सोलन: हिमाचल प्रदेश में सूखे की मार ने किसान और बागवानों की कमर तोड़ रही है. पिछले साल की तरह इस साल भी बारिश और बर्फबारी समय पर न होने से किसान और बागबानों की चिंताएं बढ़ने लगी है. वहीं, दूसरी ओर सूखे के इस दौर के बीच डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय द्वारा अलग-अलग केंद्रों पर सेब, नाश सहित अन्य फलों के पौधे की बिक्री शुरू हो गई है, लेकिन किसान और बागवान कम संख्या में इन पौधों का खरीद रहे हैं.
डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय द्वारा प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रीय स्टेशनों और केवीके केंद्रों पर सेब, नाशपाती, खुमानी आड़ू, चेरी, कीवी, अखरोट, अनार, पलम और जापानी फल आदि की विभिन्न किस्म की पौधों की बिक्री शुरू कर दी गई है. नौणी विश्वविद्यालय में पौधे लेने के लिए पहुंचे किसान और बागवानों ने बताया कि वह पौधे तो लेकर जा रहे हैं, लेकिन अभी भी वे बारिश और बर्फबारी का इंतजार कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि पिछले साल की तरह इस साल भी समय पर बारिश बर्फबारी नहीं हुई है. ऐसे में वह कम ही पौधे लेकर जा रहे हैं. यदि समय पर बारिश बर्फबारी होती है तो उन्हें भी फायदा होगा और फसलों की पैदावार भी अच्छी होगी. सभी फसलों पर बारिश और बर्फबारी समय से न होने से इसका प्रभाव पड़ रहा है. अभी वह पौधे लेकर जा रहे हैं लेकिन इन्हें दबा कर रखना होगा, जब तक बारिश और बर्फबारी नहीं हो जाती है. ताकि यह खराब ना हो.
बता दें कि नौणी विश्वविद्यालय द्वारा विश्वविद्यालय और क्षेत्रीय स्टेशनों पर बिक्री के लिए 2 लाख से अधिक पौधे रखे गए हैं, जिसे 'पहले आओ, पहले पाओ' के आधार पर पौधों की बिक्री को आयोजित किया जा रहा है. आगामी दिनों में भी यह पौधों की बिक्री विश्वविद्यालय के विभिन्न केंद्रों स्टेशनों पर जारी रहेगी.
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