मेरठ: एसटीएफ ने गुरुवार को बागपत से यूपी पुलिस ऑनलाइन कंप्यूटर ऑपरेटर भर्ती परीक्षा में पेपर हल कराने वाले गिरोह को पकड़ा है. गिरोह के सरगना सहित 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. एसटीएफ के एसपी ब्रजेश कुमार सिंह ने बताया कि पुलिस में कम्प्यूटर ऑपरेटर की ऑनलाइन भर्ती परीक्षा में अभ्यर्थियों से मोटी रकम लेकर गोरखधंधा चल रहा था. उन्होंने बताया कि उन्हें इनपुट मिला था. इसके बाद पूरी गंभीरता से इस विषय को लिया गया.
एसटीएफ एसपी ब्रजेश कुमार सिंह ने बताया कि रिमोट एक्सेस सॉफ्टवेयर के जरिये प्रश्न पत्र हल कराया जा रहा था. इसके बाद छापा मारकर गिरोह के सरगना समेत 12 सदस्यों को STF ने गिरफ्तार कर लिया. उन्होंने कहा कि पकड़े गए आरोपियों में एक बिहार का भी रहने वाला है, जबकि इस गोरखधंधे को अंजाम देने का मास्टरमाइंड शामली का निवासी है. पकड़े गए आरोपियों में सरगना की पहचान रचित चौधरी निवासी ग्राम भाजू थाना बाबरी शामली के रूप में हुई है. इसके अलावा जो आरोपी पकड़े गए हैं, उनमें कर्मवीर निवासी बागपत शामिल है. यह साल्वर था. वहीं, दानवीर भी बागपत का रहने वाला है.
इनके अतिरिक्त सहयोगी के तौर पर पकड़े गए युवकों में एक युवक की पहचान रजनीश कुमार निवासी बेगुसराय के रूप में हुई है. वहीं, अश्वनी निवासी मुजफ्फरनगर (सहयोगी), अनिल कुमार निवासी आगरा (अभ्यर्थी), अक्षय तवर निवासी मुजफ्फरनगर (सहयोगी), अनिल कुमार निवासी आगरा (अभ्यर्थी), मनीष सरोहा निवासी बागपत (अभ्यर्थी), आलोक चौहान बागपत (अभ्यर्थी), धर्मेन्द्र निवासी मथुरा (अभ्यर्थी), लोकेश कुमार निवासी मथुरा (अभ्यर्थी) और आर्यदीप तोमर बागपत (अभ्यर्थी) भी पकड़े गए हैं. एसटीएफ द्वारा पकड़े गए गिरोह से 3 लैपटॉप, 2 कम्प्यूटर, डेस्क टॉप कम्प्यूटर, 8 मोबाइल फोन और 8 एडमिट कार्ड भी मिले हैं.
एसपी एसटीएफ ब्रजेश सिंह ने बताया कि सिस्टम हैक करने और सॉल्वर बैठाकर परीक्षा कराने वाले गिरोह के सक्रिय होने की सूचना मिली थी. इसके बाद जांच पड़ताल की गई थी. बड़ौत की आवास विकास काॅलोनी में स्थित अनिल कुमार के मकान में कुछ लोगों ने किराए पर कमरा लिया था. कंप्यूटर ऑपरेटर की परीक्षा में सिस्टम हैक करके अभ्यर्थियों से मोटी रकम लेकर प्रश्न पत्र हल कराने की सूचना मिली थी.
जानकारी के मुताबिक, इस गिरोह ने गाजियाबाद के दुहाई में विधान पब्लिक स्कूल में करीब 250 कंप्यूटर सिस्टम की लैब तैयार की थी. कंप्यूटर हैकिंग एक्सपर्ट पलवल हरियाणा निवासी राम चौहान ने रोहित चौधरी के कहने पर लैब में आकर 28 जनवरी 2024 को एक सिस्टम पर कुछ साॅफ्टवेयर (एनीडेस्क, नोड जेएस, पाइथॉन लांचर) इंस्टाल कर इस सिस्टम को मास्टर सिस्टम तैयार किया था.
यह लोग प्रत्येक अभ्यर्थी से 4 से 5 लाख रुपये लेते हैं, जबकि पकड़ा गया आरोपी राम चौहान एक अभ्यार्थी की स्क्रीन शेयर करने की एवज में 50 हजार रुपये लेता था. फिलहाल, अन्य बिन्दुओं पर भी गहनता से जांच-पड़ताल की जा रही है. आरोपियों के खिलाफ थाना कोतवाली बडौत, बागपत में मुकदमा दर्ज कराया गया है.
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