जयपुर. प्रदेश के सबसे बड़े सवाई मानसिंह अस्पताल में लंबे समय से खराब पड़ी डक्टिंग के कारण गर्मी में मरीज और उनके परिजन परेशान हो रहे हैं. हालात ये हैं कि कुछ वार्डों में तो कूलर की व्यवस्था तक नहीं है. जिम्मेदारों का भी मानना है कि अस्पताल के कुछ हिस्सों में डक्टिंग खराब हो चुकी है और आचार संहिता के चलते टेंडर निकाल कर उन्हें सही नहीं करवाया जा सका. जिसका खामियाजा अब मरीजों को भुगतना पड़ रहा है. अस्पताल की ओपीडी से लेकर चरक भवन तक के हालात बिगड़े हुए हैं.
कूलिंग सिस्टम फेल: एसएमएस की आउटडोर, चरक भवन, ट्रोमा सेंटर में कूलिंग सिस्टम फेल हो चुका है. ट्रोमा सेंटर में भर्ती मरीज पंखों की हवा खाने को मजूबर हैं, तो ओपीडी और चरक भवन में मरीज पसीनों से लथपथ नजर आते हैं. वार्डों में भर्ती मरीज सफॉकेशन झेल रहे हैं. इसके अलावा कुछ जगहों पर कूलर काम नहीं कर रहे हैं, तो कई जगहों पर एसी काम नहीं कर रहे हैं. इसको लेकर एसएमएस अस्पताल के अधीक्षक डॉ सुशील भाटी ने बताया कि डक्टिंग दुरुस्त कराने के बाद 0भी सही नहीं हो पा रहे हैं. इसलिए वैकल्पिक इंतजाम कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि कुछ जगहों पर एसी खराब होने की शिकायत मिली है, उन्हें ठीक कराए गए हैं. इसके अलावा कूलर भी लगा रहे हैं.
गहलोत ने उठाए सवाल: वहीं पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी स्वास्थ्य सुविधाओं पर सवाल खड़े किए हैं. गहलोत ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि छह महीने पहले तक राजस्थान के हेल्थ मॉडल, चिरंजीवी बीमा, हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर की चर्चा एवं सराहना पूरे देश में हो रही थी, लेकिन ये बेहद दुख की बात है कि भाजपा सरकार के आने के बाद से ही चिकित्सा सुविधाओं पर सरकार का कोई ध्यान ही नहीं है. आज मुख्यमंत्री के गृह जिले के अस्पतालों से लेकर जयपुर के SMS अस्पताल तक में बदइंतजामी की खबरों से अखबार भरे हुए हैं. चिकित्सा सुविधाओं की बेहतरी सरकार का पहला उद्देश्य होना चाहिए. मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को सभी जिलों के संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक कर चिकित्सा सुविधाओं को पुन: ट्रैक पर लाने के लिए योजना बनानी चाहिए. अन्यथा गरीब और मध्यम वर्ग की परेशानी रोज बढ़ती जाएगी.
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अवकाश निरस्त: वहीं चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश में हीटवेव के प्रकोप के दृष्टिगत सभी चिकित्सा कार्मिकों के अवकाश निरस्त कर मुख्यालय पर ही रहने के लिए पाबंद किया है. विशेष परिस्थितियों में सक्षम स्तर से स्वीकृति उपरांत ही कार्मिक अवकाश पर जा सकेंगे. अवकाश स्वीकृति की सूचना निदेशालय को आवश्यक रूप से देनी होगी. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह के निर्देश पर इस संबंध में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य निदेशालय ने एक परिपत्र जारी किया है. परिपत्र के अनुसार चिकित्सकों, नर्सिंग एवं पैरामेडिकल स्टाफ के अवकाश निरस्त कर उन्हें लू—तापघात से बचाव एवं उपचार के लिए आवश्यक प्रबंध करने के निर्देश दिए गए हैं.