ETV Bharat / state

मंदिर में शिवलिंग से लिपटे दिखे नागदेवता, इस मंदिर में दिखा चमत्कार.. भक्तों की लगी भीड़ - Naag In Shiv Temple

author img

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Aug 14, 2024, 1:58 PM IST

Updated : Aug 15, 2024, 6:47 PM IST

Rohtas Sivling: बिहार के रोहतास में शिव मंदिर में दुर्लभ दृश्य दिखने को मिला. एक नाग शिवलिंग से लिपटा रहा. इसे देखने के बाद शिवभक्त नाग के लिए कटोरे में दूध लेकर पहुंचने लगे. इसे चमत्कार मान पूजा-पाठ कर रहे हैं और चढ़ावा भी चढ़ा रहे हैं. देखें वीडियो.

रोहतास में शिवलिंग से लिपटा नाग
रोहतास में शिवलिंग से लिपटा नाग (ETV Bharat)
रोहतास में शिवलिंग से लिपटा नाग का वीडियो (ETV Bharat)

रोहतासः सावन का महीना चल रहा है. ऐसे में शिव मंदिर में भगवान शिव का जलाभिषेक करने के लिए लोग पहुंच रहे हैं. रोहतास के एक शिव मंदिर में उस समय लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई जब शिवलिंग में एक नाग फन फैलाए लिपटा हुआ था. यह दुर्लभ दृश्य जिले के बिक्रमगंज इलाके के सूर्यपुरा स्थित एक शिव मंदिर में देखने को मिला.

रोहतास में शिवलिंग से लिपटना नागः शिव मंदिर का यह दृश्य देखने के लिए लोगों की भीड़ जुटी रही. आसपास के महिला-पुरुष कटोरे में दूध लेकर नाग को पिलाने के लिए पहुंचने लगे. दूध पिलाने के साथ साथ चढ़ावा भी चढ़ाने लगे. नाग की पूजा अर्चना की. स्थानीय महिला सुगिया देवी ने बताया कि वह नाग देवता के लिए दूध लेकर पहुंची हैं. उन्हें मंदिर में नाग के दूध पीने की खबर मिली थी.

समुंद्र मंथन से जुड़ी है कथाः लोगों ने बताया कि नाग किसी को नुकसान नहीं पहुंचा रहा है. लोग मंदिर में नाग देवता का दर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं. बता दें कि भगवान भोलेनाथ के गले में हमेशा नाग(वासुकी) लिपटा रहता है. इसके पीछे पौराणिक कथा है. समुंद्र मंथन से इसका मान्यता जुड़ा हुआ है. समुद्र मंथन के बाद ही भगवान भोलेनाथ ने वासुकी को अपने गले में धारण किया था.

भगवान शिव वासुकी से लगावः मान्यताओं के अनुसार सांप देवता वासुकी भगवान भोलेनाथ के भक्त थे. हिमालय में स्थित नागेश्वर ज्योतिर्लिंग इसका सबसे बड़ा प्रमाण है. दरअसल, नाग वंश का हिमालय में निवास था, इस कारण भगवान शिव को भी इनसे लगाव रहता था.

भगवान शिव का वरदान: पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जिस रस्सी से समुद्र मंथन हुआ था वह रस्सी स्वंय वासुकी थे जिन्हें समुद्र मंथन में प्रयोग किया गया था. इसके बाद भगवाव भोलेनेथा वासुकी से प्रसन्न हुए और उन्हें राजा (नागलोक) बना दिया. और वासुकी को अपने गले में भी लिपटे रहने का वरदान दिया. इसी वरदान के कारण सांप भगवान भोलेनाथ के गले में लिपटे नजर आते हैं.

क्या है महत्व?: सावन महीने में भक्त पूरे श्रद्धा भाव से भगवान भोलेनाथ की पूजा करते हैं. ऐसा करने से भगवान अपने भक्तों को सुख, संपन्न और समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं. कथाओं की मानें तो अगर सावन में अगर आपको कोई सांप दिखाई देता है तो यह शुभ माना जाता है. इससे आपके मन में कोई इच्छा हो या कोई जरूरी काम हो तो उसमें सफलता मिलती है.

