पलामू: सोन-कोयल-औरंगा पाइपलाइन परियोजना की सौगात पलामू जिले को मिलने वाली है. इस परियोजना से पलामू की 14 हजार हेक्टेयर जमीन की प्यास बुझेगी. पलामू में लगभग 1.73 लाख हेक्टेयर भूमि खेती योग्य है, जबकि 1.63 लाख हेक्टेयर भूमि वन भूमि के अंतर्गत आती है. सोन कोयल औरंगा पाइपलाइन परियोजना का उद्देश्य पलामू के खेतों तक पानी पहुंचाना और पेयजल संकट को दूर करना है. पलामू में करीब 25 हजार हेक्टेयर जमीन पूरी तरह बंजर है, इस बंजर जमीन पर सिंचाई की सुविधा मिलेगी. इस प्रोजेक्ट से 95 गांवों के 25 हजार परिवारों को लाभ मिलेगा.
सोन कोयल औरंगा पाइपलाइन परियोजना की घोषणा 2019 में विधानसभा चुनाव के दौरान की गई थी. इस परियोजना को विभिन्न कारणों से चार साल तक मंजूरी नहीं मिल पाई. नवंबर 2023 में झारखंड के तत्कालीन सीएम हेमंत सोरेन ने कैबिनेट बैठक में पाइपलाइन प्रोजेक्ट को मंजूरी दी थी और 456 करोड़ रुपये की मंजूरी दी थी. कैबिनेट मंजूरी के बाद आज इस परियोजना का शिलान्यास हुआ. सीएम चंपई सोरेन ने शनिवार को पलामू के शिवाजी मैदान में इस परियोजना का शिलान्यास किया है. इस पाइपलाइन परियोजना से पहले सोन नदी के माध्यम से गढ़वा पाइपलाइन योजना शुरू की गयी है.
जुलाई से अक्टूबर तक लिफ्ट किया जाएगा पानी: सोन कोयल और औरंगा परियोजना पूरा होने के बाद नदियों से पाइपलाइन के माध्यम से पानी उठाया जाएगा और विभिन्न जलाशयों को भरा जाएगा. इस परियोजना से पलामू के 11 प्रखंडों को सीधा लाभ होगा. जुलाई से अक्टूबर तक तीनों नदियों से पाइपलाइन के जरिए पानी उठाया जाएगा. इसके बाद नहर के माध्यम से खेतों तक पानी पहुंचाया जायेगा. इस दौरान करीब 31.397 एमसीएम पानी उठाया जाएगा. सोन नदी से हुसैनाबाद के देवरी तक, कोयल नदी से चैनपुर के कल्याणपुर तक और औरंगा नदी से सतबरवा क्षेत्र तक पानी उठाव करना है. पेयजल के लिए 1.926 एमसीएम जल उपलब्ध कराया जायेगा.
किन जलाशयों को मिलेगा लाभ: उतरी कोयल पाइपलाइन से रानीताल, टेमराई, बुटनडूबा और रास्ते में आने वाले सभी जलाशय, औरंगा नदी से मलय, पोस्तिया नाला, पनघटवा, कचहड़वा टांड़, कुन्देलवा, वाहेरधवा नाला समेत अन्य छोटे-बड़े नाले. वहीं सोन नदी से बतरे, धनकई, ताली, सुखनदिया, करमा काला एवं अन्य छोटे-बड़े जलाशय भर जायेंगे. उत्तरी कोयल से 4.498 एमसीएम, औरंगा नदी से 19.429 एमसीएम और सोन नदी से 7.470 एमसीएम पानी उठाया जाएगा. जलाशय से चैनपुर, मेदिनीनगर, सतबरवा, लेस्लीगंज, छतरपुर, हुसैनाबाद, हैदरनगर, मोहम्मदगंज, बिश्रामपुर, पड़वा, नावाबाजार के इलाकों को फायदा होगा.
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