जयपुर : प्रदेश में खास तौर पर राजधानी जयपुर में आम जनता या सामाजिक संगठन अपनी मांग को लेकर विरोध-प्रदर्शन नहीं कर सकते. इसकी बड़ी वजह है जयपुर के चुनिंदा स्थानों पर लगी धारा 144, जिसकी वजह से 5 से ज्यादा लोग एकत्रित नहीं हो सकते. विरोध-प्रदर्शन और अपनी बात रखने के लिए स्थान नहीं होने पर अब सामाजिक संगठनों ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई और इसके लिए जयपुर के शहीद स्मारक पर धरना दिया और एक प्रतिनिधि मंडल विधानसभा पहुंच कर गृह राज्यमंत्री जवाहर सिंह बेढम और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जुली से मुलाकात की.
शाहिद स्मारक पर जन हक धरना : सूचना एवं रोजगार अधिकार अभियान राजस्थान की ओर से जन हक धरना शहीद स्मारक पुलिस आयुक्त कार्यालय के सामने शुरू हुआ. धरने में राजस्थान के लगभग सभी जिलों से 300 से अधिक लोग शामिल हुए. धरने के उद्देश्यों पर अपनी बात रखते हुए सूचना एवं रोजगार अधिकार अभियान से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ता निखिल डे ने कहा कि लोकतंत्र में यदि सरकार धरना प्रदर्शनों के लिए जगह नहीं देगी तो लोग सरकार से उसकी जवाबदेही कैसे मांगेंगे ?. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में धरना प्रदर्शन के लिए हमेशा स्थान होना चाहिए और राज्य सरकार को तुरंत धरना प्रदर्शनों के लिए जगह चिह्नित कर विधानसभा और सचिवालय के आसपास जगह आवंटित करनी चाहिए. धरना प्रदर्शन करना लोगों का संवैधानिक अधिकार है और इसके लिए जगह हर हालत में सरकार को देनी होगी. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में यदि धरने प्रदर्शनों के लिए लोगों को जगह नहीं दी जाती है, तो यह उनके संवैधानिक अधिकारों का हनन है और हम हमारे संवैधानिक अधिकारों को प्राप्त करने के लिए यह लड़ाई तब तक जारी रखेंगे जब तक हमें धरना प्रदर्शनों के लिए जगह नहीं मिल जाती है.
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गृह राज्य मंत्री और नेता प्रतिपक्ष से मुलाका : अभियान का एक प्रतिनिधिमंडल जिसमें निखिल डे, कविता श्रीवास्तव, मुकेश निर्वासित, शंकर सिंह और मंजू शामिल रहे, उन्होंने गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम से विधानसभा स्थित उनके कक्ष में मुलाकात की. प्रतिनिधिमंडल ने जयपुर में राज्य विधानसभा एवं सचिवालय के आसपास धरना प्रदर्शन के लिए स्थान आवंटित करने की मांग की. जिस पर उन्होंने कहा कि हम विचार करके इस पर कुछ निर्णय लेंगे. इसी के साथ प्रतिनिधिमंडल ने विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली से मुलाकात की और उनसे मांग की गई कि वे अपनी तरफ से प्रयास करें कि धरना प्रदर्शनों के लिए जगह राज्य विधानसभा और सचिवालय के पास हो, जहां पर लोग बैठकर अपनी बात कह सकें. किसी भी तरह की किसी कोई परेशानी है, तो वहां आकर बता सकें. इस पर उन्होंने कहा कि बिल्कुल यह एक वाजिब मांग है, जिसे विधानसभा में उठाएंगे और सरकार के साथ सकारात्मक रूप से स्थान आवंटित करने का प्रयास करेंगे.