मुंगेली: पुलिस और वन विभाग में ड्यूटी करने वाला सिंबा अब नहीं रहा. अपनी ड्यूटी के दौरान सिंबा ने 200 से ज्यादा अपराधियों को हवालात और सलाखों के पीछे पहुंचाया. सिंबा की ट्रेनिंग ग्वालियर के बीएएसएफी अकादमी में हुई. ट्रेनिंग के दौरान ही सिंबा ने अपने सूंघने और काम करने की क्षमता से सभी को प्रभावित किया. बेल्जियम मेलेनाइस प्रजाति से आने वाला सिंबा जहां कभी भी ड्यूटी पर रहा जवानों का दोस्त बनकर रहा. सिंबा की मौत की खबर से सिंबा के साथ काम कर चुके पुलिस और वन विभाग के जवान काफी दुखी हैं.
200 गुंडों को गिरफ्तार कराने वाले सिंबा की मौत: ट्रेनिंग के बाद स्निफर डॉग सिंबा की ड्यूटी अचानमार टाइगर रिजर्व में लगी. वाइल्ड लाइफ से जुड़े केसों को सुलझाने और अपराधियों तक पुलिस को पहुंचाने में सिंबा माहिर था. अपराधियों तक सूंघकर पहुंचने में माहिर सिंबा की मदद पुलिस विभाग भी समय समय पर लेती रही. जब पुलिस अपराधियों को नहीं पकड़ पाती तब सिंबा को क्राइम स्पॉट पर ले जाया जाता. सिंबा मिनटों में पुलिस को अपराधियों तक पहुंचा देता था.
बड़े बड़े हत्याकांडों को मिनटों में सुलझाया: सिंबा ने अपनी सूझ बूझ से बड़े बड़े हत्याकांडों क मिनटों में सुलझा दिया. सिंबा ने लंबे वक्त तक वन विभाग के साथ काम किया. इस दौरान उसने वन विभाग में होने वाली तस्करी और जानवरों के शिकार पर पूरी तरह से रोक लगा दिया. वन तस्करों के बीच सिंबा का नाम किसी खौफ से कम नहीं रहा.
सुरेश नवरंग, स्निफर डॉग सिंबा के हैंडलर: सिंबा ने करीब 72 बड़े आपराधिक मामलों को सुलझाने में मदद की. 72 मामलों में से 62 मामले वन विभाग से जुड़े थे जबकी 10 मामले पुलिस विभाग के रहे. सिंबा ने जिन मामलों को सुलझाया में उसमें ज्यादातर मामले हत्या से जुड़े रहे. सिंबा ने अचानकमार रिजर्व में बाघ, हाथी, तेंदुआ, चीतल जैसे जानवरों का शिकार करने वाले 200 से ज्यादा वन तस्करों और अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया. 30 अप्रैल 2023 को सिंबा लंबी ड्यूटी के बाद रिटायर हुआ.
अफसरों की अनदेखी पड़ी सिंबा पर भारी: ट्रेनिंग के बाद सिंबा की ज्वाइनिंग मरवाही डिविजन के अचानकमार टाइगर रिजर्व में होनी थी. पर कुछ दिक्कतों के चलते कई महीनों तक सिंबा को अपने हैंडलर सुरेश नवरंग के घर पर रहना पड़ा. इस दौरान जो तय डाइट स्निफर डॉग की होती है वो उसे नहीं मिल पाई. इस दौरान सुरेश नवरंग ने अपने खर्चे पर सिंबा की देखभाल और खाने का इंतजाम किया. अफसरों की अनदेखी का शिकार बने सिंबा की स्टोरी तब मीडिया में सुर्खियां बनी. बाद में सरकार ने हस्तक्षेप किया और उसे ड्यूटी पर तैनात किया गया.
सिंबा की बहादुरी के किस्से
- साल 2018: लोरमी एटीआर के सुरही रेंज में सांभर के अवैध शिकार के मामले को सिंबा ने सॉल्व किया. सांभर के मांस के साथ 5 आरोपी पकड़े गए.
- साल 2018: खुड़िया चौकी के दरवाजा ग्राम में अनसुलझे हत्याकांड की गुत्थी को सुलझाने में सिम्बा ने बड़ी मदद की थी. सभी हत्यारे पकड़े गए.
- साल 2019: कवर्धा वनमंडल में तेंदुआ के खाल की अवैध तस्करी करने वाले चार तस्करों को गिरफ्तार कराया.
- साल 2019: लोरमी के खुड़िया रेंज में तेंदुआ का शिकार करने वाले दो तस्करों को गिरफ्तार कराया.
- साल 2019: धमतरी वनमण्डल चीतल का शिकार करने वाले शातिर शिकारियों तक वन विभाग की टीम को पहुंचाया.
- साल 2019: एलिफेंट रिज़र्व सरगुजा रेंज के धुरिया बीट में हाथी दांत के लिए हाथी का शिकार करने वाले तीन तस्करों को पकड़वाया.
- साल 2019: लोरमी बफर जोन में शिकार करने वाले 17 शिकारियों को सिंबा ने अपनी मदद से गिरफ्तार कराया.
- साल 2019: कोंडागांव वनममंडल के अमरावती रेंज से पैंगोलिन का शिकार करने वाले अंतर्राज्यीय गिरोह को पकड़वाया.
- साल 2019: बलरामपुर वनमण्डल हाथी का शिकार करने वाले 8 शिकारियों तक वन विभाग को पहुंचाया.
- साल 2019: बिलासपुर के कोटा में रेलवे ट्रैक पर हुई हत्या की गुत्थी सुलझाई, दो लोगों को गिरफ्तार कराया.
- 8 दिसंबर 2019: कांकेर वन मंडल में बाघ का शिकार और खाल की तस्करी करने वाले 9 शिकारियों को गिरफ्तार कराया.