कुल्लू: देश के कई राज्यों में गर्मी ने दस्तक दे दी है. आसमान में तपता सूरज और चिलचिलाती धूप ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है. वहीं, इससे ठीक उल्टा हिमालय की गोद में बसा हिमाचल प्रदेश में बर्फबारी और बारिश का दौर शुरू हो चुका है. हिमाचल के लाहौल स्पीति में स्नोफॉल और कुल्लू में बारिश गर्मी में ठंडी का एहसास दे रहा है. वहीं, बारिश और बर्फबारी से फलदार पेड़ों की सेटिंग प्रभावित होने की आशंका है.
हिमाचल में एक बार फिर से मौसम ने करवट बदली है. प्रदेश में अगले कुछ दिनों तक मौसम खराब रहने को लेकर अलर्ट जारी की गई है. जनजातीय जिला लाहौल स्पीति के लाहौल घाटी में ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी का दौर शुरू भी हो गया है. वहीं, निचले इलाको में बारिश हो रही है. बर्फबारी होने के चलते लाहौल घाटी में एक बार फिर से ठंड बढ़ गई है और तापमान माइनस में चला गया है. अप्रैल माह में हो रही इस तरह की बर्फबारी से घाटी में कृषि कार्य भी प्रभावित हुए हैं.
इससे पहले फरवरी और मार्च माह में बर्फबारी हुई थी. यहां पर बीआरओ द्वारा बर्फबारी के कारण बंद पड़ी सभी सड़कों को भी खोल दिया गया था. लेकिन बार बार खराब हो रहे मौसम से अब लाहौल घाटी में कृषि कार्य प्रभावित हो रहे हैं. जिससे आगामी कृषि सीजन पर भी बुरा असर पड़ेगा. इसके अलावा जिला कुल्लू की बात करें तो यहां पर बारिश का दौर जारी हो गया है. यहां पर एक बार फिर से लोग गर्म कपड़े पहनने के लिए मजबूर हो गए हैं.
मौसम विभाग ने अगले 4 दिनों तक मौसम खराब रहने को लेकर अलर्ट जारी किया है. वहीं, जिला कुल्लू में बारिश होने से बागवानों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. क्योंकि इन दिनों से गुठलीदार फलों के पेड़ों में फूल आए हैं. इससे इन फलदार पेड़ों में फलों की सेटिंग की प्रक्रिया भी प्रभावित होगी.
बागवान हरीश कुमार, अजय ठाकुर का कहना है कि इन दोनों तेज हवाएं भी घाटी में चल रही है, जिससे पेड़ों से फूल झड़ रहे हैं. वही ठंड के कारण फलदार पेड़ों के फलों के बनने की प्रक्रिया भी प्रभावित हो रही है. ऐसे में अगर तेज तूफान और अंधड़ के चलते फल पेड़ों से नीचे गिर गए तो आगामी फल सीजन के दौरान उन्हें खासा नुकसान भी उठाना पड़ेगा.
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