भिलाई: मैत्री गार्डन में इस्पात संयंत्र के ग्रिड से जुड़े और ऊर्जा संयंत्र की आपूर्ति के लिए बीएसपी 200 किलोवॉट क्षमता का राज्य का पहला एलिवेटेड सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित कर रहा है. इसकी स्थापना व कमीशनिंग का काम शुरू किया जा चुका है. इस सौर ऊर्जा संयंत्र को एलिवेटेड मॉडल के रूप में स्थापित करने का उद्देश्य है कि इसके नीचे की जमीन का उपयोग जानवरों के लिए चारा उत्पादन में किया जा सकेगा. परियोजना से प्राप्त बिजली का उपयोग मैत्रीबाग व निकटवर्ती जवाहर उद्यान में किया जाएगा.
मैत्री बाग में सोलर प्लांट: सौर संयंत्र, सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना के लिए उपयोग की जाने वाली सबसे ऊंची संरचनाओं में से एक है. इसके सामने की ऊंचाई 3.5 मीटर है जो जमीन से 5.5 मीटर की ऊंचाई तक पीछे की ओर बढ़ने पर बढ़ती जाती है. इस ऊंचाई को प्राप्त करने व पूरे ढांचे की स्थिरता बनाए रखने के लिए इसे इस तरह से डिजाइन किया गया है.
इसका वजन करीब 30 टन है जो 200 किलोवॉट सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना के लिए उपयोग की जाने वाली सबसे भारी सौर संरचनाओं में से एक है. सौर ऊर्जा संयंत्र प्रतिमाह 24000 यूनिट बिजली व न्यूनतम 2,88,000 यूनिट बिजली का उत्पादन प्रतिवर्ष करेगा. इस सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना के बाद मैत्रीबाग को प्रति माह 2 लाख रुपए की बचत होगी. इसके साथ ही यह सौर ऊर्जा संयंत्र प्रतिदिन 250 किलोग्राम कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को बचाएगा.
मैत्री बाग प्रभारी एनके जैन ने बताया कि बीएसपी के सीएसआर मद से मैत्री गार्डन के जमीन पर 450 kv का सोलर प्लांट का स्थापित किया जा रहा है. मैत्री गार्डन में बिजली की आपूर्ति सोलर प्लांट से ही की जाएगी. इस परियोजना को जनवरी तक पूर्ण करने का टारगेट रखा गया है. यह परियोजना हरित ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देगी. हरित ऊर्जा के उत्पादन से वायुमंडल में जहरीली ग्रीनहाउस गैसें नहीं निकलती हैं. इससे पर्यावरण पर बहुत कम या कोई प्रभाव नहीं पड़ता है.