजमेर की एसटी-एससी कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. आरोपी को 50 हजार रुपए के जुर्माने से दंडित किया है. खास बात यह है कि जिस एसटी-एससी कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है, इस कोर्ट में मृतक रीडर के पद से सेवानिवृत्त हुआ था. यह प्रकरण 29 अगस्त, 2019 को अलवर गेट थाना क्षेत्र के धोला भाटा में सामने आया था.

विशिष्ट लोक अभियोजक मंजूर अली ने बताया कि एसटी-एससी कोर्ट से सेवानिवृत मृतक राम सिंह धोला भाटा के निवासी हैं. वह अपने पुत्र जसवंत सिंह और पत्नी के साथ रहते थे. मृतक के पुत्र जसवंत सिंह ने एक युवती से प्रेम विवाह किया था. युवती रेलवे में कर्मचारी थी. तीन माह बाद युवती के साथ आरोपी का झगड़ा होने लगा और मामला कोर्ट में जा पहुंचा. अदालत में जसवंत सिंह अपनी पत्नी से मुकदमा हार गया. इस बात की रंजिश जसवंत सिंह को अपने पिता से थी कि उन्होंने मुकदमे में उसका साथ नहीं दिया.

पढ़ें: आपसी रंजिश में हत्या, कोर्ट ने तीन अभियुक्तों को सुनाई आजीवन कारावास की सजा

29 अगस्त, 2019 को रात को आरोपी ने अपने कमरे में हीटर पर कड़ाई में तेल गर्म किया और कमरे में सो रहे अपने पिता पर उड़ेल दिया. जिससे वह बुरी तरह से झुलस गया. पिता की चीखें सुन उसी कमरे में सो रही मृतक की पत्नी और छोटा बेटा जाग गए. परिजनों ने रामसिंह को अस्पताल पंहुचाया. आरोपी मौके से फरार हो गया. 31 अगस्त, 2019 को इलाज के दौरान राम सिंह की मौत हो गई. यह प्रकरण अलवर गेट थाने में दर्ज हुआ. पुलिस ने आरोपी को 31 अगस्त, 2019 को ही गिरफ्तार कर लिया था. आरोपी तब से न्यायिक अभिरक्षा में है.

पढ़ें: हत्या के अभियुक्त को कोर्ट ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा - Pratapgarh Session Court

20 गवाह और 23 दस्तावेज किये पेश: विशिष्ट लोक अभियोजक ने बताया कि एसटी-एससी कोर्ट की न्यायिक मजिस्ट्रेट डॉ रेनू श्रीवास्तव ने प्रकरण में अहम फैसला सुनाते हुए आरोपी जसवंत सिंह को आजीवन कारावास और 50 हजार रुपए से आर्थिक दंड से दंडित किया है. उन्होंने बताया कि अभियोजन पक्ष की ओर से 20 गवाह और 23 दस्तावेज कोर्ट में पेश किए गए. कोर्ट ने माना कि अपने जन्मदाता पिता की बेटे ने हत्या की है. ऐसे मामले में नरमी नहीं बरती जा सकती. ऐसे लोगों को सजा देना न्यायोचित होगा.

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