जयपुर. राजस्थान विधानसभा में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की बजट अनुदान मांग पर जवाब देते हुए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने कांग्रेस पर जुबानी हमला बोला. उन्होंने टुकड़े-टुकड़े वाले बयान का जिक्र किया तो विपक्ष ने एतराज जताया. फिर विपक्ष के हंगामे के बीच मंत्री ने अपना जवाब पढ़ा. अपने जवाब के दौरान गुरुवार रात को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने सदन में कहा, आजकल संविधान को बचाने की बड़ी जुगत चल रही है. बड़े-बड़े नेता संविधान की किताब लेकर संसद और संसद के बाहर इसका प्रदर्शन करते हैं. मुझे नहीं लगता कि संसद में यह किताब हाथ में लहराने से संविधान के प्रति निष्ठा जाहिर होती है कि नहीं होती. बहुत से ऐसे लोग भी हैं जिन्होंने संविधान को पढ़ा भी नहीं.
देश के टुकड़े-टुकड़े की बात करने वालों के साथ खड़े होते हैं : अविनाश गहलोत बोले, जब कोई व्यक्ति संविधान की किताब को हाथ में लेकर संविधान को बचाने की बात करता है. लेकिन देश और संविधान तब कहां चला जाता है. जब देश में टुकड़े-टुकड़े की बात करने वालों के साथ विरोधी दल के नेता जाकर खड़े होते हैं. क्या संविधान उस समय जिंदा नहीं रहता. यह संविधान को मानने वाले उस समय कहां चले जाते हैं. जब यह बात सार्वजनिक रूप से कही जाती है कि भारत तेरे टुकड़े होंगे इंशाल्लाह इंशाल्लाह. ऐसे वक्तव्य देने वाले के साथ वह व्यक्ति खड़ा होता है.
नेता प्रतिपक्ष ने जताया एतराज, विपक्ष का हंगामा : मंत्री अविनाश गहलोत के इस बयान के बाद नेता प्रतिपक्ष खड़े हुए और उनके बयान पर एतराज जताया. विपक्ष के अन्य सदस्यों ने भी हंगामा किया. बाद में कई सदस्य वेल में भी आ गए. इस पर अविनाश गहलोत ने कहा कि अगर उनकी कही हुई बात में एक शब्द भी गलत निकलता है तो वह इसे स्वीकार करेंगे और अपने शब्द वापस लेंगे. विपक्षी दल के सदस्यों ने अविनाश गहलोत की इस बयान को सदन की कार्रवाई से हटवाने की मांग की. जिस पर स्पीकर वासुदेव देवनानी ने कहा कि अगर कुछ असंवैधानिक होगा तो नियमों अनुसार कार्रवाई की जाएगी.
जब तक मंत्री ने जवाब पढ़ा, होता रहा हंगामा : स्पीकर प्रो. देवनानी के दखल के बाद भी विपक्ष के सदस्य शांत नहीं हुए और नारेबाजी करने लगे. जब तक अविनाश गहलोत ने अपना जवाब पढ़ा तो प्रतिपक्ष के सदस्य पूरे समय नारेबाजी करते रहे. कुछ सदस्य वेल में भी आ गए. इस पर स्पीकर वासुदेव देवनानी ने उन्हें अपनी सीटों पर जाने को कहा. प्रतिपक्ष के सदस्यों ने उनके माइक बंद करने का आरोप भी लगाया.