यह भी पढ़ेंः Watch Video: नागपंचमी के मौके पर जरूर देखें यह दुर्लभ दृश्य, घर में लौट आएगी खुशियां - Nagpanchami 2024

रोहतास में शिवलिंग से लिपटा नाग का वीडियो (ETV Bharat)

रोहतासः सावन का महीना चल रहा है. ऐसे में शिव मंदिर में भगवान शिव का जलाभिषेक करने के लिए लोग पहुंच रहे हैं. रोहतास के एक शिव मंदिर में उस समय लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई जब शिवलिंग में एक नाग फन फैलाए लिपटा हुआ था. यह दुर्लभ दृश्य जिले के बिक्रमगंज इलाके के सूर्यपुरा स्थित एक शिव मंदिर में देखने को मिला.

रोहतास में शिवलिंग से लिपटना नागः शिव मंदिर का यह दृश्य देखने के लिए लोगों की भीड़ जुटी रही. आसपास के महिला-पुरुष कटोरे में दूध लेकर नाग को पिलाने के लिए पहुंचने लगे. दूध पिलाने के साथ साथ चढ़ावा भी चढ़ाने लगे. नाग की पूजा अर्चना की. स्थानीय महिला सुगिया देवी ने बताया कि वह नाग देवता के लिए दूध लेकर पहुंची हैं. उन्हें मंदिर में नाग के दूध पीने की खबर मिली थी.

समुंद्र मंथन से जुड़ी है कथाः लोगों ने बताया कि नाग किसी को नुकसान नहीं पहुंचा रहा है. लोग मंदिर में नाग देवता का दर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं. बता दें कि भगवान भोलेनाथ के गले में हमेशा नाग(वासुकी) लिपटा रहता है. इसके पीछे पौराणिक कथा है. समुंद्र मंथन से इसका मान्यता जुड़ा हुआ है. समुद्र मंथन के बाद ही भगवान भोलेनाथ ने वासुकी को अपने गले में धारण किया था.

भगवान शिव वासुकी से लगावः मान्यताओं के अनुसार सांप देवता वासुकी भगवान भोलेनाथ के भक्त थे. हिमालय में स्थित नागेश्वर ज्योतिर्लिंग इसका सबसे बड़ा प्रमाण है. दरअसल, नाग वंश का हिमालय में निवास था, इस कारण भगवान शिव को भी इनसे लगाव रहता था.

भगवान शिव का वरदान: पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जिस रस्सी से समुद्र मंथन हुआ था वह रस्सी स्वंय वासुकी थे जिन्हें समुद्र मंथन में प्रयोग किया गया था. इसके बाद भगवाव भोलेनेथा वासुकी से प्रसन्न हुए और उन्हें राजा (नागलोक) बना दिया. और वासुकी को अपने गले में भी लिपटे रहने का वरदान दिया. इसी वरदान के कारण सांप भगवान भोलेनाथ के गले में लिपटे नजर आते हैं.

क्या है महत्व?: सावन महीने में भक्त पूरे श्रद्धा भाव से भगवान भोलेनाथ की पूजा करते हैं. ऐसा करने से भगवान अपने भक्तों को सुख, संपन्न और समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं. कथाओं की मानें तो अगर सावन में अगर आपको कोई सांप दिखाई देता है तो यह शुभ माना जाता है. इससे आपके मन में कोई इच्छा हो या कोई जरूरी काम हो तो उसमें सफलता मिलती है.

यह भी पढ़ेंः Watch Video: नागपंचमी के मौके पर जरूर देखें यह दुर्लभ दृश्य, घर में लौट आएगी खुशियां - Nagpanchami 2024

Last Updated : Aug 15, 2024, 6:47 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.