जयपुर. शिक्षक भर्ती परीक्षा-2022 में पेपर लीक के साथ ही डमी अभ्यर्थी बिठाकर परीक्षा पास करने का खेल भी बड़े पैमाने पर हुआ. अब एसओजी ने एक सरकारी शिक्षक को गिरफ्तार किया है. जिसने शिक्षक भर्ती परीक्षा-2022 में 20 लाख रुपए देकर दो पारियों में दो अलग-अलग डमी अभ्यर्थी बिठाकर परीक्षा पास की थी.
एसओजी-एटीएस के एडीजी वीके सिंह ने बताया कि राजस्थान लोक सेवा आयोग, अजमेर द्वारा आयोजित वरिष्ठ अध्यापक, द्वितीय श्रेणी (माध्यमिक शिक्षा) प्रतियोगी परीक्षा- 2022 के परीक्षार्थी अनिल कुमार मीणा निवासी काचरोदा (करौली) ने को डमी अभ्यर्थी बिठाकर परीक्षा पास करने के मामले में गिरफ्तार किया गया है. उसने 24 दिसंबर 2022 को दूसरी पारी में हुई विज्ञान की परीक्षा और 29 जनवरी 2023 को हुई सामान्य ज्ञान व शैक्षिक मनोविज्ञान की परीक्षा खुद ने नहीं दी. बल्कि एक संगठित गिरोह के सक्रिय सदस्य के जरिए 20 लाख रुपए में सौदा तय कर दोनों परीक्षा में खुद की जगह दो अलग-अलग डमी अभ्यर्थी बिठाकर परीक्षा पास की और धोखाधड़ी करके विज्ञान विषय का शिक्षक बन गया.
डमी अभ्यर्थी और गिरोह के बारे में पूछताछ : उन्होंने बताया कि अनुसंधान अधिकारी प्रकाश कुमार शर्मा ने जुर्म प्रमाणित पाए जाने पर उसे गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया. जहां से उसे 11 सितंबर 2024 तक एसओजी की रिमांड पर भेजा गया है. अब एसओजी उससे उसकी जगह भरतपुर के परीक्षा केंद्र पर बतौर डमी अभ्यर्थी परीक्षा देने वाले युवकों के बारे में पूछताछ कर रही है. इसके साथ ही 20 लाख रुपए में डमी अभ्यर्थी बिठाने वाले संगठित गिरोह के बदमाश और उसकी गैंग के अन्य बदमाशों के बारे में भी एसओजी उससे पूछताछ कर रही है.
फर्जी डिग्री बांटने वाले जोगेंद्र की जमानत अर्जी खारिज : राजस्थान के अलावा अन्य राज्यों में बड़े पैमाने पर फर्जी डिग्रियां बांटने के आरोपी ओपीजेएस विश्वविद्यालय के संस्थापक जोगेंद्र सिंह की जमानत अर्जी कोर्ट ने खारिज कर दी है. एडीजी वीके सिंह ने बताया कि बैक डेट में विश्वविद्यालयों की फर्जी डिग्रियां दिलवाने के मामले में गिरफ्तार ओपीजेएस विश्वविद्यालय के संस्थापक और पूर्व चेयरपर्सन जोगेंद्र सिंह को एसओजी ने गिरफ्तार किया था. उसने जमानत के लिए अर्जी लगाई थी. जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है.